कोल इंडिया ने सरकार को दिए 9,560 करोड़ रुपये, पिछले वर्ष की तुलना में 2 फीसदी से ज्यादा की गिरावट
कोयला मंत्रालय के प्रारंभिक आंकड़ों के अनुसार अप्रैल-मई 2023 के दौरान कोल इंडिया ने सरकारी खजाने में 9777.64 करोड़ रुपयये का योगदान दिया था। मई में कंपनी ने 4763.20 करोड़ रुपये का योगदान दिया है जो पिछले वर्ष समान अवधि में 4716.5 करोड़ रुपये था। वित्त वर्ष 2025 के लिए कोल इंडिया का उत्पादन और उठाव 838 मीट्रिक टन रहने का अनुमान है।
पीटीआई, नई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड ने चालू वित्त वर्ष 2024-25 के पहले दो महीनों यानी अप्रैल और मई के दौरान सरकारी खजाने में 9,560.28 करोड़ रुपये का योगदान दिया है। इसमें पिछले वर्ष की समान अवधि के मुकाबले 2.2 प्रतिशत की गिरावट रही है। कोल इंडिया लिमिटेड के घरेलू कोयला उत्पादन में करीब 80 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
कोयला मंत्रालय के प्रारंभिक आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल-मई 2023 के दौरान कोल इंडिया ने सरकारी खजाने में 9,777.64 करोड़ रुपयये का योगदान दिया था। मई में कंपनी ने 4,763.20 करोड़ रुपये का योगदान दिया है जो पिछले वर्ष समान अवधि में 4,716.5 करोड़ रुपये था।
कंपनी की ओर से सरकार को यह भुगतान केंद्र और राज्य सरकारों की रॉयल्टी, जीएसटी, सेस और अन्य शुल्कों के मद में किया जाता है। कोयला उत्पादन से राज्य सरकारों को भी राजस्व मिलता है।
वित्त वर्ष 24 के पहले दो महीनों में सरकारी खजाने में भुगतान की गई कुल राशि में से, झारखंड राज्य सरकार को अधिकतम 2,122.39 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया। इसके बाद ओडिशा को 2,116.15 करोड़ रुपये, छत्तीसगढ़ को 1,933.59 करोड़ रुपये, मध्य प्रदेश को 1,496.80 करोड़ रुपये और महाराष्ट्र को 1,048.44 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया।
राज्य सरकारें कोयले के विक्रय मूल्य पर रॉयल्टी का 14 प्रतिशत तथा प्रस्तावित जिला खनिज फाउंडेशन (डीएमएफ) के लिए रॉयल्टी का 30 प्रतिशत अंशदान प्राप्त करने की हकदार हैं - जिसका उद्देश्य विभिन्न परियोजनाओं से प्रभावित लोगों की सहायता करना है - तथा कोयला कम्पनियों तथा निजी क्षेत्र द्वारा उत्पादित शुष्क ईंधन से एनएमईटी का दो प्रतिशत प्राप्त करने की हकदार हैं।
वित्त वर्ष 2025 के लिए कोल इंडिया का उत्पादन और उठाव 838 मीट्रिक टन रहने का अनुमान है।