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मुकेश अंबानी की रिलायंस भी उठाएगी PLI का लाभ, ACC बैट्री का करेगी निर्माण

मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाले रिलायंस इंडस्ट्रीज समूह का चयन प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) स्कीम के तहत 10 गीगावाट-ऑवर (जीडब्ल्यूएच) क्षमता वाले एडवांस्ड केमेस्ट्री सेल (एसीसी) बैट्री मैन्युक्चरिंग के लिए किया है। मंत्रालय के मुताबिक गुणवत्ता व लागत मैकेनिज्म के आधार पर यह चयन किया गया है। एसीसी एनर्जी को स्टोर करने का एडवांस टेक्नोलाजी है। इसका उपयोग इलेक्ट्रिक वाहनों और पावर बैकअप के लिए किया जाएगा।

By Jagran News Edited By: Subhash Gariya Updated: Wed, 04 Sep 2024 08:22 PM (IST)
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मुकेश अंबानी की कंपनी बनाएंगी आधुनिक एसीसी बैटरी

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भारी उद्योग मंत्रालय ने प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) स्कीम के तहत 10 गीगावाट-ऑवर (जीडब्ल्यूएच) क्षमता वाले एडवांस्ड केमेस्ट्री सेल (एसीसी) बैट्री मैन्युक्चरिंग के लिए मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाले रिलायंस इंडस्ट्रीज समूह का चयन किया है। मंत्रालय के मुताबिक, गुणवत्ता व लागत मैकेनिज्म के आधार पर यह चयन किया गया है। एसीसी एनर्जी को स्टोर करने का एडवांस टेक्नोलाजी है जिसके तहत इलेक्ट्रिक एनर्जी को इलेक्ट्रोकेमिकल एनर्जी के रूप में स्टोर किया जाता है और फिर जरूरत पड़ने पर उसे बिजली में बदला सकता है। इसका इस्तेमाल इलेक्ट्रिक वाहनों से लेकर पावर बैक जैसी जगहों पर किया जा सकता है।

3 हजार करोड़ से ज्यादा का इंसेंटिव

पीएलआई स्कीम के तहत 10 जीडब्ल्यूएच एसीसी स्टोरेज क्षमता विकसित करने के लिए सरकार की तरफ 3620 करोड़ रुपए इंसेंटिव दिए जाएंगे। रिलायंस के अलावा एसीएमई क्लीनटेक सोल्यूशन, अमारा राजा एडवांस सेल टेक्नोलाजी, अन्वी पावर इंडस्ट्रीज, जेएसडब्ल्यू नियो एनर्जी, लुकास टीवीएस लिमिटेड ने पीएलआई स्कीम के तहत एसीसी बैट्री स्टोरेज मैन्युफैक्चरिंग के लिए आवेदन किए थे। पीएलआई स्कीम के तहत वर्ष 2021 में 50 जीडब्ल्यूएच क्षमता वाली एसीसी मैन्युफैक्चरिंग सुविधा विकसित करने का प्रस्ताव लाया गया था।

पेट्रोल-डीजल पर कम होगी निर्भरता

दो साल पहले पीएलआई स्कीम के तहत एसीसी मैन्युफैक्चरिंग के पहले चरण के आवंटन का काम पूरा हो चुका है। पहले चरण में तीन कंपनियों को 30 जीडब्ल्यूएच एसीसी स्टोरेज विकसित करने का काम दिया गया है। एसीसी की 50 जीडब्ल्यूएच क्षमता विकसित करने के लिए सरकार ने 18,100 करोड़ रुपए का प्रविधान रखा है।

एसीसी क्षमता विकसित होने से कम लागत पर बिजली का स्टोरेज किया जा सकेगा और पेट्रोल व डीजल की जगह बिजली का धड़ल्ले से इस्तेमाल हो सकेगा जिससे पेट्रोल व डीजल पर हमारी निर्भरता कम होगी और आयात बिल में भी भारी कमी आएगी।

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