Keir Starmer: तो क्या बदल जाएंगे ब्रिटेन और भारत के रिश्ते? पढ़ें उस मजदूर के बेटे की कहानी जो बनने जा रहा प्रधानमंत्री
Keir Starmer साल 2015 में पहली बार ब्रिटेन की संसद में दाखिल होने वाले 61 वर्षीय किएर स्टार्मर के हाथों में अब ब्रिटेन की जिम्मेदारी होगी। लंदन के ऑक्सटेड शहर में जन्मे कीर ने 50 साल की उम्र में राजनीति में एंट्री की है। कीर ने चुनाव से पहले साफ तौर पर कहा था कि अगर लोग बदलाव चाहते हैं तो लेबर पार्टी को वोट करें।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। UK Election 2024। ब्रिटेन आम चुनाव में लेबर पार्टी 14 साल बाद एक बार फिर सरकार बनाने जा रही है। एग्जिट पोल में लेबर पार्टी (Labour Party) बहुमत हासिल कर सकती है। वहीं कंजरवेटिव पार्टी को उसके इतिहास में सबसे कम सीटें मिल सकती हैं।
लेबर पार्टी अब तक 412 सीटें जीत चुकी है और कंजर्वेटिव पार्टी केवल 121 सीटें जीती हैं। बहुमत के लिए कुल 650 सीटों में से 326 सीटें चाहिए होती हैं।
लेबर पार्टी को बहुमत मिलने के बाद ह्ययूम राइट्स बैरिस्टर से नेता बने किएर स्टार्मर (Keir Starmer), ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री होंगे। होलबोर्न और सेंट पैनक्रास सीट से उन्होंने 18,884 वोटों से जीत हासिल कर ली है।
साल 2015 में पहली बार ब्रिटेन की संसद में दाखिल होने वाले किएर स्टार्मर की जिंदगी पर एक नजर।
61 वर्षीय किएर स्टार्मर का जन्म लंदन के ऑक्सटेड शहर में हुआ था। उनके पिता टूलमेकर थे और मां एनएचएस नर्स थीं। 2015 में कीर के पहली बार सांसद बनने के कुछ दिनों के बाद ही उनकी मां का निधन हो गया।
स्टार्मर सरे के एक छोटे शहर में पले-बढ़े। कीर के दो बच्चे हैं। उनकी पत्नी विक्टोरिया राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (एनएचएस) की कर्मचारी हैं। उन्होंने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है। वो लेबर पार्टी की अगुआई वाली सरकार में लोक अभियोजन निदेशक (डीपीपी) भी रह चुके हैं।
ब्रिटेन में क्या बदलाव चाहते हैं किएर?
गौरतलब है कि उन्होंने 50 साल की उम्र में राजनीति में एंट्री की है। फुटबॉल में आर्सनल क्लब को सपोर्ट करने वाले कीर ने चुनाव से पहले साफ तौर पर कहा था कि अगर लोग बदलाव चाहते हैं तो लेबर पार्टी को वोट करें। हमारी पार्टी की कोशिश होगी की देश को खराब हालत से बाहर निकाला जाए। खासकर देश की बुरी अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाया जाए।
साल 2019 के बाद लेबर पार्टी में मुख्य नेता के तौर पर उभरे कीर ने कहा है कि उनकी सरकार का पूरा ध्यान देश की अर्थव्यवस्था और नेशनल हेल्थ सर्विस को बेहतर बनाने केंद्रित होगा।
क्या बदल जाएगी भारत और ब्रिटेन की विदेश नीति?
सबसे बड़ा सवाल है कि किएर स्टार्मर के प्रधानमंत्री बनने के बाद ब्रिटेन और भारत की विदेश नीति में क्या बदलाव आएंगे। कुछ दिनों पहले उन्होंने कहा था,"मेरी लेबर सरकार भारत के साथ लोकतंत्र के हमारे साझा मूल्यों पर आधारित संबंध स्थापित करेगी। इसमें एक फ्री ट्रेड एग्रीमेंट भी शामिल होगा। हम दोनों देशों के बीच वैश्विक सुरक्षा, जलवायु सुरक्षा, आर्थिक सुरक्षा के लिए एक नई रणनीतिक साझेदारी भी चाहते हैं।
बता दें कि भारत और ब्रिटेन के बीच पिछले दो सालों से प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर बातचीत चल रही है।
फलस्तीन की पैरवी कर रही लेबर पार्टी
वहीं, उनकी विदेश नीति, कंजर्वेटिव पार्टी से थोड़ी अलग हो सकती है। इजरायल -गाजा युद्ध में ब्रिटेन का स्टैंड थोड़ा अलग दिख सकता है। लेबर पार्टी इजरायल में हथियारों की बिक्री रोकने की योजना बना रही है। वहीं, लेबर पार्टी फलिस्तीनी देश को मान्यता देने की वकालत करते आई है।