Farmers Protest: किसानों के आंदोलन से मुश्किल में दिल्ली का पर्यटन उद्योग, धड़ाधड़ होटलों की बुकिंग कैंसिल कर रहे लोग
होटल महासंघ के अध्यक्ष अजय अग्रवाल के अनुसार अगल पहाड़गंज को ही लें तो यहां 700 से अधिक होटलोंं में 14 हजार से अधिक कमरें है जिसमें एक दिन में 25 हजार लोग रुक सकते हैं। उनके अनुसार यह जबकि पर्यटन का मौसम चल रहा है तो अमूमन यहां के होटलों के कमरें 90 प्रतिशत तक भरे रहते हैं लेकिन दो-तीन दिनों से बुकिंग जहां पूरी तरह से बंद हैं।
नेमिष हेमंत, नई दिल्ली। किसानों के आंदोलन से दिल्ली का पर्यटन उद्योग मुश्किल में है। न सिर्फ होटल के कमरों की बुकिंग में अप्रत्याशित गिरावट आई है, बल्कि पहले की हुई बुकिंग को भी निरस्त किया जाने लगा है। इसमें देसी– विदेशी दोनों तरह के पर्यटकों की स्थिति है।
दिल्ली मेें पर्यटन से जुड़े लोगों के अनुसार किसानों के दिल्ली कूच करने तथा उन्हें रोकने के लिए बार्डर पर भारी सुरक्षा व्यवस्था से बाकी राज्यों से दिल्ली का सड़क संपर्क काफी हद तक कठिन हो गया है।
वहीं, जाम व सुरक्षा संबंधित समस्याओं से बचने के लिए एहतियात भी दूसरे राज्यों से आने वाले पर्यटकों की संख्या में गिरावट आई है। इसलिए होटलों की बुकिंग में कमी के साथ पहले से हुई को निरस्त करने के मामले अचानक बढ़े हैं।
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एक दिन में रुक सकते हैं तकरीबन 25 हजार लोग
होटल महासंघ के अध्यक्ष अजय अग्रवाल के अनुसार, अगल पहाड़गंज को ही लें तो यहां 700 से अधिक होटलोंं में 14 हजार से अधिक कमरें है, जिसमें एक दिन में तकरीबन 25 हजार लोग रुक सकते हैं।
उनके अनुसार यह जबकि पर्यटन का मौसम चल रहा है तो अमूमन यहां के होटलों के कमरें 80 से 90 प्रतिशत तक भरे रहते हैं, लेकिन दो-तीन दिनों से बुकिंग जहां पूरी तरह से बंद हैं। वहीं, हुए बुकिंग निरस्त किए जाने लगे हैं। वहीं, चिंताओं को लेकर देश-विदेश के पर्यटकों की पूछताछ हो रही है। इस स्थिति में कमरों में पर्यटकों की मौजूदगी धड़ाम होकर बमुश्किल 30 प्रतिशत तक रह गई है।
भाजपा की राष्ट्रीय परिषद की बैठक से सहारा
भाजपा की राष्ट्रीय परिषद की बैठक राष्ट्रीय राजधानी में 17 व 18 फरवरी को आहूत है। उसके लिए अकेले पहाड़गंज में 15 व 18 फरवरी को 500-500 कमरे तथा 16 व 17 को दो-दो हजार कमरों की बुकिंग है, जिससे होटल संचालक थोड़े राहत में हैं, लेकिन इसके बाद के भविष्य को लेकर वे चिंतित हैं।