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Farmers Protest: हिंसक विरोध-प्रदर्शन... राजनीतिक लाभ, भारतीय किसान संघ ने आंदोलन से क्यों किया किनारा

भारतीय किसान संघ ने इस बार किसान आंदोलन से किनारा कर लिया है। किसान संघ ने इसे राजनीति से प्रेरित बताया है। किसान संघ ने कहा कि जिन लोगों को अपनी राजनैतिक महत्वाकांक्षा पूरी करनी हैं वो करें लेकिन समाज में किसान के प्रति नकारात्मक भाव को पैदा न करें। हिंसा अराजक माहौल तथा राष्ट्र की संपति का नुकसान होता इसका खामियाजा किसानों को ही चुकाना पड़ता है।

By Nimish Hemant Edited By: Shyamji Tiwari Updated: Wed, 14 Feb 2024 09:07 PM (IST)
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भारतीय किसान संघ ने आंदोलन से क्यों किया किनारा

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। पंजाब से शुरू हुए हिंसक आंदोलन को राजनीतिक से प्रेरित बताते हुए तथा किसानों के प्रति समाज में नकारात्मक भाव न पैदा करने की भावुक अपील के साथ भारतीय किसान संघ ने आंदोलन से किनारा कर लिया है। उसके अनुसार जब राजनैतिक मंशा से चुनाव के दौरान किसानों के नाम पर आंदोलन के दौरान हिंसा, अराजक माहौल तथा राष्ट्र की संपति का नुकसान होता है तो समाज में किसान के प्रति नकारात्मक भाव जन्म लेता है।

किसान के प्रति नकारात्मक भाव पैद न करें- किसान संघ

इसका खामियाजा अपनी बेहतरी के लिये संघर्षरत किसानों को चुकाना पड़ता है। इसलिए भारतीय किसान संघ हिंसक आंदोलन का समर्थन नहीं करता है। साथ ही आग्रह करते हुए कहा कि जिन लोगों को अपनी राजनैतिक महत्वाकांक्षा पूरी करनी हैं वो करें, लेकिन समाज में किसान के प्रति नकारात्मक भाव को पैदा न करें। साथ ही स्पष्ट किया कि लागत के आधार पर लाभकारी मूल्य किसान का अधिकार है।

इसी तरह कृषि आदानों पर जीएसटी समाप्त करने, किसान सम्मान निधि में बढ़ोतरी, जीएम बीज पर रोक जैसी मांगें संकल्पबद्ध है, जिसपर अहिंसक संघर्ष जारी रहेगा। भारतीय किसान संघ के अखिल भारतीय महामंत्री मोहिनी मोहन मिश्र ने कहा है कि जब राजनैतिक मंशा के साथ किसानों के कंधे का प्रयोग कुछ लोग अपनी राजनैतिक हित साधना के लिये करते हैं तो पीड़ा होती है।

किसानों को उठाना पड़ता है राजनैतिक आंदोलन का खामियाजा

भारतीय किसान संघ का मानना है कि जब किसान के नाम पर राजनैतिक आंदोलन चलता है तो इसका नुकसान सिर्फ किसानों को होता है। विगत वर्ष में मंदसौर व दिल्ली में हुए आंदोलन इस बात के प्रमाण है, जहां किसानों को अपनी जान गंवानी पड़ी, लेकिन उनके मुद्दे व मांगे जस की तस हैं। इसलिए भारतीय किसान संघ का आग्रह है कि किसानों के नाम पर राजनैतिक चुनावी पैंतरेबाजी बंद होनी चाहिए।

उन्होंने बताया कि भारतीय किसान संघ किसानों की उपज का लागत के आधार पर लाभकारी मूल्य की मांग को लेकर लगातार संघर्ष कर रहा है। देश की सरकारों के साथ संवाद कर किसानों के पक्ष को मजबूती से रखता आया है। जहां संवाद से रास्ता नहीं निकलता है तो आंदोलन भी करता है। 19 दिसंबर को दिल्ली के रामलीला मैदान में किसान गर्जना रैली के रूप में एक लाख किसानों का अनुशासित शांतिपूर्ण प्रदर्शन इसका उदाहरण है।

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देश भर से किसान दिल्ली में आये शांतिपूर्ण लोकतांत्रिक तरीके से अपनी बात सरकार से कही और बिना किसी को परेशान किए वापस लौट गए। उन्होंने कहा कि किसान हित में लड़ने वाले संगठन लगातार किसानों की समस्या निवारण के लिए लड़ रहे हैं। सरकार किसी की भी हो सामंजस्य से किसानों की समस्याओं का समाधान निकाल भी रहे हैं। लागत के आधार पर लाभकारी मूल्य किसान का हक है वह उसे मिलना ही चाहिए। आज बीज व बाजार किसानों की प्रमुख समस्या है, मंडी के अंदर हो या बाहर किसान के साथ बीज व बाजार में शोषण बंद होना चाहिए।

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