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Mpox outbreak india: मंकीपॉक्स को लेकर अलर्ट हुई दिल्ली, AIIMS ने निर्धारित किए बेड; जारी की SOP

Mpox outbreak india एम्स ने मंकीपॉक्स के लिए पांच बेड निर्धारित किया। वहीं कई देशों में एमपॉक्स वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। एमपॉक्स को लेकर डब्ल्यूएचओ के अधिकारी का बयान सामने आया था। अधिकारियों के अनुसार यह पुराना स्ट्रेन है यह कोई कोविड ​​​​नहीं है। उनका कहना है कि इसके प्रसार को आसानी से कंट्रोल किया जा सकता है।

By Jagran News Edited By: Kapil Kumar Updated: Tue, 20 Aug 2024 05:56 PM (IST)
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एम्स में मंकीपॉक्स के पांच बेड निर्धारित किए गए। फाइल फोटो

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स , AIIMS) ने मंकीपॉक्स (mpox outbreak india) के लिए पांच बेड निर्धारित किया। सफदरजंग को रेफरल अस्पताल बनाया गया है।

मंकीपॉक्स एक वायरल जूनोसिस है, जिसके लक्षण अतीत में चेचक के रोगियों में देखे गए लक्षणों के समान होते हैं, हालांकि चिकित्सकीय रूप से कम गंभीर होते हैं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने मंकीपॉक्स के प्रकोप को अंतर्राष्ट्रीय चिंता का सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित कर दिया है, जिससे आगे प्रसार को रोकने के लिए जागरूकता बढ़ाने, तेजी से पहचान करने और कड़े संक्रमण नियंत्रण उपायों की आवश्यकता होती है।

वहीं, यह एसओपी एम्स आपातकालीन विभाग में मंकीपॉक्स के मामलों को संभालने के लिए आवश्यक कदमों की रूपरेखा तैयार करता है।

संदिग्ध मंकीपॉक्स के रोगियों को संभालने के लिए प्रोटोकॉल

1. ट्राइएज क्षेत्र में स्क्रीनिंग

आगमन पर, बुखार, दाने, या पुष्टि किए गए मंकीपॉक्स मामलों के संपर्क के इतिहास वाले रोगियों को तत्काल मूल्यांकन के लिए चिह्नित किया जाना चाहिए।

प्रमुख लक्षणों को पहचानें-

बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, पीठ दर्द,

सूजी हुई लिम्फ नोड्स, ठंड लगना, थकावट, और विशिष्ट त्वचा के घाव (मैकुलोपापुलर दाने जो पुटिकाओं और फुंसियों में बदल सकते हैं)।

2. अलगाव/धारण क्षेत्र-

अन्य रोगियों और कर्मचारियों के साथ संपर्क को कम करने के लिए संदिग्ध रोगियों को तुरंत एक निर्दिष्ट अलगाव क्षेत्र में रखें।

ये बेड किए गए निर्धारित

एबी-7 बेड नंबर 33, 34, 35, 36 और 37 को मंकीपॉक्स के मरीजों को अलग करने के लिए रखा गया है। ये बिस्तर आपातकालीन सीएमओ की सिफारिश पर मंकीपॉक्स रोगियों को आवंटित किए जाएंगे और मेडिसिन विभाग द्वारा इलाज किया जाएगा। एबी-7 रोगी के लिए एक अस्थायी होल्डिंग क्षेत्र रहेगा। जब तक कि उसे निश्चित देखभाल के लिए निर्धारित अस्पताल में स्थानांतरित नहीं किया जाता है।

3. आईडीएसपी को अधिसूचना-

एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (आईडीएसपी) के अधिकारियों को संपर्क नंबर के साथ सूचित करें। किसी संदिग्ध मामले की पहचान होने पर 8745011784 उन्हें रोगी का विवरण, संक्षिप्त इतिहास, नैदानिक ​​निष्कर्ष और संपर्क विवरण प्रदान करें।

