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कुछ मिनट की खातिर जान जोखिम में डाल लेते हैं लोग

रेलवे ट्रैक पर पिछले कुछ सालों में हई कई घटनाओं के बाद भी न तो आरपीएफ चेता है और न ही आमलोग। जल्दबाजी में गंतव्य तक पहुंचने के लिए लोग रेलवे ट्रैक का सहारा लेते हैं। समस्तीपुर जंक्शन के पश्चिमी यार्ड में इन दिनों लोगों ने ट्रैक को ही आम रास्ता बना लिया है।

By JagranEdited By: Updated: Tue, 30 Oct 2018 06:16 PM (IST)
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कुछ मिनट की खातिर जान जोखिम में डाल लेते हैं लोग

समस्तीपुर । रेलवे ट्रैक पर पिछले कुछ सालों में हई कई घटनाओं के बाद भी न तो आरपीएफ चेता है और न ही आमलोग। जल्दबाजी में गंतव्य तक पहुंचने के लिए लोग रेलवे ट्रैक का सहारा लेते हैं। समस्तीपुर जंक्शन के पश्चिमी यार्ड में इन दिनों लोगों ने ट्रैक को ही आम रास्ता बना लिया है। आपकी ¨जदगी आपके लिए न सही, आपके अपनों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। थोड़ी सी समय एवं पैसे की बचत के लिए अपनी जान जोखिम में ना डाले, एक जिम्मेदारी नागरिक होने के नाते रेल सुविधाओं का नियमपूर्वक एवं सुरक्षित ढ़ंग से उपभोग कर दूसरों के लिए प्रेरक बनें। यह तस्वीर रेलवे ट्रैक पर चलते उन लोगों की है जो कुछ मिनटों और रुपयों को बचाने के लिए अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं। स्टेशन पहुंचने के लिए मुख्य सड़क मार्ग के बदले शॉर्ट कट का रास्ता अपनाते हैं। यार्ड एरिया में जगह-जगह दीवार टूटने की वजह से लोग बस पड़ाव से पैदल ही स्टेशन परिसर में प्रवेश कर जाते हैं। वहीं जंक्शन से घर जाने वाले यात्री भी मुख्य सड़क मार्ग के बदले रेलवे ट्रैक के रास्ते ही निकल जाते हैं। कुछ यात्री तो स्टेशन पहुंचने के पहले ही धीमी गति में चलती ट्रेन से उतर जाते हैं। कहीं कोई दुर्घटना हो जाए तो इसका जवाबदेह भी रेलवे को ही करार दे दिया जाता है।

समस्तीपुर जंक्शन के पूर्वी और पश्चिमी यार्ड में इन दिनों यात्रियों ने रेल परिसर से बाहर निकलने का रास्ता बना लिया हैं। इस पर रोक लगाने के लिए आरपीएफ भी पूरी तरह गंभीर नहीं हैं। हालांकि, पूर्व के दिनों में मंडल सुरक्षा आयुक्त अंशुमान राम त्रिपाठी ने यार्ड से मुख्य सड़क पर निकलने के लिए टूटे हुए स्थानों पर बाउंड्री कराने की बात कहीं थी। लेकिन, आरपीएफ पोस्ट द्वारा नियमित रुप से ट्रैक के रास्ते चलने वालों पर कार्रवाई नहीं की जा रही है। इस वजह से अधिकतर यात्री यार्ड के रास्ते ही मुख्य सड़क पर जाते हैं।

रेल उपयोगकर्ताओं एवं आम जनता की सुरक्षा समस्तीपुर रेल मंडल प्रशासन की हमेशा से प्राथमिकता रही है। रेल प्रशासन द्वारा दुर्घटनाओं को देखते हुए यात्रियों को सोशल मीडिया से जागरुक भी कर रही है। इसके लिए पूर्व मध्य रेल द्वारा रेल उपयोगकर्ताओं और जनता को सुरक्षा के प्रति जागरुक करने के लिए समय-समय पर कई कदम उठाए जाते रहे हैं। इसके तहत स्टेशनों पर यात्री उद्घोषणा प्रणाली द्वारा समय-समय पर यह अनाउंस की जाती है कि वे रेलवे ट्रैक पार न करें, प्लेटफॉर्मों के किनारे न खड़े हो, चलती ट्रेन में न चढ़े और उतरे, ट्रैक के किनारे सेल्फी या फोटोग्राफी न करें। इसके साथ ही उन्हें सुरक्षा के प्रति जागरुक करने के लिए स्टेशनों पर इससे संबंधित पोस्टर या बैनर लगाए जाते हैं। साथ ही जगह-जगह पर नुक्कड़ नाटक का भी मंचन किया जाता हैं। इसके अलावा विभिन्न जन संचार माध्यमों यथा- समाचार पत्र, टेलीविजन, सिनेमाघरों, सोशल मीडिया द्वारा भी लोगों को जागरुक किया जाता हैं।

रेलवे द्वारा आम जनता को यह बताया जाता है कि यदि कोई व्यक्ति रेलवे ट्रैक गलत ढ़ंग से पार करता है तो रेलवे एक्ट 1989 की धारा 147 के तहत उसे छह माह की सजा या एक हजार रुपये का जुर्माना या दोनों हो सकता हैं। प्राय: यह देखा जाता है कि बिना फुट ओवरब्रिज के इस्तेमाल से रेलवे ट्रैक पार करते हुए लेवल क्रॉ¨सग गेट को असावधानीपूर्वक या बंद होने पर जबरन पार करते हैं। रेलवे ट्रैक पर सेल्फी लेते हुए या ईयरफोन लगाकर रेलवे ट्रैक पर चलते हुए पार करते हैं। रेलवे ट्रैक पर हल्ला-हंगामा करते हुए अक्सर तेज गति से चलती ट्रेन दुर्घटना के शिकार हो जा रहे हैं। इससे न केवल उनकी जान को खतरा रहता है बल्कि रेल परिचालन में भी बाधा पहुंचती है।

वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक विरेन्द्र कुमार ने बताया कि समस्तीपुर रेल मंडल में यात्रियों को सही मार्ग से जाने के लिए लगातार जागरुक किया जा रहा है। रेलवे समाचार पत्रों के साथ-साथ सोशल मीडिया के माध्यम से भी जागरुक कर रहा है। बावजूद रेलवे ट्रैक के रास्ते लोग चलते हैं। इसको लेकर रेलवे एक्ट के तहत कार्रवाई भी की जा रही है।