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2023 में आने वाली बिजली की मांग को पूरा करने के लिए सरकार की तैयारियां तेज, इन दो बिंदुओं पर हो रहा काम

केंद्रीय पावर सेक्रेटरी आलोक कुमार ने बताया कि देश में अप्रैल 2023 में बिजली की मांग 230 गीगावाट तक पहुंच सकती है। वहीं अप्रैल 2022 में बिजली की मांग अपने उच्चतम स्तर 201.06 गीगावॉट तक पहुंच गई थी।

By Abhinav ShalyaEdited By: Updated: Sun, 11 Dec 2022 01:16 PM (IST)
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Govt will take all possible measures to meet peak demand in April 23 (Jagran File Photo)
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। केंद्रीय पावर सेक्रेटरी आलोक कुमार ने कहा कि केंद्र सरकार अप्रैल 2023 में अनुमानित 230 गीगावॉट विद्युत मांग को पूरा करने के लिए हर संभव प्रयास करेगी। पावर सेक्रेट्री का बयान ऐसे समय पर आया है, जब बीते बुधवार को केंद्रीय पावर मिनिस्टर आरके सिंह ने मंत्रालय के अधिकारियों के साथ अप्रैल में आने वाली मांग की पूरा करने के लिए बैठक की थी।

केंद्रीय पावर मंत्रालय की ओर से बुलाई गई इस बैठक में बड़े अधिकारी और सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी (CEA) के चेयरपर्सन घनश्याम प्रसाद के साथ दूसरे मंत्रालय के बड़े अधिकारी शामिल हुए थे।

दो बिंदुओं पर काम जारी 

मीटिंग के बाद केंद्रीय सचिव की ओर से समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया गया कि सरकार दो बिंदुओं पर कार्य कर रही है। पहला -हमारे पास मांग के मुताबिक बिजली उत्पादन करने की क्षमता हो। साथ ही कंपनियों को कहा गया है कि मेंटेनेंस कार्य को समय से खत्म कर लिया जाए, जिससे जरूरत के समय पर कोई समस्या ना हो।

उन्होंने आगे कहा कि अगले साल अप्रैल में बिजली की मांग 230 गीगावॉट तक जा सकती है। आंकड़ों के अनुसार,  26 अप्रैल 2022 को 14:51 पर 201.06 गीगावॉट तक पहुंच गई थी।

दूसरा बिजली प्रोडक्शन के लिए समय पर जितना अधिक कोयले का उत्पादन हो सकता है और पावर प्लांट तक पहुंच सकता है इस पर बातचीत की गई। इसके साथ ही कोयला मंत्रालय और रेलवे मंत्रालय के साथ इस पर लगातार बैठकें की जा रही हैं।

कोयला आयात का विकल्प खुला

जब कोयला आयात के बारे में अधिकारियों से पूछा गया तो उन्होंने जवाब दिया कि इसका विकल्प खुला रखा गया है। अप्रैल में बिजली की मांग को पूरा करने के लिए जो कुछ हो सकेगा सरकार करेगी।

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