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Budget 2024: बजट पूर्व बैठक में फाइनेंशियल सेक्टर के दिग्गज हुए शामिल, शेयर बाजार से जुड़े इस मामले पर हुई चर्चा

Budget 2024 आगामी बजट की तैयारी शुरू हो गई है। वित्त मंत्रालय ने अपने एक्स हैंडल पर बजट के पूर्व बैठक की फोटो शेयर की। इस बैठक में फाइनेंशियल सेक्टर के कई दिग्गज भी शामिल हुए हैं। बैठक के बाद इन दिग्गजों ने अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने बताया कि बाजार को मजबूत करने के लिए टैक्स मध्यस्था में छूट मिलनी चाहिए। आइए इस रिपोर्ट में विस्तार से जानते हैं।

By Agency Edited By: Priyanka Kumari Updated: Thu, 20 Jun 2024 04:22 PM (IST)
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बजट पूर्व बैठक में फाइनेंशियल सेक्टर के कई दिग्गज हुए शामिल

पीटीआई, नई दिल्ली। आगामी बजट की तैयारी शुरू हो गई है। उम्मीद है कि अगले महीने तक आगामी आम बजट 2024-25 पेश होने की उम्मीद है। आगामी बजट से पहले हुए हुए पूर्व बैठक की कुछ तस्वीरें सामने आई। इस बैठक में फाइनेंशियल सेक्टर के कई दिग्गज भी शामिल थे।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ हुई यह बैठक करीब दो घंटे तक चली थी।

इन वित्तीय दिग्गजों ने शेयर बाजार में मौजूद कर मध्यस्थता को ठीक करने का आग्रह किया है। दिग्गजों ने कहा कि बाजार को मजबूत करने के लिए टैक्स नियमों में बदलाव करना जरूरी है।

The #PreBudget consultation… pic.twitter.com/brDpwFGC80— Ministry of Finance (@FinMinIndia) June 20, 2024

वित्त मंत्रालय ने अपने एक्स हैंडल पर पूर्व बैठक की फोटो शेयर की। इस फोटो में उन्होंने कैप्शन दिया कि यह दूसरा बजट-पूर्व परामर्श था। इस बैठक में आगामी आम बजट 2024-25 के संबंध में वित्तीय और पूंजी बाजार क्षेत्र के प्रमुख विशेषज्ञों ने भाग लिया।

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बैठक के बाद दिग्गजों ने दी प्रतिक्रिया

मॉर्गन स्टेनली इंडिया कंपनी के एमडी और कंट्री हेड अरुण कोहली ने बैठक से बाहर निकलते हुए कहा कि टैक्स पॉलिसी को स्थिर और दीर्घकालिक उन्मुख होने की जरूरत है।

बैठक में शामिल प्रतिभागियों ने पूंजीगत लाभ कर (Capital Gains Tax) और प्रतिभूति लेनदेन कर (Securities Transaction Tax) पर भी अपनी बात रखी।

मुथूट ग्रुप के एमडी जॉर्ज अलेक्जेंडर मुथूट के अनुसार बैठक में शामिल लोगों ने बाजार को मजबूत करने और कुछ कर प्रोत्साहन देने पर भी जोर दिया।

एफआईडीसी के निदेशक रमन अग्रवाल ने कहा कि इस बैठक में हमने सुझाव दिया है कि सिडबी (SIDBI) और नाबार्ड (NABARD) के जरिये फंड आवंटन को बढ़ाया जाए। दरअसल, एनबीएफसी लोन में वृद्धि हुई है और इसको लेकर आरबीआई ने अपनी चिंता जताई है। ऐसे में अगर सिडबी और नाबार्ड के जरिये फंड आवंटन होता है तो वह शेयर बाजार के निवेशकों के लिए काफी हितधारक होगा।

इसके अलावा अग्रवाल ने बाताया कि एनबीएफसी (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों) ने सह-उधार पर जीएसटी की मांग और सेवा शुल्क पर जीएसटी के भुगतान पर भी स्पष्टता मांगी है। इस बैठक में एसेट मैनेजमेंट कंपनियों ने गिफ्ट सिटी (GIFT CITY)से संबंधित मुद्दों और देश के भीतर पूंजी बनाए रखने के तरीकों पर भी चर्चा की।

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