RBI MPC Meet 2023: आरबीआई ने रेपो रेट से लेकर UPI तक पर किए ये बड़े एलान, जानिए एमपीसी बैठक की 10 मुख्य बातें
RBI MPC Meet 2023 Updates आज भारतीय रिजर्व बैंक की तीन दिवसीय बैठक खत्म हो गई है। इस बैठक में लिए गए फैसलों का ऐलान गवर्नर शक्तिकांत दास ने किया है। इस बार भी रेपो रेट को स्थिर बनाए रखने का फैसला लिया गया है। इस बैठक में लिए गए फैसलों का सीधा असर हमारी पॉकेट पर पड़ता है। आइए जानते हैं आरबीआई के फैसलों की 10 बड़ी बातें।
By Priyanka KumariEdited By: Priyanka KumariUpdated: Thu, 10 Aug 2023 02:37 PM (IST)
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। RBI MPC MEET 2023 Big Update: देश के केंद्रीय बैंक भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज सुबह प्रेस कॉन्फ्रेंस में एमपीसी बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी दी है। इस फैसलों का असर देश की अर्थव्यवस्था के साथ आम जिंदगी की पॉकेट पर भी पड़ेगा। आइए, जानते हैं नई मौद्रिक नीति की मुख्य बातें।
एमपीसी बैठक की 10 बड़ी बातें
- एमपीसी की तीन दिवसीय बैठक में रेपो रेट को स्थिर रखने का फैसला लिया गया है।
- आरबीआई गवर्नर दास ने कहा कि देश की बढ़ती आर्थिक स्थिति मजबूत है। दुनिया के लिए भारत आर्थिक वृद्धि के इंजन के तौर पर काम कर रहा है।
- देश में महंगाई को कंट्रोल करने के लिए काम किया जा रहा है। जबकि, खाद्य मुद्रास्फीति अभी भी चिंता का विषय बना है। ऐसे में नई मौद्रिक नीति महंगाई पर नजर बनाए रखेगी।
- भारत वैश्विक चुनौतियों से लड़ने में बाकी देशों की तुलना में काफी अच्छी स्थिति में है। चालू वित्त वर्ष 2023-24 में भारत की जीडीपी ग्रोथ 6.5 फीसदी पर रहने की उम्मीद है।
- आज के समय में वैश्विक अर्थव्यवस्था के सामने मुद्रास्फीति, भू राजनीतिक अनिश्चितता तथा प्रतिकूल मौसम परिस्थितियों एक चुनौती बन कर खड़ी है।
- टमाटर की वजह से सब्जियों की कीमतों में उछाल बना हुआ है। कुछ महीनों के बाद सब्जियों की कीमत में कटौती की संभावना है।
- वित्त वर्ष 2023-24 में मुद्रास्फीति का अनुमान अब 5.4 प्रतिशत हो गया है। वहीं दूसरी तिमाही में यह खुदरा मुद्रास्फीति 6.2 प्रतिशत का अनुमान लगाया जा रहा है। चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में खुदरा मुद्रास्फीति 5.7 प्रतिशत और चौथी में 5.2 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया जा रहा है।
- आने वाले हफ्तों में कच्चे तेल की कीमत में भी अस्थिरता बनी रहेगी। ऐसे में मांग आपूर्ति भी एक चुनौती हो सकती है।
- आरबीआई गवर्नर ने कहा कि दो हजार नोट को सिस्टम में वापस लेने के फैसले ने अर्थव्यवस्था में अधिक तरलता (liquidity) का स्तर बढ़ा दिया है। वहीं नकद आरक्षित अनुपात (CRR) 4.5 फीसदी पर स्थिर रखने का फैसला लिया है।
- फ्लोटिंग ब्याज दर वाले लोन के लिए ब्याज दरें को एक नए सिरे से शुरू किया जाएगा। इसके लिए एक पारदर्शी सिस्टम को भी लॉन्च किया जाएगा।