Bihar Politics: सुशील मोदी का CM नीतीश पर तंज, PM ने दिलाई नालंदा को खोई हुई पहचान, अब हो रहा विकास
राज्यसभा सदस्य सुशील मोदी ने कहा कि एनडीए सरकार के समय नालंदा अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय (एनआइयू) का विकास तेज हुआ और यहां बौद्ध दर्शन अंतरराष्ट्रीय संबंध सहित सभी छह पाठ्यक्रमों की पढाई जारी है। यहां 30 देशों के छात्र हैं। न कोई पाठ्यक्रम बंद हुआ है न किसी पाठ्यक्रम में बदलाव किया गया है। एनडीए सरकार के नौ वर्ष में नालंदा विश्वविद्यालय का पुनरुथान किया।
पटना राज्य ब्यूरो। राज्यसभा सदस्य सुशील मोदी ने कहा कि एनडीए सरकार के समय नालंदा अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय (एनआइयू) का विकास तेज हुआ और यहां बौद्ध दर्शन, अंतरराष्ट्रीय संबंध सहित सभी छह पाठ्यक्रमों की पढाई जारी है। यहां 30 देशों के छात्र हैं। न कोई पाठ्यक्रम बंद हुआ है, न किसी पाठ्यक्रम में बदलाव किया गया है।
एनडीए सरकार के नौ वर्ष में नालंदा विश्वविद्यालय का पुनरुथान देख कर बख्तियार खिलजी को पुरखा मानने वालों की छाती फट रही है। इस विश्वविद्यालय की स्थापना जिस यूपीए सरकार के समय हुई थी, उसने इसे 2010-2014 तक मात्र 29.78 करोड़ रुपये का अनुदान दिया, जबकि एनडीए सरकार ने नौ वर्ष (2014-2023) में अब तक 1744.90 करोड़ रुपये का अनुदान दिया।
उन्होंने कहा कि क्या अनुदान में भारी वृद्धि करना किसी की उपेक्षा का सूचक है? इतने उदार अनुदान के लिए तो नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त करना चाहिए। इस विश्वविद्यालय में 223 छात्र ज्ञान के विभिन्न अनुशासन (स्कूल) में अध्ययनरत हैं। इनमें 157 अन्य देशों से आये हैं। विदेश मंत्रालय यहां पढने वाले विदेशियों के लिए छात्रवृत्ति में लगातार वृद्धि कर रहा है।
डेंगू की रोकथाम व चिकित्सा में स्वास्थ्य व नगर विकास विभाग विफल
भाजपा विधानमंडल दल के नेता विजय सिन्हा ने राज्य में डेंगू मरीजों की संख्या डेढ़ हजार पार करने पर गहरी चिंता जताई है। उन्होंने कहा है कि डेंगू की रोकथाम एवं चिकित्सा में क्रमश नगर विकास और स्वास्थ्य विभाग विफल हो गया है। सरकारी अस्पतालों में हाहाकार मचा हुआ है। एक माह पूर्व सरकार को आगाह किया था कि डेंगू महामारी का रूप ले रहा है।
रोकने एवं निपटने की तैयारी तेज होनी चाहिए। सरकारी आंकड़ा में कुल 1585 डेंगू पीड़ित मरीज दिखाए जा रहे है लेकिन वास्तविकता में इनकी संख्या काफी अधिक है। राज्य सरकार सच्चाई बाहर नहीं आने देना चाहती है। पीड़ित लोग निजी अस्पताल में शरण लेने को मजबूर हैं। सरकारी अस्पताल में दवा, बेड एवं चिकित्सकों का अभाव है। राज्य के लोग अवगत हैं कि डेंगू पीड़ित होने पर राजनेता एवं अधिकारी पटना के निजी अस्पताल में भर्त्ती हो रहे हैं।