सच के साथी-सीनियर्स: विश्वास न्यूज ने पटना में दिया फैक्ट चेकिंग का प्रशिक्षण, मुजफ्फरपुर में भी होगा सेमिनार
Vishwas News जागरण न्यू मीडिया की फैक्ट चेकिंग वेबसाइट विश्वास न्यूज की टीम मंगलवार को अपने मीडिया साक्षरता अभियान सच के साथी सीनियर्स के तहत बिहार की राजधानी पटना में थी। इस कार्यक्रम में विश्वास न्यूज की डिप्टी एडिटर एवं एवं फैक्ट चेकर पल्लवी मिश्रा और जागरण न्यू मीडिया के एसोसिएट एडिटर विवेक तिवारी ने उपस्थित लोगों को संबोधित किया।
डिजिटल डेस्क, पटना। जागरण न्यू मीडिया की फैक्ट चेकिंग वेबसाइट विश्वास न्यूज की टीम मंगलवार को अपने मीडिया साक्षरता अभियान 'सच के साथी सीनियर्स' के तहत बिहार की राजधानी पटना में थी।
इस कार्यक्रम में विश्वास न्यूज की डिप्टी एडिटर एवं एवं फैक्ट चेकर पल्लवी मिश्रा और जागरण न्यू मीडिया के एसोसिएट एडिटर विवेक तिवारी ने उपस्थित लोगों को संबोधित किया। पटना के बाद बुधवार को मुजफ्फरपुर में भी ऐसे सेमिनार का आयोजन किया जाएगा।
खासतौर से वरिष्ठ नागरिकों के लिए आयोजित इस कार्यशाला को संबोधित करते हुए पल्लवी मिश्रा ने विश्वास न्यूज और सच के साथी अभियान के बारे में विस्तार से बताया।
उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया से लेकर मोबाइल तक पर रोजाना सैकड़ों की तादाद में मैसेज आते हैं। यदि इन्हें बिना सोचे-समझे आगे बढ़ा दिया जाए तो समाज को भारी नुकसान हो सकता है। इसलिए हर मैसेज को फॉरवर्ड करने से पहले चेक कर लेना बेहद जरूरी है।
"वायरल मैसेज पर शंका हो तो उसे जरूर जांचना चाहिए"
गूगल ओपन सर्च, गूगल लेंस, गूगल रिवर्स इमेज जैसे टूल के बारे में जानकारी देते हुए पल्लवी मिश्रा ने बताया कि इंटरनेट पर कई टूल्स मौजूद हैं, जिनकी मदद से आसानी से फर्जी तस्वीरों, वीडियो और संदेश की जांच की जा सकती है। यदि किसी भी वायरल मैसेज पर शंका हो तो उसे जरूर जांचना चाहिए। यदि आप खुद नहीं चेक कर सकते हैं तो उस विषय के जानकार की मदद लेनी चाहिए।
विवेक तिवारी ने फर्जी और भ्रामक मैसेज के अलावा मिस इन्फॉर्मेशन और डिस इन्फॉर्मेशन के अंतर को विस्तार से बताया।
उन्होंने प्रतिभागियों को फैक्ट चेकिंग के गुर से रूबरू कराते हुए कहा कि वर्तमान समय में फर्जी और भ्रामक सूचनाएं एक बड़े संकट के रूप में सामने आ रही हैं। इस अभियान का उद्देश्य डिजिटल मिस-इन्फॉर्मेशन के युग में वरिष्ठ नागरिकों को जरूरी प्रशिक्षण के साथ जागरूक करना है।
डीपफेक वीडियो को ऐसे पहचानें
विश्वास न्यूज की डिप्टी एडिटर पल्लवी मिश्रा ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि आने वाले वक्त में डीपफेक वीडियो और फोटो का इस्तेमाल लोगों को नुकसान पहुंचाने के लिए हो सकता है। इसलिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का इस्तेमाल जिम्मेदारी और समझदारी के संग करने की आवश्यकता है। थोड़ी-सी समझदारी और ऑनलाइन टूल्स के माध्यम से डीपफेक वीडियो और तस्वीरों को पहचाना जा सकता है।
मतदान जरूर करें
कार्यक्रम में लोगों से अपील की गई कि हर चुनाव में मतदान जरूर करें। चुनाव के वक्त कई प्रकार की झूठी और भ्रामक सूचनाएं और पोस्ट वायरल होती हैं। इनके बारे में जानकारी जुटाकर मतदान के संबंध में निर्णय लें। चुनाव के वक्त किसी भी प्रकार का मैसेज फॉरवर्ड करने से पहले सतर्क रहने की आवश्यकता है।
20 को मुजफ्फरपुर में सेमिनार
पटना के बाद बुधवार को मुजफ्फरपुर में भी ऐसे सेमिनार का आयोजन किया जाएगा। वहीं, गया और भागलपुर के प्रतिभागियों के लिए 20 दिसंबर को वेबिनार का आयोजन किया जाएगा। इससे पहले विश्वास न्यूज की ओर से यूपी, मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना के लोगों के लिए भी सेमिनार और वेबिनार आयोजित किया जा चुका है।
अभियान के बारे में
'सच के साथी सीनियर्स' भारत में तेजी से बढ़ रही फेक और भ्रामक सूचनाओं के मुद्दे को उठाने वाला मीडिया साक्षरता अभियान है। कार्यक्रम का उद्देश्य 15 राज्यों के 50 शहरों में सेमिनार और वेबिनार की श्रृंखला के माध्यम से स्रोतों का विश्लेषण करने, विश्वसनीय और अविश्वसनीय जानकारी के बीच अंतर करते हुए वरिष्ठ नागरिकों को तार्किक निर्णय लेने में मदद करना है।
गूगल न्यूज इनिशिएटिव (जीएनआई) की सहायता से संचालित हो रहे इस कार्यक्रम का अकादमिक भागीदार माइका (मुद्रा इंस्टीट्यूट ऑफ कम्युनिकेशंस, अहमदाबाद) है।