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पटना हाईकोर्ट ने PFI मामले में एक को दी सशर्त जमानत, पुलिस ने आतंकी मॉड्यूल से जुड़े 3 लोगों को किया था गिरफ्तार

पटना हाई कोर्ट ने पीएफआई के सक्रिय सदस्य होने और फुलवारी आतंकी माड्यूल में संलिप्त होने के आरोप में गिरफ्तार तीन सदस्यों में से एक को सशर्त जमानत दे दी है। हाई कोर्ट ने इस शर्त पर जमानत दी है कि नुरुद्दीन जंगी को अपना पासपोर्ट जमा कराना होगा। साथ ही उसे इस मामले की जांच में सहयोग करना होगा।

By Jagran NewsEdited By: Mukul KumarUpdated: Wed, 29 Nov 2023 01:36 PM (IST)
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प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर

राज्य ब्यूरो, पटना। पटना हाई कोर्ट ने प्रतिबंधित इस्लामिक संगठन पीएफआई के सक्रिय सदस्य होने एवं फुलवारी आतंकी माड्यूल में संलिप्त होने के आरोप में गिरफ्तार तीन सदस्यों में से एक नुरुद्दीन जंगी उर्फ एडवोकेट नुरुद्दीन जंगी को सशर्त जमानत दे दी।

न्यायाधीश आशुतोष कुमार एवं न्यायाधीश आलोक कुमार पांडेय की खंडपीठ ने मो. जलालुद्दीन एवं अथर परवेज को जमानत देने से इन्कार कर दिया। वही कोर्ट ने यह शर्त रखी है कि नुरुद्दीन जंगी को अपना पासपोर्ट जमा कराना होगा। साथ ही उसे इस मामले की जांच में सहयोग करना होगा।

पीएफआई के सक्रिय सदस्य होने के आरोप में गिरफ्तारी

उल्लेखनीय है कि पुलिस ने जलालुद्दीन खान उर्फ मो जलालुद्दीन और अथर परवेज को पीएफआई के सक्रिय सदस्य होने के आरोप में गिरफ्तार किया था और फुलवारीशरीफ थाना कांड संख्या 827/22 दर्ज कर कार्रवाई शुरू की थी। बाद में इस मामले की जांच का जिम्मा एनआईए को 22 जुलाई, 2022 को सौंप दिया गया था।

न्यायालय को बताया गया कि सरकार ने अगस्त 2022 में पीएफआई को प्रतिबंधित संगठन घोषित किया। यह प्रतिबंधित संगठन घोषित करने के पूर्व की घटना है। इससे पहले पटना स्थित एनआईए की विशेष अदालत ने इनको जमानत देने से इन्कार कर दिया था।

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