WHO ने अपने शीर्ष अधिकारी Takeshi Kasai को किया बर्खास्त, कर्मचारियों पर की थी नस्लवादी टिप्पणी
WHO ने अपने एक शीर्ष अधिकारी को नस्लवादी अपमानजनक और अनैतिक व्यवहार करने के मामले में बर्खास्त कर दिया। बुधवार को कर्मचारियों को भेजे गए एक ईमेल में डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक ने कहा कि आंतरिक जांच के बाद डॉ. ताकेशी कसाई को अनैतिक व्यवहार में लिप्त पाया गया है।
लंदन, एपी। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अपने एक शीर्ष अधिकारी को नस्लवादी, अपमानजनक और अनैतिक व्यवहार करने के मामले में बर्खास्त कर दिया। बुधवार को कर्मचारियों को भेजे गए एक ईमेल में डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस एडनाम घेब्रेयसस (Tedros Adhanom Ghebreyesus) ने कहा कि आंतरिक जांच के बाद डॉ. ताकेशी कसाई को अनैतिक व्यवहार में लिप्त पाया गया है, जिसके बाद उनकी नियुक्ति को रद्द कर दिया गया है। मालूम हो कि पिछले साल दर्जनों स्टाफ सदस्यों ने उन पर नस्लवादी, अपमानजनक और अनैतिक व्यवहार का आरोप लगाया था।
ईमेल में कसाई का नहीं लिया नाम
टेड्रोस ने कर्मचारियों को भेजे गए ईमेल में कसाई का नाम नहीं लिया। हालांकि पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में क्षेत्रीय निदेशक के रूप में उन्होंने अपने शीर्षक का संदर्भ दिया। मालूम हो कि डब्ल्यूएचओ के इतिहास में यह पहली बार है कि किसी क्षेत्रीय निदेशक को इस तरह से बर्खास्त किया गया है।
अगले महीने शुरू होगी क्षेत्रीय निदेशक के नामकरण की प्रक्रिया
डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस ने लिखा, "यह हम सभी के लिए एक अभूतपूर्व और चुनौतीपूर्ण यात्रा रही है।" उन्होंने आगे कहा कि अक्टूबर में होने वाले चुनाव के साथ पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र के लिए एक नए क्षेत्रीय निदेशक के नामकरण की प्रक्रिया अगले महीने शुरू होगी।
कसाई ने की थी कर्मचारियों पर नस्लवादी टिप्पणी
पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में क्षेत्रीय निदेशक के रूप में कसाई के नामांकन का समर्थन करने वाली जापानी सरकार ने इस मामले में टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है। दस्तावेजों और रिकॉर्डिंग से पता चलता है कि कसाई ने अपने कर्मचारियों के लिए नस्लवादी टिप्पणी की। इस दौरान उन्होंने कुछ प्रशांत देशों में COVID-19 को उनकी हीन संस्कृति, नस्ल और सामाजिक आर्थिक स्तर के कारण क्षमता की कमी के लिए जिम्मेदार ठहराया।
30 से अधिक कर्मचारियों ने की थी शिकायत
मालूम हो कि 30 से अधिक अज्ञात डब्ल्यूएचओ कर्मचारियों ने निदेशक के बारे में डब्ल्यूएचओ के वरिष्ठ नेताओं और संगठन के कार्यकारी बोर्ड के सदस्यों को लिखित शिकायत भेजी थी।