4. सफदरजंग अस्पताल में रेफरल-

सफदरजंग अस्पताल को सूचित किया गया है, उसे मंकीपॉक्स रोगियों के प्रबंधन और उपचार के लिए नामित किया गया है। मंकीपॉक्स होने के किसी भी संदिग्ध को आगे के मूल्यांकन और उपचार के लिए सुरक्षित अस्पताल में भेजा जाना चाहिए।

5. एम्बुलेंस-

सफदरजंग अस्पताल में स्थानांतरित करने के लिए एक समर्पित एम्बुलेंस आवंटित की गई है। आपातकालीन कर्मचारियों को संदिग्ध मंकीपॉक्स रोगी को सफदरजंग अस्पताल में स्थानांतरित करने के लिए मोबाइल नंबर 89296838 पर एम्बुलेंस समन्वयक को सूचित करना होगा।

6. रोगी की देखभाल और अलगाव-

- सभी रोगियों को सख्त संक्रमण नियंत्रण उपायों के साथ संभाला जाना चाहिए।

- संदिग्ध मामलों में स्टाफ को व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) का उपयोग करना चाहिए।

7. दस्तावेजीकरण और संचार-

- रोगी के विवरण, लक्षण और का उचित दस्तावेजीकरण।

कई देशों में तेजी से बढ़ रहे हैं मामले

दुनिया के कई देशों में एमपॉक्स वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। अब एमपॉक्स (monkey pox cases in india) को लेकर डब्ल्यूएचओ के अधिकारी का बयान सामने आया है। अधिकारियों के अनुसार, यह पुराना स्ट्रेन है, यह कोई कोविड ​​​​नहीं है। उनका कहना है कि इसके प्रसार को आसानी से कंट्रोल किया जा सकता है।

डब्ल्यूएचओ के अधिकारी हंस क्लूज ने इसको लेकर कहा, "हम मिलकर एमपॉक्स से निपट सकते हैं और हमें मिलकर निपटना चाहिए।'' डब्ल्यूएचओ ने आगे कहा, हम इसके नियंत्रण के लिए सिस्टम स्थापित करना चुनेंगे। और विश्व स्तर पर एमपॉक्स को कैसे खत्म किया जाए, इस पर चर्चा होनी चाहिए। या हम इससे घबरा जाएंगे, आने वाले समय में हमें इसे लेकर कैसी प्रतिक्रिया देनी चाहिए, ये हम पर निर्भर करता है।

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कैसे होते हैं लक्षण?

डब्ल्यूएचओ ने आगे कहा, यूरोप और दुनिया के लिए ये एक महत्वपूर्ण परीक्षा साबित होगी। एमपॉक्स (monkeypox symptoms), एक वायरल संक्रमण है, जो मवाद से भरे घावों का कारण बनता है। इसमें फ्लू जैसे लक्षण होते हैं, जो आमतौर पर हल्के होते हैं लेकिन जान ले सकते हैं।

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एमपॉक्स (monkeypox virus india) की क्लैड 1बी किस्म ने वैश्विक स्तर पर तबाही मचा दी है, यह नियमित रूप से अधिक आसानी से फैलता है। पिछले सप्ताह इस वैरिएंट के एक मामले की पुष्टि हुई थी एमपॉक्स का प्रसार स्वीडन और अफ्रीका में ज्यादा है।

हर महीने सामने आए 100 से ज्यादा मामले

क्लूज ने कहा कि इस वक्त हमारा फोकस नए क्लैड 1 स्ट्रेन पर है, यूरोप को कम गंभीर क्लैड 2 पर फिर से ध्यान केंद्रित करने का मौका देता है। इसको लेकर बेहतर सार्वजनिक स्वास्थ्य सलाह और निगरानी सहित विविधता पर जोर दिया गया है। बता दें कि क्लूज ने कहा, क्लैड 2 एमपॉक्स स्ट्रेन के यूरोपीय क्षेत्र में हर महीने अब करीब 100 नए मामले सामने आ रहे हैं।