Durga Puja 2023: बाबा बूढ़ानाथ मंदिर में सजता है माता का भव्य दरबार, तीन पीढ़ियों से मां दुर्गा को जगाते आ रहे हैं मुस्लिम वादक
भागलपुर में बाबा बूढ़ानाथ के मंदिर में माता का दरबार भव्य तरीके से सजता है। यहां मातारानी हर किसी की मनोकामना पूरी करती हैं। मुरादें पूरी होने के कारण शहर का एक मुस्लिम परिवार भी इनका मुरीद है। यही वजह से है इलिल्लाह खां परिवार के लोग तीन पीढ़ियों से नवरात्र पर यहां सुबह-शाम शहनाई बजाकर मां को जगाते आ रहे हैं।
ललन तिवारी, भागलपुर। बाबा बूढ़ानाथ मंदिर में मां दुर्गा का भी भव्य दरबार सजता है। यहां मां की आराधना द्वापर युग से ही किए जाने की बात कही जाती है। मातारानी सबों की झोलियां भरती हैं। मुरादें पूरी होने के कारण शहर का एक मुस्लिम परिवार भी इनका मुरीद है।
यही वजह से है इलिल्लाह खां परिवार के लोग तीन पीढ़ियों से नवरात्र पर यहां सुबह-शाम शहनाई बजाकर मां को जगाते आ रहे हैं। बूढ़ानाथ मंदिर में होने वाला शहनाई वादन गंगा जमुनी संस्कृति की जीती जागती मिशाल है।
फिलहाल यहां इलिल्लाह खां के भाई नजाकत अली, जाहिर हुसैन, काली हुसैन शहनाई वादन कर रहे हैं। तबले पर नजाकत संगत करते हैं।
आस्था के आगे टूट गई धर्म की दीवार
बताया जाता है कि मातारानी ने 100 वर्ष पहले इस परिवार की झोली भरी थी। जिसके बाद आस्था ऐसी हुई कि धर्म की दरो-दीवार टूट गई।
पहले शारदीय नवरात्र के दौरान सिर्फ सुबह चार बजे शहनाई बजाकर मां को जगाने का विधान था। बाद में शाम के वक्त भी शहनाई वादन शुरू करा दिया गया। किसी-किसी वर्ष रोजा और दुर्गा पूजा एक साथ पड़ जाने के बाद भी यह परिवार अपने पुरखों की परंपरा को टूटने नहीं देता।
बूढ़ानाथ मंदिर में मुस्लिम परिवार कब से शहनवाई वादन कर रहा है यह बताना संभव नहीं है। पर यह बता सकता हूं कि एक ही मुस्लिम परिवार के लोग यहां नवरात्र में नौ दिनों तक सुबह शाम शहनाई बजाते हैं। शहनाई वादन करने वाली यह उनकी तीसरी पीढ़ी है। मातारानी के प्रति इनकी अपार श्रद्धा है। शहनाई की धुन से मां को जगाया जाता है।
- बाल्मिकी सिंह, प्रबंधक, बूढ़ानाथ मंदिर भागलपुर
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