बिहार के सरकारी स्कूलों में शुरू हुई रैंकिंग प्रक्रिया, इन आधार पर मिलेंगे ग्रेड
बिहार के 81 हजार सरकारी स्कूलों में रैंकिंग की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। शिक्षा विभाग ने इसके लिए हर जिले में दो-दो अधिकारियों की टीम बनाएगी। ये टीम विद्यालय में संचालित गतिविधियों जैसे-शिक्षण और अधिगम संसाधन उपयोग साफ-सफाई स्वच्छता आदि का निरीक्षण कर स्कूलों को अंक देगी। स्कूलों को मिलने वाले अंक के आधार पर उन्हें ग्रेड दिए जाएंगे।
राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य के सभी 81 हजार सरकारी विद्यालयों की रैंकिंग प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है। यह रैंकिंग साल में दो बार होगी। साथ ही शिक्षा विभाग ने अभी से यह तय किया है कि रैंकिंग में बेहतर प्रदर्शन नहीं करने वाले विद्यालयों में सुधार के लिए ठोस उपाय किए जाएंगे।
इसके लिए विभाग ने प्रत्येक जिले के लिए दो-दो अधिकारियों की टीम बनाई है, जो अभी से जिलों में जाकर रैंकिंग प्रक्रिया का निरीक्षण करेगी। यह रैंकिंग प्रतिवर्ष नवंबर एवं मार्च में होनी है।
राज्य में 43 हजार प्राथमिक विद्यालय हैं, जहां पहली से पांचवीं कक्षा तक पढ़ाई होती है। 29 हजार मध्य विद्यालय हैं, जहां पहली से आठवीं कक्षा तक की पढ़ाई होती है। नौ हजार 360 माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालय हैं, जहां नौवीं से बारहवीं कक्षा तक की पढ़ाई होती है।
स्कूली सुधार के लिए प्रधानाध्यापकों व शिक्षकों को देने होंगे ये सुझाव
- शिक्षा विभाग के मुताबिक सरकारी विद्यालयों में और क्या-क्या सुधार की आवश्यकता है?
- इसके बारे में प्रधानाध्यापकों को शिक्षा विभाग के फार्मेट में भरना होगा और सुधार के बारे में आवश्यक सुझाव भी देने होंगे।
- विद्यालय शिक्षा समितियों से भी स्कूली शिक्षा में सुधार के बारे में सलाह ली जाएगी।
बता दें कि शिक्षा विभाग ने प्रत्येक विद्यालय में संचालित विभिन्न गतिविधियों जैसे-शिक्षण और अधिगम, संसाधन उपयोग, साफ-सफाई, स्वच्छता, शिकायत निवारण इत्यादि के लिए अंक तय किए हैं, जिसका कुल योग 100 है।
नंबर के आधार पर स्कूलों को मिलेंगे ग्रेड
- रैंकिंग में 85 से 100 भारांक हासिल करने वाले विद्यालयों को ए प्लस ग्रेड के साथ फाइव स्टार।
- 75 से 84 भारांक हासिल करने वाले विद्यालयों को ए ग्रेड के साथ फोर स्टार।
- 50 से 74 भारांक हासिल करने वाले विद्यालयों को बी ग्रेड के साथ थ्री स्टार।
- 25 से 49 भारांक हासिल करने वाले विद्यालयों की सी ग्रेड के साथ टू स्टार ।
- 0 से 24 भारांक हासिल करने वाले स्कूलों को डी ग्रेड के साथ वन स्टार मिलेगा।
नए निर्माण के लिए स्वास्थ्य व शिक्षा विभाग मांग रहे भवन निर्माण विभाग से मदद
सरकार ने करीब पांच वर्ष पहले ही स्वास्थ्य विभाग एवं शिक्षा विभाग से संबंधित निर्माण परियोजना के क्रियान्वयन, मानीटरिंग और रखरखाव के लिए अलग से निगमों का गठन कर दिया है। बावजूद इसके स्वास्थ्य एवं शिक्षा विभाग अपनी योजना के क्रियान्वयन, मॉनीटरिंग या रखरखाव के लिए भवन निर्माण विभाग से मदद मांग रहे हैं।ऐसे अनेक प्रस्ताव मिलने के बाद भवन निर्माण विभाग ने स्पष्ट करते हुए कहा है कि पहले विभाग की अनुमति प्राप्त करें इसके बाद ही निर्माण से जुड़ी किसी परियोजना पर भवन निर्माण विभाग अपनी सहमति देगा।भवन निर्माण विभाग से मिली जानकारी के अनुसार विभाग के ऊपर बढ़ते कार्य दायित्वों को देखते हुए सरकार ने 2019-2020 में शिक्षा विभाग और स्वास्थ्य विभाग से जुड़ी निर्माण परियोजना के लिए दो अलग-अलग निगमों का गठन कर दिया था। जिसकी स्वीकृति राज्य मंत्रिमंडल ने भी दे दी थी।
शिक्षा विभाग की निर्माण योजना के कार्यान्वयन के लिए बिहार शैक्षणिक आधारभूत संरचना निगम जबकि स्वास्थ्य की योजनाओं के लिए बिहार स्वास्थ्य सेवाएं आधारभूत संरचना निगम की स्थापना की गई।निगम गठन के बाद भी हाल ही में भवन निर्माण निगम को इन दोनों विभागों की ओर से भवन निर्माण के कई प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। जिसके बाद विभाग ने सरकार द्वारा पूर्व में लिए गए निर्णयों का हवाला देकर कहा है कि संबंधित विभाग की किसी भी परियोजना का काम भवन निर्माण विभाग द्वारा नहीं किया जाएगा।
जिला स्तर पर भी ऐसी किसी परियोजना का काम न किया जाए। यदि कार्य करना बेहद आवश्यक है कि जिले पहले विभाग से अनुमति प्राप्त करें।ये भी पढ़ेंछठ पर नए कपड़े नहीं दिलाने से नाराज किशोरी ने की आत्महत्या! 2 भाई गिरफ्तार; मर्डर का एंगल भी जांच रही पुलिस
Kanya Utthan Yojana: माता-पिता को कार्यालयों के चक्कर से मिलेगी मुक्ति, घर बैठे पा सकेंगे कन्या उत्थान की राशि
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।