खरीफ मौसम में भी नहीं महंगे होंगे उर्वरक, खाद सब्सिडी के रूप 24 हजार करोड़ रुपये की मंजूरी
केंद्र सरकार ने कहा है कि खरीफ मौसम में भी उर्वरक नहीं महंगे होंगे। कैबिनेट की बैठक में गुरुवार को खाद सब्सिडी के रूप में 24 हजार 420 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई। सरकार के इस फैसले से किसानों को रियायती एवं किफायती मूल्य पर उर्वरक पहली अप्रैल से 30 सितंबर तक मिलते रहेंगे। आइये इसके बारे में जानते हैं।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। यूरिया समेत अन्य उर्वरकों के मूल्य में खरीफ मौसम में भी वृद्धि नहीं होगी। केंद्र सरकार ने खाद्य सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए पिछले वर्ष के मूल्य पर ही इस साल भी उर्वरक बेचने का निर्णय लिया है और किसानों को मिलने वाली उर्वरक सब्सिडी को बरकरार रखा है।
खाद सब्सिडी के लिए मिली मंजूरी
कैबिनेट की बैठक में गुरुवार को खाद सब्सिडी के रूप में 24 हजार 420 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई। सरकार के इस फैसले से किसानों को रियायती एवं किफायती मूल्य पर उर्वरक पहली अप्रैल से 30 सितंबर तक मिलते रहेंगे। डीएपी का 50 किलो का एक बैग 1,350 रुपये, एनपीके का बैग 1,470 रुपये एवं एमओपी का बैग 1,677 रुपये में मिलता है।
यह भी पढ़ें - India Q3 GDP: अर्थव्यवस्था ने लगाई 8.4 फीसद की छलांग, तीसरी तिमाही में जीडीपी विकास दर में तेजी
तीन नए उर्वरकों को किया शामिल
पोषक तत्व आधारित सब्सिडी (एनबीएस) योजना के तहत तीन नए उर्वरकों को भी शामिल किया गया है। इनमें नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश और सल्फर के अनुपात अलग-अलग हैं, जिनके इस्तेमाल से मिट्टी के पोषक तत्वों का संतुलन बना रहेगा और पैदावार में भी वृद्धि होगी।
उल्लेखनीय है कि उर्वरक सब्सिडी की दरें वार्षिक या द्विवार्षिक आधार पर निर्धारित की जाती हैं। खरीफ वर्ष 2024 में नाइट्रोजन के लिए 47.02 रुपये, फास्फोरस के लिए 28.72 रुपये, पोटाश के लिए 2.38 रुपये और सल्फर के लिए 1.89 रुपये प्रतिकिलो सब्सिडी निर्धारित की गई है। इसके अतिरिक्त कुछ उर्वरकों के लिए फ्रेट सब्सिडी भी दी जाती है। इससे किसानों को पुरानी दर पर ही खाद मिलते हैं।