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भारत या चीन? आने वाले वर्षों में विदेशी निवेशकों के लिए कौन-सा देश होगा फेवरेट, क्यों भारी पड़ रहा है इंडिया

भारत और चीन दोनों ही देश के बाजार इमर्जिंग मार्केट की लिस्ट में शामिल है। चीन दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश है। भारत कई सालों से विकसित देश बनने का प्रयास कर रहा है। ऐसे में यह जरूर जान लेना चाहिए कि भारत और चीन की अर्थव्यवस्था की बढ़ोतरी का असर क्या होगा? बढ़ती हुई विकास दर किन घटकों पर असर डालेगी?  (जागरण फाइल फोटो)

By Priyanka KumariEdited By: Priyanka KumariUpdated: Tue, 08 Aug 2023 08:30 AM (IST)
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आने वाले वर्षों में विदेशी निवेशकों के लिए कौन सा देश होगा फेवरेट

 नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क।  दुनिया में सबसे ज्यादा आबादी वाले देशों में भारत अभी टॉप-1 पर आ गया है। भारत ने चीन को भी पीछे छोड़ दिया है। भारत कई दशकों से विकसित देशों में शामिल होने के लिए प्रयास कर रहा है। ऐसे में कई विश्लेषकों को उम्मीद है कि भारत का पूंजीकरण 2075 तक चार गुना हो जाएगा। यह 12 फीसदी तक पहुंच जाएगा, जो चीन के बराबर होगी। इसी समय कई विश्लेषकों ने अनुमान लगाया है कि अमेरिका की हिस्सेदारी में 22 फीसदी तक कम हो सकती है।

भारत और चीन की अर्थव्यवस्था

भारत और चीन दोनों ही निवेशक हैं। ऐसे में दोनों देश आर्थिक लाभ कमाने की कोशिश कर रहे हैं। चीन दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। इसमें विशाल उपभोक्ता बाजार और मैन्युफैक्चरिंग यूनिट शामिल है। भारत का पश्चिमी देशों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध ने भारत की अर्थव्यवस्था को काफी बल दिया है।

ऐसे में माना जा रहा है कि भारत हर साल लगभग 6 से 7 फीसदी चीन की अर्थव्यवस्था को पीछे छोड़ देगा। इसका मिडिल क्लास पर असर पड़ेगा। आइए, जानते हैं कि ऐसे में भारत की अर्थव्यवस्था पर क्या असर पड़ेगा।

निवेश के अवसर खुलेंगे

भारत में नए बाजार उभरेंगे, इस से भारत को फायदा होगा। वहीं कई कंपनियां चीन के लिए विनिर्माण का ऑप्शन तलाश रही होगी। विश्व स्तर पर भारत संरचनात्मक विकास करेगा। भारत के विकास दर में बढ़ोतरी से उत्पादों सहित उपभोक्ता खर्च भी बढ़ेगा। इसके अलावा निवेश के नए अवसर खुलेंगे।

भारतीय शेयर बाजार पर असर

इसी के साथ भारतीय शेयर बाजार में तेजी देखने को मिलेगी। भारतीय शेयर महंगे हो जाएंगे। विदेशी निवेशक दोनों देशों के बाजार की तुलना कर रहे हैं। वह यह तय कर रहे हैं कि उन्हें कहां निवेश करना चाहिए। भारत में स्टॉक चुनना पूरी तरह प्रौद्योगिकी और डिजिटलीकरण पर आधारित है। चीन बाजार में बिकवाली जारी है। ऐसे में चीन अतीत की उच्च वृद्धि हासिल नहीं कर पाएगा। इस वजह से वहां मौजूद अवसर सीमित हो जाएंगे।

प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि

कोई भी निवेशक शेयर बाजार में निवेश करने का फैसला लेने से पहले उस देश की अर्थव्यवस्था पर नजर रखता है। अगर भारत विकास दर में वृद्धि के साथ प्रदर्शन करता है तो भारत में प्रति व्यक्ति आय में भी बढ़ोतरी होगी। अगर प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद वर्तमान में लगभग $10,000-$12,000 से बढ़कर $20,000-$30,000 हो जाता है तो यह जबरदस्त वृद्धि मानी जाएगी।

माना जा रहा है कि आने वाले वर्षों में चीन और न केवल अमेरिका, बल्कि जापान, दक्षिण कोरिया और यूरोप के बीच भी भू-राजनीतिक तनाव बढ़ने की संभावना है।