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16 करोड़ के पार जा सकता है इस वर्ष घरेलू हवाई यातायात

2024-25 के दौरान भारत का घरेलू हवाई यातायात छह से आठ प्रतिशत बढ़कर 16 करोड़ यात्रियों के पार जा सकता है। रिपोर्ट में अनुमान जताया गया है कि चालू वित्त वर्ष में भारत की विमानन कंपनियों को 40 से 60 करोड़ डॉलर का घाटा हो सकता है। मार्च 2025 के अंत तक घरेलू कंपनियों के पास 812 विमानों होंगे और इसमें 84 विमानों की बढ़ोतरी होगी।

By Agency Edited By: Ankita Pandey Updated: Wed, 05 Jun 2024 08:12 PM (IST)
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16 करोड़ के पार जा सकता है इस वर्ष घरेलू हवाई यातायात

पीटीआई, नई दिल्ली। चालू वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान भारत का घरेलू हवाई यातायात छह से आठ प्रतिशत बढ़कर 16 करोड़ यात्रियों के पार जा सकता है। विमानन क्षेत्र की सलाहकार फर्म सीएपीए ने बुधवार को एक रिपोर्ट में यह बात कही। रिपोर्ट में कहा गया है कि मार्च 2025 के अंत तक भारत का अंतरराष्ट्रीय हवाई यातायात 7.8 करोड़ यात्री तक हो सकता है और इसमें 9-11 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान है।

रिपोर्ट में अनुमान जताया गया है कि चालू वित्त वर्ष में भारत की विमानन कंपनियों को 40 से 60 करोड़ डॉलर का घाटा हो सकता है। घाटे का एक कारण विमानों के खड़े होने के चलते कंपनियों की क्षमता में कमी आना है। इस समय विभिन्न कंपनियों के करीब 130 विमान खड़े हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि मार्च 2025 के अंत तक घरेलू कंपनियों के पास 812 विमानों होंगे और इसमें 84 विमानों की बढ़ोतरी होगी।

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गो फर्स्ट ने पिछले साल नहीं भरी उड़ान

गो फर्स्ट ने पिछले साल उड़ान भरना बंद कर दिया था।  CAPA इंडिया ने कहा कि शुद्ध प्रेरण 84 होने की उम्मीद है, जिससे मार्च 2025 के अंत तक घरेलू वाहकों के पास विमानों की कुल संख्या 812 हो जाएगी।

पिछले वित्त वर्ष में, बेड़े की संख्या 728 थी। फरवरी 2024 तक 1,700 से अधिक विमानों का ऑर्डर दिया गया है। वर्तमान भारतीय ऑर्डर बुक सेवा में मौजूद विमानों की संख्या के दोगुने से भी अधिक है। यह दुनिया में अब तक का सबसे अधिक अनुपात है, जो भविष्य के विकास के बारे में आशावाद को दर्शाता है।

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