जानिए कब से दिल्ली-एनसीआर के लाखों वाहन चालक कर पाएंगे आश्रम चौक फ्लाईओवर का इस्तेमाल, अधिकारी ने बताया समय
दिसंबर 2019 में जब से काम शुरू हुआ तब से दो बार कोरोना के कारण लाकडाउन लग चुका है। पहली लहर में काम बंद रहा जिससे पहली समयसीमा पार हो गई। दूसरी लहर में कामगारों की कमी व निर्माण सामग्री न मिल पाने से काम प्रभावित हुआ।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। मथुरा रोड पर बन रहे आश्रम अंडरपास के निर्माण के कारण फैली अव्यवस्था आश्रम चौराहे और अंडरपास के आसपास के इलाके में लोगों के लिए परेशानी का सबब बन रही है। यहां से वाहनों से व पैदल गुजरना मुश्किल हो रहा है। टूटी सड़कें, जगह-जगह लगे मिट्टी के ढेर, सड़क के किनारे पड़ी पाइप और बिखरी निर्माण सामग्री के कारण यहां से आने-जाने वाले लोगों को जाम के साथ ही धूल व गंदगी का भी सामना करना पड़ रहा है।
सड़क टूटी होने के कारण उड़ने वाली धूल से वायु प्रदूषण फैल रहा है, फुटपाथ टूटे होने व सड़क किनारे निर्माण सामग्री पड़ी होने के कारण पैदल चलने वालों व आसपास के दुकानदारों को भी परेशानी हो रही है, लेकिन लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के अधिकारियों और अंडरपास का निर्माण करवा रही कंस्ट्रक्शन कंपनी को जैसे लोगों की समस्या की कोई फिक्र ही नहीं है।
पानी का छिड़काव न होने से उड़ रही धूल
टूटी सड़क और मिट्टी के ढेर पर पानी न छिड़के जाने से यहां दिन भर धूल उड़ती रहती है। बदरपुर से निजामुद्दीन जाने वाले मार्ग को पाइप डालने के लिए खोदा गया, लेकिन इसे अभी तक नहीं बनाया गया है। इस कारण यहां खूब धूल उड़ रही है। स्थानीय लोगों ने पीडब्ल्यूडी अफसरों से कई बार इसकी शिकायत भी की, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो सका है। इससे दिल्ली, नोएडा व फरीदाबाद आने-जाने वाले हजारों लोगों को रोजाना इस समस्या का सामना करना पड़ रहा है। निर्माण कार्य में अव्यवस्था के कारण यातायात पुलिस को भी यहां पर यातायात व्यवस्था संभालने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है, जिसके लिए दोगुना स्टाफ तैनात करना पड़ता है।
बनाते ही उखड़ने लगती है सड़क
निर्माण कार्य के दौरान बार-बार सड़क टूट जाती है, लेकिन उसे समय पर बनाया नहीं जाता है। कई दिनों के बाद बनती भी है तो बस खानापूर्ति होती है और कुछ ही दिन में उसकी गिट्टियां उखड़कर सड़क पर बिखरने लगती हैं। वहीं, जिन फुटपाथों को बना दिया गया है, उन्हें साफ तक नहीं किया गया है, उन पर अब भी निर्माण सामग्री के ढेर लगे हैं। कहीं टाइल्स तो कहीं जर्सी डिवाइडर लोगों का रास्ता रोक रहे हैं। कई जगह नए बने फुटपाथ भी धंस गए हैं। ऐसे में इस निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर भी सवाल उठ रहे हैं। नालियों की सफाई करके उससे निकली मिट्टी भी सड़क किनारे से नहीं उठाई जा रही है।
वाहनों के चलने पर यही मिट्टी फिर से नाली में भर जाती है। इस बारे में अंडरपास का निर्माण कर रही धर्मराज कंस्ट्रक्शन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के असिस्टेंट जनरल मैनेजर (प्रोजेक्ट) हेमंत सिंह ने कहा कि अंडरपास के ऊपर व अगल-बगल की सड़कें बनवाई जा रही हैं। इनकी कारपेटिंग का काम चल रहा है, इसलिए पानी का छिड़काव नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ट्रैफिक आइलैंड में व सड़क किनारे पड़ी निर्माण सामग्री हटाकर जल्द ही वहां पौधे लगाए जाएंगे। ये सभी काम एक सप्ताह में पूरे हो जाएंगे। इस बारे में स्थानीय विधायक प्रवीण कुमार का पक्ष जानने के लिए उन्हें काल की गई, लेकिन उन्होंने काल रिसीव नहीं की।
नए-नए बहानों के सहारे बार-बार बढ़ती रही समयसीमा
मथुरा रोड पर बन रहे 78 करोड़ रुपये की लागत वाले 750 मीटर लंबे आश्रम अंडरपास की आधारशिला 24 दिसंबर 2019 को रखी गई थी। दिसंबर 2020 तक काम पूरा करना था, लेकिन बार-बार काम रुकने से इसकी समय सीमा बढ़ाकर मार्च 2021, जून 2021 और अगस्त 21 की गई। फिर सितंबर में बिजली की केबल बीच में आ जाने के कारण और देरी हुई, लेकिन सितंबर के आखिरी सप्ताह में ड्राइंग में खामी सामने आई तो इसकी समय सीमा दिसंबर, 2021 कर दी गई। इसके बाद पीडब्ल्यूडी अफसरों ने कहा कि फरवरी तक काम पूरा हो जाएगा।
इसका निर्माण कर रही कंस्ट्रक्शन कंपनी के अधिकारी ने भी रविवार को कहा है कि इस माह के अंत तक काम पूरा हो जाएगा। ऐसे में यह उम्मीद की जा रही है कि शायद इस बार समयसीमा न बढ़ानी पड़े। दरअसल, दिसंबर 2019 में जब से काम शुरू हुआ तब से दो बार कोरोना के कारण लाकडाउन लग चुका है। पहली लहर में काम बंद रहा, जिससे पहली समयसीमा पार हो गई। दूसरी लहर में कामगारों की कमी व निर्माण सामग्री न मिल पाने से काम प्रभावित हुआ। इस दौरान कच्चा माल सप्लाई करने वाली एजेंसियों व विभाग के अधिकारी भी कोरोना संक्रमित हो गए।
मध्य और दक्षिणी दिल्ली को नोएडा और फरीदाबाद से जोड़ने वाला आश्रम चौक मथुरा रोड और रिंग रोड (लाजपत नगर-सराय काले खां और डीएनडी) को जोड़ता है। यहां लगने वाले जाम के कारण आसपास की सिद्धार्थ एक्सटेंशन, कालिंदी कालोनी, अमर कालोनी, लाजपत नगर, आश्रम, किलोकरी गांव, न्यू फ्रेंड्स कालोनी, नेहरू नगर, फ्रेंड्स कालोनी ईस्ट के लाखों लोगों को परेशानी हो रही है। मुख्य मार्ग पर जाम लगता है तो वाहन चालक शार्टकट के चक्कर में इन कालोनियों में घुस जाते हैं। वहीं, भोगल की तरफ यहां के पुराने एफओबी को भी शिफ्ट किया गया है। अंडरपास के साथ ही इसका काम भी पूरा कर लेने का लक्ष्य है।