ट्रेनों में अब हवा से चलेंगे पंखे, पटना के इन छात्रों ने तैयार की ये खास तकनीक; भारत सरकार से मिला पेटेंट
पटना के बख्तियारपुर इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों ने एक ऐसा कारनामा करके दिखाया है जिसकी मदद से ट्रेनों में अब हवा की मदद से पंखे चलेंगे। बख्तियारपुर इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों ने प्राकृतिक वायु प्रवाह प्रणाली का डिजाइन विकसित किया है। भारत सरकार ने छात्रों की इस डिजाइन को पेटेंट दे दिया है। इस तकनीक की मदद से ट्रेनों में बिजली की खपत कम करने में मदद मिलेगी।
जागरण संवाददाता, पटना। बिहार की राजधानी पटना स्थित बख्तियारपुर इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों गजब का कारनामा करके दिखाया है। कॉलेज के होनहार छात्रों ने एक ऐसी तकनीक डिजाइन की है, जिसकी मदद से पंखे अपने आप हवा में चलेंगे।
इन छात्रों द्वारा इजाद की गई प्राकृतिक वायु प्रवाह प्रणाली के डिजाइन को भारत सरकार ने भी पेटेंट दे दिया है। भारतीय पेटेंट कार्यालय ने इस डिजाइन को अपनी मान्यता प्रदान कर दी है। इसकी मदद से ट्रेनों में बिजली की खपत और रखरखाव पर राशि कम खर्च होगी।
यह डिजाइन महाविद्यालय के यांत्रिक अभियांत्रिकी विभाग के बीटेक आठवें सेमेस्टर के छात्र पीयूष कुमार, तुषार सिन्हा, आर्यन गुप्ता व मुकुल कुमार की टीम ने तैयार किया है।
ट्रेन के जनरल एवं स्लीपर कोच में पंखों से होने वाली बिजली की खपत को कम करने में प्राकृतिक हवादार वायु प्रवाह प्रणाली का प्रयोग स्तर पर सफल रहा है।टीम को यांत्रिक अभियांत्रिकी विभाग के सह-प्राध्यापक डॉ. अनिल सिंह यादव ने मार्गदर्शन दिया है। प्रो. अनिल सिंह यादव महाविद्यालय के नवाचार प्रकोष्ठ के अध्यक्ष भी हैं।
24 घंटे में 730 यूनिट की होती है खपत
प्रो. अनिल सिंह यादव ने बताया कि परंपरागत भारतीय ट्रेन के जनरल एवं स्लीपर कोच में बिजली से चलने वाले पंखे लगे होते हैं, यह हमेशा चलते रहते हैं। जरूरत नहीं होने पर भी बिजली की खपत होती है।सामान्य तौर पर एक ट्रेन में स्लीपर और जनरल के 15 कोच होते हैं। हर एक कोच में नौ कंपार्टमेंट होते हैं। हर एक कंपार्टमेंट में तीन पंखे लगे होते हैं। इस हिसाब से एक ट्रेन में 405 पंखे लगे होते हैं।
प्रत्येक पंखे की ऊर्जा खपत लगभग 75 वाट होती है। इस प्रकार से यदि एक ट्रेन में सभी पंखे 12 घंटे चलते हैं तो बिजली की खपत 365 यूनिटी होती है। 24 घंटे चलते हैं तो बिजली खपत 730 यूनिट होती है।
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