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सुप्रीम कोर्ट में ED ने महाधिवक्‍ता राजीव रंजन पर लगाए आरोप, कहा- जांच एजेंसी के खिलाफ साजिश रचने में रहे शामिल

Hemant Soren सुप्रीम कोर्ट में पूर्व मुख्‍यमंत्री हेमंत सोरेन की अंतरिम जमानत याचिका मामले में दाखिल हलफनामे में ईडी ने दावा किया है कि जांच एजेंसी के खिलाफ साजिश रचने में महाधिवक्‍ता शामिल रहे हैं। ईडी ने कहा कि राज्य के सर्वोच्च कानून अधिकारी होते हुए भी महाधिवक्‍ता ने हेमंत सोरेन की पेशी व रिमांड के दौरान भी उनका बचाव किया।

By Dilip Kumar Edited By: Arijita Sen Updated: Thu, 23 May 2024 07:57 AM (IST)
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सुप्रीम कोर्ट में हेमंत सोरेन की अंतरिम जमानत याचिका मामले में दाखिल हलफनामे में ईडी का दावा

राज्य ब्यूरो, रांची। सर्वोच्च न्यायालय में पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अंतरिम जमानत याचिका मामले में दाखिल हलफनामे में ईडी ने दावा किया है कि जांच एजेंसी के विरुद्ध साजिश रचने में महाधिवक्ता राजीव रंजन शामिल रहे हैं। इस संबंध में ईडी के पास महाधिवक्ता के विरुद्ध पर्याप्त सबूत है।

विजय हांसदा संबंधित कानूनी प्रक्रिया महाधिवक्ता की देखरेख में हुई: ईडी

ईडी ने सर्वोच्च न्यायालय में दाखिल हलफनामे में बताया है कि ईडी झारखंड में 1250 करोड़ रुपये का अवैध पत्थर खनन मामले की जांच कर रही है। पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य में अपने पावर का दुरुपयोग किया।

उन्होंने अवैध पत्थर खनन मामले में प्रमुख गवाह रहे विजय हांसदा को ईडी की गवाही से मुकरने पर विवश किया और विजय हांसदा के माध्यम से ईडी के अधिकारियों के विरुद्ध भारतीय दंड विधि की धारा व एससी-एसटी एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज करवा दी।

इतना ही नहीं, झारखंड पुलिस ने ईडी के अधिकारियों के विरुद्ध विजय हांसदा का बयान भी कोर्ट के सामने दर्ज करवा दिया। इसमें महाधिवक्ता ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। ईडी ने कोर्ट में दावा किया है कि विजय हांसदा से संबंधित सभी कानूनी प्रक्रिया महाधिवक्ता की देखरेख में हुई है।

ईडी के पास इससे संबंधित सबूत भी है। राज्य के सर्वोच्च विधि अधिकारी होने के नाते महाधिवक्ता ने हेमंत सोरेन का बचाव भी किया और उनकी पेशी और रिमांड के दौरान उनके पक्ष में दलीलें दीं।

ईडी ने कोर्ट को बताया है कि महाधिवक्ता राज्य के सर्वोच्च कानून अधिकारी होते हैं। इसके बावजूद उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पेशी व रिमांड के दौरान भी हेमंत सोरेन का बचाव किया और उनके लिए बहस की। रांची में भूमि घोटाला मामले में हेमंत सोरेन 31 जनवरी को गिरफ्तार किए गए थे।

विजय हांसदा की प्राथमिकी पर ही ईडी ने किया था अवैध पत्थर खनन का पर्दाफाश

ईडी ने अपने हलफनामा में बताया है कि विजय हांसदा ने ही साहिबगंज में अवैध पत्थर खनन से संबंधित प्राथमिकी कराई थी। इसी केस को आधार बनाकर ईडी ने ईसीआइआर किया और बड़ा खुलासा किया था।

बाद में विजय हांसदा नाटकीय अंदाज में मुकर गया और ईडी के दो सहायक निदेशकों पर आइपीसी व एससी-एसटी एक्ट में प्राथमिकी दर्ज करवा दी।

अवैध पत्थर खनन झारखंड का बड़ा घोटाला है, जिसने झारखंड की राजनीति में हड़कंप मचा दिया। इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के सहयोगी पंकज मिश्रा को मुख्य षडयंत्रकर्ता के रूप में ईडी ने गिरफ्तार किया था। ईडी ने हेमंत सोरेन को भी इस घोटाले का लाभार्थी बताया था।

विधि परामर्श देने को बाध्य है महाधिवक्ता: राजीव रंजन

महाधिवक्ता राजीव रंजन ने ईडी के आरोपों पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि यदि राज्य सरकार का कोई अधिकारी किसी मामले पर उनसे सलाह लेने आता है, तो उसे विधिक परामर्श देने को वह बाध्य हैं। विजय हांसदा मामले में एक एसपी ने परामर्श मांगा था और मैंने परामर्श दिया था।

सीनियर एडवोकेट की हैसियत से केंद्र सरकार के खिलाफ रखा था पक्ष: राजीव रंजन

हेमंत सोरेन ने गिरफ्तारी के पहले अपना इस्तीफा सौंप दिया था। इसके बाद वह मुख्यमंत्री नहीं थे। हेमंत सोरेन की पेशी और रिमांड के समय दो दिन उन्होंने एक सीनियर एडवोकेट की हैसियत से केंद्र सरकार के खिलाफ पक्ष रखा था। इसके बाद हेमंत सोरेन ने दूसरा वकील रख लिया। ऐसे में ईडी का आरोप बेबुनियाद है।

ईडी ने महाधिवक्ता पर लगाया आरोप

पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अंतरिम जमानत पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान ईडी ने कई दावे किए हैं। ईडी ने सुप्रीम कोर्ट में शपथपत्र दाखिल कर कहा है कि हेमंत सोरेन अपने खिलाफ मामलों को प्रभावित करने के लिए सरकारी मशीनरी का इस्तेमाल कर रहे हैं। यहां तक की उन्होंने राज्य के महाधिवक्ता का भी इस्तेमाल किया।

जनवरी में ईडी ने हेमंत सोरेन को भूमि घोटाले के मामले में गिरफ्तार किया था। ईडी ने अपने शपथपत्र में जमीन घोटाला, टेंडर घोटाला, ग्रामीण विकास विभाग में राशि के दुरूपयोग, अवैध खनन की जिक्र करते हुए कहा है कि इन सभी घोटालों में सरकारी मशीनरी का इस्तेमाल किया गया है।

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