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Bihar Caste Census: बस संपत्ति मत पूछिए साहब!... जाति बताने में हमें कोई दिक्‍कत नहीं है

Bihar Caste Census बिहार में जाति आधारित जनगणना शुरू हो चुकी है। हालांकि जनगणना कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। जनणना कर्मियों के सामने सबसे बड़ी समस्या ये आ रही है कि लोग अपनी जमीन आय मकान और उम्र समेत कई जानकारी देने में आनाकानी कर रहे हैं।

By Kundan SinghEdited By: Mohit TripathiUpdated: Thu, 27 Apr 2023 05:38 PM (IST)
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Bihar Caste Census: जाति आधारित गणना में आर्थिक स्थिति बताने से कतरा रहे लोग।

संवाद सूत्र, सहरसा। Bihar Caste Census: बिहार में जाति आधारित जनगणना शुरू हो चुकी है। हालांकि जनगणना कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। जनगणना के दौरान आम लोग अपनी जाति बताने में कोई परहेज नहीं कर रहे हैं लेकिन जब जनगणनाकर्मी उनसे उनकी आर्थिक स्थिति के बारे में पूछते हैं तो वे उन्हें गलत जानकारी दे रहे हैं। ऐसा केवल सहरसा में ही नहीं बल्कि राज्य के कई हिस्सों में हो रहा है।

जनगणना कर्मियों को नहीं दे रहे सही जानकारी

जनगणना कर्मियों की सबसे बड़ी परेशानी यह है कि लोग पहले तो जानकारी देने के लिए समय नहीं देना चाहते हैं। इसके अलावा दूसरी बड़ी समस्या ये आ रही है कि लोग अपनी जमीन, आय, मकान और उम्र समेत कई जानकारी देने में आनाकानी कर रहे हैं।

जनगणना कर्मी लक्ष्मी और किशोर कुमार ने बताया कि अधिकांश लोग अपनी जमीन काफी कम बता रहे हैं, वहीं कई पक्का मकान होते हुए भी अपने मकान को कच्चा मकान बता रहे हैं। कई की आमदनी लाखों में हैं लेकिन वे हजारों में बता रहे हैं।

जनगणना कर्मी बोले, बताई जानकारी को भरने के लिए मजबूर हैं हम

उन्होंने अपनी विवशता जाहिर करते हुए कहा कि लोग अपने बारे में जो बता रहे हैं, उसे फार्म में भरना उनकी मजबूरी है। वहीं कई लोग कर्मियों से गणना पर भी सवाल उठा रहे हैं। इस कारण कर्मियों को कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

जानकारी के मुताबिक, नवहट्टा प्रखंड में प्रथम चरण में 42 हजार 735 परिवार की पहचान की गई थी। दूसरे चरण में इन सभी के अलावा अन्य नए लोगों की भी पहचान कर गणना की जा रही है। 15 अप्रैल से दूसरे चरण का गणना कार्य चल रहा है, जो एक महीने तक चलेगा।

गणना कर्मियों को सही जानकारी दें

चार्ज पदाधिकारी सह बीडीओ जितेंद्र कुमार लोगों को सही जानकारी देने की सलाह देते हैं। गलत जानकारी से भविष्य में परेशानी खड़ी करेगी। जाति आधारित गणना के आंकड़े डाटा में संग्रहित रहेंगे। जब जरूरत हो सरकार उसे देख सकती है क्योंकि इस बार एप से भी गणना हो रही हैं। इसलिए आम लोगों को सावधान रहने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि आधार कार्ड, पैन कार्ड, बैंक खाते,एलपीसी, जमीन की रसीद आदि से आपकी सभी प्रकार की आर्थिक जानकारी सरकार के पास सुरक्षित है। आप सही जानकारी देंगे तो उसी के आधार पर सरकारी योजनाओं को बनाने में भी मदद मिलेगी, जिसका लाभ जरूरतमंदों को मिल सकेगा।

नेट स्लो चलने से ऐप पर कम लोड हो रहे डाटा

जाति आधारित गणना के दौरान नेटवर्किंग व्यवस्था सही नहीं रहने के कारण सही ढंग से काम नहीं कर रहा है। इसका परिणाम यह हो रहा है कि गणना कर्मियों को ऐप पर डाटा अपलोड करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ऑफलाइन गणना हो चुकी है, वहीं एप पर गणना अपडेट कम हुई है।