RBI On NPA: शहरी सहकारी बैंकों में एनपीए का स्तर चिंताजनक: शक्तिकांत दास
सोमवार को भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा बैंक जमाकर्ताओं पर चलते हैं। वह कहते हैं कि शहरी सहकारी बैंकों (यूसीबी) में कुल 8.7 प्रतिशत एनपीए (फंसे कर्ज) को लेकर केंद्रीय बैंक सहज नहीं है। उन्होंने शहरी सहकारी बैंकों से इस अनुपात को कम करने के लिए काम करने को कहा। वाणिज्यिक बैंकों का जीएनपीए मार्च 2023 में दशक के सबसे बेहतर स्तर 3.9 प्रतिशत पर था।
नई दिल्ली, प्रेट्र। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने सोमवार को कहा कि शहरी सहकारी बैंकों (यूसीबी) में कुल 8.7 प्रतिशत एनपीए (फंसे कर्ज) को लेकर केंद्रीय बैंक सहज नहीं है। उन्होंने शहरी सहकारी बैंकों से इस अनुपात को कम करने के लिए काम करने को कहा। यूसीबी के निदेशकों को संबोधित करते हुए दास ने आग्रह किया कि ऐसे ऋणदाताओं को काम करने के तरीके में सुधार करना चाहिए।
इसके अलावा संबंधित-पक्ष से लेनदेन से बचना चाहिए और अन्य बातों के अलावा कर्ज जोखिमों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। दास ने कहा कि बैंक जमाकर्ताओं पर चलते हैं और मध्यम वर्ग, गरीबों तथा सेवानिवृत्त लोगों की मेहनत की कमाई की सुरक्षा किसी मंदिर या गुरुद्वारे में जाने से कहीं अधिक पवित्र है। उन्होंने कहा कि समग्र स्तर पर कुल तस्वीर अच्छी दिखती है। हालांकि, जीएनपीए और पूंजी पर्याप्तता पर स्थिति 'बिल्कुल भी संतोषजनक नहीं है।
वाणिज्यिक बैंकों का जीएनपीए में सुधार
वाणिज्यिक बैंकों का जीएनपीए मार्च, 2023 में दशक के सबसे बेहतर स्तर 3.9 प्रतिशत पर था और व्यापक रूप से इसमें और सुधार होने का अनुमान है। दास ने कहा कि ऐसे भी मामले हैं जहां जानबूझकर कर्ज नहीं चुकाने वाले कई ऐसे व्यक्ति या व्यवसाय हैं, जिनके पास भुगतान करने की क्षमता है। उन्होंने कहा कि बकाया ऋण का 60 प्रतिशत से अधिक हिस्सा शीर्ष 20 विलफुट डिफाल्टर का है। इस पर ध्यान केंद्रित करने से समग्र एनपीए में सुधार करने में मदद मिल सकती है।