Byju's में निवेश पर इन्वेस्टमेंट फर्म को 40 हजार करोड़ का नुकसान, वैल्यूएशन भी किया जीरो
नीदरलैंड की इन्वेस्टमेंट फर्म प्रोसस ने अपनी वित्त वर्ष 2024 की सालाना रिपोर्ट में कहा कि उसे बायजूज में निवेश पर करीब 40 हजार करोड़ रुपये (49.3 करोड़ डॉलर) का नुकसान हुआ है। इन्वेस्टमेंट फर्म ने बताया कि उसके पास बायजूज की वित्तीय स्थिति देनदारियों और भविष्य के नजरिए के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। फाइनेंशियल फर्म HSBC ने भी बायजूज की वैल्यूएशन जीरो कर दी थी।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। नीदरलैंड की इन्वेस्टमेंट फर्म प्रोसस (Prosus) ने एजुटेक स्टार्टअप बायजूज में अपनी 9.6 फीसदी हिस्सेदारी की पूरी कीमत बट्टे खाते में डाल दी है। इसका मतलब है कि प्रोसस ने मान लिया है कि बायजूज में उसका पूरा निवेश डूब गया और उसे वहां से अब कोई फायदा नहीं होने वाला।
40 हजार करोड़ रुपये का नुकसान
यह शायद पहली बार है, जब किसी बड़े निवेशक ने टेक स्टार्टअप में अपने इतने बड़े इन्वेस्टमेंट को बट्टे खाते में डाला हो। प्रोसेस ने बायजूज की वैल्यूएशन शून्य (Zero) आंकी है। उसने अपनी वित्त वर्ष 2024 की सालाना रिपोर्ट में कहा कि उसे बायजूज में निवेश पर करीब 40 हजार करोड़ रुपये (49.3 करोड़ डॉलर) का नुकसान हुआ है।
प्रोसस ने बायजूज में निवेश कोरोना महामारी से पहले 2019 में शुरू किया था। उस वक्त बायजूज स्टार्टअप का दुनिया का सबसे चमकता सितारा थी। यूनिकॉर्न स्टार्टअप बन चुकी बायजूज के बारे में लोगों का मानना था कि कोरोना महामारी के दौर में इसका कारोबार काफी बढ़ने वाला है, क्योंकि उस वक्त लॉकडाउन जैसी पाबंदियां लागू थीं।
53.6 करोड़ डॉलर का था निवेश
कोरोनाकाल खत्म होने के बाद बायजूज के लिए चीजें काफी खराब हो गईं। उसका कारोबार पटरी से उतर गया। उसने अपनी प्रतिस्पर्धी कंपनियों को भी खरीद लिया, चाहे वे सफल थी या फिर नामा। उसका फोकस ऑनलाइन एजुकेशन पर अधिक था, लेकिन स्टूडेंट्स ने फिजिकल क्लासेज को ज्यादा तरजीह दी। फिर बायजूज के मैनेजमेंट और शेयरहोल्डर्स के बीच तनाव बढ़ने लगा। खुद प्रोसस ने कई मामलों में नाराजगी जताई।
प्रोसेस ने 2019 से अलग-अलग चरण में बायजूज में कुल 53.6 करोड़ डॉलर का निवेश किया था। बायजूज का वैल्यूएशन शून्य करने और निवेश को बट्टे में डालने पर प्रोसेस ने कहा, 'हमें बायजूज की वित्तीय स्थिति और देनदारियों के बारे में कोई सटीक जानकारी नहीं है। हमें यह भी नहीं पता कि कंपनी की भविष्य की योजना क्या है। लिहाजा, हमारे पास अपने निवेश को बट्टे खाते में डालने के अलावा कोई और विकल्प नहीं था।'
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