JNU Election: दो हजार से ज्यादा छात्र लेंगे यूजीबीएम में हिस्सा, 40 गार्डों के साथ सादी वर्दी में तैनात रहेगी पुलिस
जेएनयू में 2019 के बाद से छात्र संघ चुनाव नहीं हुए हैं। छात्र संगठनों के प्रदर्शनों के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने अधिसूचना जारी कर चुनाव कराने की इच्छा जताई थी। इसके बाद डीन आफ स्टूडेंट्स से छात्रों की बैठक रखी गई। इसमें उन्हें छात्र चुनाव समिति गठित करने के लिए एक पैनल बनाने को कहा गया क्योंकि जेएनयू में छात्र संघ चुनाव छात्रों की बनाई स्वायत्त समिति कराती है।
उदय जगताप, नई दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में छात्र संघ चुनाव को लेकर यूनिवर्सिटी की जनरल बाडी मीटिंग (यूजीबीएम) आज रात नौ बजे से फिर बुलाई गई है। शुक्रवार देर रात बुलाई गई बैठक में हंगामा हो गया था और वाम संगठन व अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने एक दूसरे पर मारपीट के आरोप लगाए थे। कई छात्र चोटिल हो गए थे।
इस बीच सुरक्षा गार्ड बेबस नजर आए। अब दूसरी बार हो रही बैठक के लिए भी जेएनयू प्रशासन के पास कोई ठोस सुरक्षा के उपाए नहीं हैं। 40 गार्डों की सुरक्षा के भरोसे पूरी बैठक को आयोजित होने दिया जा रहा है। जबकि बैठक में दो हजार के करीब छात्र हिस्सा लेते हैं।
2019 के बाद से नहीं हुए हैं छात्र संघ चुनाव
जेएनयू में 2019 के बाद से छात्र संघ चुनाव नहीं हुए हैं। छात्र संगठनों के प्रदर्शनों के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने अधिसूचना जारी कर चुनाव कराने की इच्छा जताई थी। इसके बाद डीन आफ स्टूडेंट्स से छात्रों की बैठक रखी गई।इसमें उन्हें छात्र चुनाव समिति गठित करने के लिए एक पैनल बनाने को कहा गया, क्योंकि जेएनयू में छात्र संघ चुनाव छात्रों की बनाई स्वायत्त समिति कराती है। पैनल के नाम तय करने के लिए यूजीबीएम बुलाई गई थी। यह पैनल स्कूलों की जीबीएम कराएगा और वहां से चुनाव समिति के लिए 60 से अधिक छात्रों की समिति बनेगी। लेकिन, यूजीबीएम एबीवीपी और वाम संगठनों में नोंकझोंक के बाद हाथापाई हो गई। बैठक रद्द कर दी गई।
अब जेएनयूएसयू ने सोमवार को दोबारा बैठक बुलाई है। पूरे मसले पर विश्वविद्यालय प्रशासन चुप्पी साधे हुए है। उनकी तरफ से कोई बयान नहीं आया है। सोमवार को बड़ा बवाल हो सकता है, लेकिन सुरक्षा बढ़ाने को लेकर कड़े दिशा-निर्देश नहीं दिए गए हैं।
40 गार्ड रहेंगे तैनात
सुरक्षा से जुड़े एक अधिकारी ने कहा, 40 गार्ड वहां तैनात रहेंगे। पुलिस सादी वर्दी में होगी। झगड़ा न हो, इसका ख्याल रखने के निर्देश विश्वविद्यालय प्रशासन ने दिए हैं। लेकिन, सवाल यह है कि अगर दो हजार छात्र झगड़ गए तो 40 गार्ड उन्हें कब तक रोक पाएंगे। हालांकि सोमवार की बैठक में भाग लेने पर एबीवीपी की ओर से अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है।
जेएनयू एबीवीपी इकाई के मंत्री विकास पटेल ने कहा, हम रविवार देर रात बैठक करेंगे और सोमवार सुबह निर्णय लेंगे। विकास ने कहा, जेएनयूएसयू अधिकृत नहीं है। छात्र संघ के संविधान के मुताबिक साढ़े तीन वर्ष चुनाव न होने पर छात्र संघ भंग हो जाता है।ऐसे में जेएनयूएसयू की 2019 में अध्यक्ष रहीं आइशी घोष कैसे बैठक की अध्यक्षता कर सकती हैं। हम चाहते हैं कि चुनाव के लिए समावेशी प्रक्रिया अपनाई जानी चाहिए। दूसरी तरफ, वाम संगठनों के पदाधिकारियों का कहना है कि एबीवीपी चुनाव नहीं चाहती। इसलिए हंगामा कर बैठक नहीं होने देना चाहती।
बैठक सभी के लिए होती है। उनका स्वागत है। उन्हें लोकतांत्रिक प्रक्रिया में सहभागी बनना चाहिए। वे बहाने बनाकर बैठक से दूर भाग रहे हैं। जेएनयू के उच्च अधिकारियों से घटनाक्रम को लेकर बात की गई, लेकिन किसी ने जवाब नहीं दिया।
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