Olympics का सपना हुआ चकनाचूर, मौत को दी मात, द.अफ्रीका को पहली बार वर्ल्ड चैंपियन बनाने में जुटी Tazmin Brits
Tazmin Brits personal life दक्षिण अफ्रीका महिला क्रिकेट टीम की बल्लेबाज ताजमिन ब्रिट्स की कहानी से किसी भी युवा को बहुत कुछ सीखने को मिल सकता है। ब्रिट्स की जिंदगी में कई उतार-चढ़ाव आए लेकिन उन्होंने कभी हिम्मत नहीं हारी और अब इतिहास रचने के करीब हैं।
नई दिल्ली, स्पोर्ट्स डेस्क। दक्षिण अफ्रीका महिला क्रिकेट टीम की बल्लेबाज ताजमिन ब्रिट्स की कहानी किसी भी युवा के लिए प्रेरणादायी है। ताजमिन की बाईशेप्स पर ओलंपिक रिंग का टैटू बना है। वो जिंदगी में कई मुसीबतों से उबरकर आज एक सफल क्रिकेटर बनी हैं और अब दक्षिण अफ्रीका को पहली बार वर्ल्ड कप चैंपियन बनाने के करीब हैं।
32 साल की ताजमिन ब्रिट्स इस समय चर्चा का केंद्र बनी हुईं हैं। उन्होंने शुक्रवार को महिला टी20 वर्ल्ड कप 2023 में इंग्लैंड के खिलाफ सेमीफाइनल मैच में 68 रन की मैच विजयी पारी खेली और 4 लाजवाब कैच पकड़े। ब्रिट्स के प्रदर्शन की मदद से दक्षिण अफ्रीका ने इंग्लैंड को 6 रन से मात दी और पहली बार वर्ल्ड कप फाइनल में प्रवेश किया।
मौत को दी मात
ताजमिन ब्रिट्स युवा उम्र में गंभीर कार दुर्घटना में बुरी तरह जख्मी हुईं थीं। उनके ओलंपिक का सपना चकनाचूर हो गया था। ब्रिट्स जेवलिन स्पर्धा में देश का प्रतिनिधित्व करने के करीब थीं। इसके अलावा ब्रिट्स को आत्महत्या के ख्याल भी आया करते थे। इन मुसीबतों से ऊपर उठकर ताजमिन ब्रिट्स आज एक सफल क्रिकेटर हैं और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी चमक बिखेर रही हैं।
ताजमिन ब्रिट्स का परिवार
8 जनवरी 1991 को नॉर्थ वेस्ट प्रोविंस के क्लेर्क्सडोप में जन्मीं ताजमिन का परिवार एथलीट्स का हैं। उनकी मां टेनिस खिलाड़ी थीं जबकि पिता और भाई रग्बी खेलते थे। इसी का प्रभाव ताजमिन पर भी पड़ा और उन्होंने जेवलिन को अपना पसंदीदा खेल चुना। कई सालों की कड़ी मेहनत के बाद ब्रिट्स ने 2007 में चेक गणराज्य में जूनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप्स का खिताब जीता था। तब उनकी उम्र 16 साल थी।
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गंभीर कार क्रैश
ब्रिट्स ने जेवलिन में काफी सफलता हासिल की और 2012 लंदन ओलंपिक्स में दक्षिण अफ्रीकी टीम में जगह पक्की की। ओलंपिक डेब्यू से आठ महीने पहले ब्रिट्स डिनर करके अपने घर लौट रही थीं, लेकिन रास्ते में उनका गंभीर कार एक्सीडेंट हो गया। ब्रिट्स अपनी कार से नियंत्रण खो बैठी और सीट बेल्ट नहीं पहनने के कारण कार से बाहर निकल गईं। चीजें तब और खराब हुईं जब कार उनके ऊपर गिर गई। युवा ताजमिन को कई चोटें लगी।
ब्रिट्स सौभाग्यशाली रहीं कि इस गंभीर दुर्घटना से उबरने में सफल रहीं, लेकिन उनके ओलंपिक्स का सपना चकनाचूर हो गया। दक्षिण अफ्रीकी एथलीट जब अस्पताल से छूटी तो व्हीलचेयर पर थीं। वो अपनी मां की मदद के बिना कोई काम नहीं कर पा रही थीं। ब्रिट्स की मुसीबतें तब ओर बढ़ गईं जब उनकी चोटें पूरी तरह ठीक नहीं हुईं और उन्हें एक और सर्जरी की जरुरत पड़ी।
क्रिकेट से आया बुलावा
ब्रिट्स के ओलंपिक का सपना टूट गया और जूनियर वर्ल्ड चैंपियन जनवरी 2018 तक जेवलिन के बारे में कुछ सोच नहीं सकी। उन्होंने दोबारा इस खेल में हाथ आजमाने की ठानी जरूर थी। इस बीच ब्रिट्स ने एक स्थानीय किराने की दुकान में काम किया। हालांकि, स्थानीय सर्किट में कुछ प्रभावी प्रदर्शन के कारण ब्रिट्स को क्रिकेट से बुलावा आया। उन्हें जल्द ही घरेलू क्रिकेट में मौका मिला और उनकी प्रतिभा की पहचान हुई।
टी20 विशेषज्ञ बनी
ब्रिट्स ने 2018 में अपना अंतरराष्ट्रीय डेब्यू किया। उन्हें बतौर टी20 विशेषज्ञ खिलाया गया। हालांकि, 2020 टी20 वर्ल्ड कप के लिए ब्रिट्स को टीम में जगह नहीं मिली। एक और निराशा को पीछे छोड़ते हुए ब्रिट्स ने 2021 में वनडे डेब्यू किया और पिछले साल न्यूजीलैंड में वनडे वर्ल्ड कप में हिस्सा लिया।
ब्रिट्स का कहर
ताजमिन ब्रिट्स ने अपने निरंतर प्रदर्शन से प्रभावित किया और घरेलू जमीन पर हो रहे महिला टी20 वर्ल्ड कप के लिए दक्षिण अफ्रीका टीम में जगह बनाई। उन्होंने ग्रुप चरण में ऑस्ट्रेलिया और बांग्लादेश के खिलाफ क्रमश: 45 व 50 रन की पारी खेली। फिर सेमीफाइनल में 68 रन बनाकर देश की हीरो बनीं। ब्रिट्स ने अपनी पारी के दौरान छह चौके और दो छक्के जमाए। उन्होंने लौरा वोलवार्ट के साथ पहले विकेट के लिए 96 रन की साझेदारी की।
दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया के बीच महिला टी20 वर्ल्ड कप का फाइनल केप टाउन में रविवार को खेला जाएगा। भारतीय समयानुसार यह मुकाबला शाम 6:30 बजे शुरू होगा और टॉस आधे घंटे पहले होगा। ब्रिट्स को उम्मीद होगी कि सेमीफाइनल के प्रदर्शन को वो फाइनल में दोहरा सके और टीम को पहली बार चैंपियन बनाकर इतिहास रचें।