कंप्यूटर आयात के लाइसेंस नियमों में बदलाव से बढ़ेगी मैन्यूफैक्चरिंग, GTRI ने दिया सुझाव
Laptop Manufacturing शोध संस्थान ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव जीटीआरआइ ने कहा एसईजेड में असेंबल किए गए लैपटाप को छूट देने से मैन्यूफैक्चरिंग में बढ़ोतरी होगी। सरकार ने गुरुवार को इन उत्पादों के आयात के लिए जटिल लाइसेंस मानदंडों में बदलाव किया और आयातकों के लिए एक ऑनलाइन प्राधिकरण प्रणाली लागू की। (जागरण फाइल फोटो)
प्रेट्र,नई दिल्ली: लैपटॉप और कंप्यूटर जैसे कुछ आइटी हार्डवेयर उत्पादों के आयात के लिए वाणिज्य मंत्रालय की इकाई डीजीएफटी द्वारा लाइसेंस नियमों में बदलाव से घरेलू मैन्यूफैक्चरिंग को बढ़ावा मिलेगा। शोध संस्थान ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) ने कहा कि विशेष आर्थिक क्षेत्रों (एसईजेड) में कल-पुर्जों को जोड़कर (असेंबल) तैयार किए गए लैपटॉप और टैबलेट के आयात प्रतिबंधों से छूट देने से भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्यूफैक्चरिंग में महत्वपूर्ण बदलाव होंगे।
सरकार ने गुरुवार को इन उत्पादों के आयात के लिए जटिल लाइसेंस मानदंडों में बदलाव किया और आयातकों के लिए एक ऑनलाइन प्राधिकरण प्रणाली लागू की। नई लाइसेंस व्यवस्था का मकसद मुख्य रूप से इन उत्पादों के आयात की निगरानी करना है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे भरोसेमंद स्रोतों से आ रहे हैं। ये नियम एक नवंबर से लागू होंगे।
भारतीय बाजार में लैपटॉप खरीदने के दो तरीके
जीटीआरआइ के सह संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने कहा स्थानीय आपूर्तिकर्ताओं के पास अब भारतीय बाजार के लिए लैपटॉप खरीदने के दो रास्ते हैं। वे एसईजेड में स्थित कंपनियों से लैपटॉप खरीद सकते हैं या सीधे आयात का विकल्प चुन सकते हैं। उन्होंने कहा कि कई वैश्विक कंपनियां पहले ही भारत में विभिन्न एसईजेड के भीतर लैपटॉप और अन्य उपकरणों की मैन्यूफैक्चरिंग में निवेश कर चुकी हैं।
2022 में पर्सनल कंप्यूटर (पीसी) और लैपटॉप का वैश्विक निर्यात 163 अरब डालर तक पहुंच गया था, जिसमें चीन 80 प्रतिशत से अधिक लैपटॉप की आपूर्ति करता है और उसमें इस्तेमाल होने वाले अधिकांश घटकों का उत्पादन देश में ही करता है। श्रीवास्तव ने कहा कि किसी एक देश पर वैश्विक निर्भरता (विशेष रूप से चीन जैसे भू-राजनीतिक रूप से संवेदनशील देश) से जोखिम पैदा होता है।