LG vs Delhi Government: दिल्ली में ठप हो रहे सरकार के काम, 6 साल पहले वाले हालातों की दिख रही झलक
दिल्ली में एक बाद फिर 2016 वाले हालात लौट रहे हैं जब सरकार के कामकाज ठप हो रहे हैं। कई योजनाएं ठहर गई हैं नई परियोजनाओं पर काम रूक रहा है और तमाम कर्मचारियों और ठेकेदारों का भुगतान रुक रहा है।
By Jagran NewsEdited By: Abhi MalviyaUpdated: Sat, 14 Jan 2023 12:55 PM (IST)
नई दिल्ली, वीके शुक्ला, राज्य ब्यूरो। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में एक बाद फिर 2016 वाले हालात लौट रहे हैं, जब सरकार के कामकाज ठप हो रहे हैं। कई योजनाएं ठहर गई हैं, नई परियोजनाओं पर काम रुक रहा है और तमाम कर्मचारियों और ठेकेदारों का भुगतान नहीं हो पा रहा है। चुनी हुई सरकार एलजी के इशारे पर नौकरशाही पर काम रोकने का आरोप लगा रही है और नौकरशाह नियमों के तहत काम करने की बात कह रहे हैं। चुनी हुई सरकार इस मुद्दे पर दबाव बनाने के लिए विधानसभा की समितियों में भी अधिकारियों को तलब कर रही है, मगर हालात जस के तस हैं।
चुनी हुई आप सरकार के सूत्र बताते हैं कि नौकरशाही द्वारा असहयोग के परिणामस्वरूप राजधानी में कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं के निष्पादन में देरी हुई है। सूत्र ने दावा किया कि प्रमुख सचिव (वित्त) आशीष चंद्र वर्मा ने इस तरह के मामलों का निस्तारण करते समय सवाल उठाए और दस्तावेज मांगे जो पहले कभी नहीं मांगे गए थे।सरकार की मानें तो उन्होंने जानबूझकर और बार-बार निराधार प्रश्न उठाकर विभिन्न विभागों को भुगतान जारी करने में देरी की है और सरकार की नीतियों और सार्वजनिक सेवाओं को निर्बाध रूप से निष्पादित करने और वितरित करने की क्षमता में बाधा डाली है।
उधर प्रमुख सचिव (वित्त) वर्मा ने कहा है कि फाइलों में कई अनियमितताएं हैं, जिसके कारण वित्त विभाग को इस बारे में सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि परिवहन विभाग ने बसों पर मार्शल तैनात करने के लिए कैबिनेट और एलजी की मंजूरी नहीं ली।उन्हें 300 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया जाना था।हमने विभाग को इस मामले में कैबिनेट और एलजी से अनुमति लेने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि सेवानिवृत्त डीटीसी कर्मचारियों को पेंशन प्रदान करने की कोई योजना नहीं थी। उन्हें सरकार द्वारा डीटीसी को प्रदान की जाने वाली धनराशि से भुगतान किया जा रहा था। हमने उन्हें फिर से एक योजना बनाने और उन्हें पेंशन देने के लिए एक कोष बनाने की सलाह दी है। कई जगह अनियमितताएं मिली हैं हमारा काम इसकी जांच करना और सरकार को सतर्क करना है।हम नियमित रूप से सरकार को अपनी टिप्पणियां भेज रहे हैं।
अधिकारी कैसे रोक रहे दिल्ली सरकार का काम
मोहल्ला क्लीनिक
एलजी के मौखिक और अनौपचारिक निर्देशों के आधार पर नगर निगम चुनाव (दिसंबर 2022) से ठीक पहले तीन महीने तक सभी मोहल्ला क्लीनिकों के लिए बिजली, किराया, लैब टेस्ट और डाक्टरों के वेतन का भुगतान नहीं किया गया। नतीजतन, वित्त और स्वास्थ्य विभागों ने भुगतान में देरी के लिए आपत्तियां उठानी शुरू कर दीं और मोहल्ला क्लीनिकों में आने वाले मरीजों को नुकसान उठाना पड़ा। जब वित्त मंत्री ने वित्त सचिव को तलब किया तो वह न आए न ही टेलीफोन काल या संदेशों का जवाब दिया।शीतकालीन प्रदूषण कार्य योजना
केवल पांच महीनों (5 मई 2022 से 13 अक्टूबर 2022) की अवधि में शीतकालीन प्रदूषण कार्य योजना जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा करने के लिए पर्यावरण मंत्री द्वारा 20 बैठकें बुलाई गईं।इनमें से केवल एक बैठक में पर्यावरण और वन विभाग के प्रमुख ने भाग लिया और बाकी को बिना स्पष्टीकरण के छोड़ दिया गया।
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