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पोंजी ऐप्स के खिलाफ सख्त हुई सरकार, MeitY और RBI मिलकर करेंगे कार्रवाई

फर्जी पोंजी ऐप्स पर शिकंजा कसने को लेकर MeitY और RBI ने हाथ मिलाया है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक कार्यक्रम में निवेशकों को सोशल और फाइनेंशियल इन्फ्लुएंसर से भी सतर्क रहने को कहा है। (जागरण फोटो)

By Siddharth PriyadarshiEdited By: Siddharth PriyadarshiUpdated: Sun, 23 Apr 2023 08:25 PM (IST)
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government strict against Ponzi apps MeitY and RBI will take action together

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। देश में तेजी से बढ़ते फर्जी एप्स के मामले पर शिकंजा कसने को लेकर इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) और केंद्रीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हाथ मिलाया है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि फर्जी एप्स भोले-भाले निवेशकों की गाढ़ी कमाई को छीन रहे है, जिसे रोकना बेहद जरूरी है।

उन्होंने पोंजी ऐप को लेकर निवेशकों का आगाह करते हुए कहा कि उन्हें भी सावधानी बरतनी चाहिए और आकर्षक रिटर्न के बहकावे में नहीं आना चाहिए। सीतारमण ने कहा कि हर ओर सामाजिक व वित्तीय इन्फ्लुएंसर (प्रभावित करने वाले) फैले हुए हैं, लेकिन हम सभी को सावधानी बरतनी चाहिए। दोहरी जांच करनी चाहिए, कभी भी झुंड के साथ नहीं जाना चाहिए, ताकि मेहनत की कमाई की रक्षा की जा सके।

निवेशक आकर्षक रिटर्न के बहकावे में न आएं

फर्जी ऐप्स के खिलाफ निवेशकों को आगाह करते हुए सीतारमण ने कहा कि निवेशकों को अपनी सावधानी बरतनी चाहिए। वित्त मंत्री ने कहा कि निवेशकों को नकली और फर्जी एप्स के द्वारा किए गए आकर्षक रिटर्न के दावों के बहकावे में नहीं आना चाहिए। वित्त मंत्री ने कहा कि निवेशकों को भी इन्फ्लुएंसर्स से सावधान रहना चाहिए।

तुमकुर (कर्नाटक) में थिंकर्स फोरम में बोलते हुए वित्त मंत्री ने सभी सोशल इनफ्लुएंसर और फाइनेंशियल इनफ्लुएंसर को आगाह करते हुए कहा कि कुछ भी बताने से पहले दो बार जरूर चेक कर लें, हर चीज को कउंटर चेक करें और लोगों की कमाई की रक्षा करें।

वित्त मंत्री ने निवेशकों को भी आगाह करते हुए कहा कि एनफ्लुएंसर्स से सावधान रहें। वित्त मंत्री ने कहा कि 10 में तीन या चार लोग ऐसे होते हैं, जो अच्छी सलाह देते हैं, बाकी के सात किसी न किसी अन्य विचार से प्रेरित होते हैं।

क्या होती है पोंजी योजना

पोंजी योजना निवेशकों के साथ एक प्रकार की धोखाधड़ी होती है। इसमें नए निवेशकों से जुटाए धन से पुराने निवेशकों को पैसा दिया जाता है और कुछ समय के बाद योजना पूरी तरह से डूब जाती है। ऐसी योजनाओं में निवेशकों को अप्रत्याशित रिटर्न का वादा किया जाता है।

इस कानून से मिलती है मदद

आपको बता दें कि साल 2019 में सरकार ने अनरेगुलेटेड डिपॉजिट स्कीम्स एक्ट नाम से एक कानून बनाया था, जो अनियमित संस्थाओं को जमा एकत्र करने और गरीबों को ठगने और उनकी गाढ़ी कमाई को हड़पने से रोकता है। इस एक्ट के अनुसार, जो भी डिपॉजिटर, डिपॉजिट का अनुरोध कर धारा 3 का उल्लंघन करता है, वो कम से कम वर्ष एक से पांच वर्ष तक के कारावास से दंडित होगा।

यह एक्ट देश में अवैध रूप से जमा गतिविधियों के खतरे से निपटने में मदद करता है। जमा पैसे की कालाबाजारी में लगे लोग वर्तमान में गरीब और भोले-भाले लोगों की गाढ़ी कमाई ठगने के लिए सख्त प्रशासनिक उपायों की कमी का फायदा उठा रहे हैं।

क्रिप्टो संपत्तियों पर विनियमन के लिए वैश्विक सहमति जरूरी

वित्त मंत्री ने कहा कि क्रिप्टो संपत्तियों पर विनियमन के लिए वैश्विक सहमति जरूरी है। अगर ऐसे किसी भी प्रयास को सभी देशों की सहमति नहीं मिलती है तो यह प्रभावी नहीं होगा। जी20 अध्यक्षता के तहत भारत ने क्रिप्टो संपत्तियों पर नियमन को अपने एजेंडे में शामिल किया है।

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भी क्रिप्टोकरेंसी पर एक पेपर तैयार किया है। इसमें बताया गया है कि क्रिप्टोकरेंसी किस प्रकार मैक्रोइकोनमिक स्थिरता को प्रभावित कर सकता है। सीतारमण ने कहा कि जी-20 की ओर से गठित वित्तीय स्थिरता बोर्ड (एफएसबी) भी एक रिपोर्ट तैयार करेगा, जो वित्तीय स्थिरता पर केंद्रित होगी। आईएमएफ और एफएसबी की रिपोर्ट पर जुलाई में होने वाली जी-20 देशों के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंकों के गवर्नर की बैठक में चर्चा की जाएगी।

महंगाई को थामने की कोशिश जारी

वित्त मंत्री ने कहा कि कोरोना खत्म नहीं हुआ था कि यूरोप में युद्ध शुरू हो गया। इसका वैश्विक असर हुआ था। इससे तेल की कीमतें बढ़ गईं और कई देशों में खाद्य असुरक्षा पैदा हो गई। कोरोना के दौरान कई विकसित देशों ने पैसा छापा और बांटा। इसका असर यह हुआ कि उन देशों में महंगाई में दो अंकों में पहुंच गई, जो पिछले 30-40 वर्षों में नहीं देखी गई थी।