Delhi MCD News: पेपरलेस होगी दिल्ली नगर निगम, लागू होगी ई-आफिस प्रणाली
Delhi News साथ ही कागजों को नष्ट भी नहीं किया जा सकेगा। उल्लेखनीय है कि निगम के विशेष अधिकारी अश्वनी कुमार ने हिंदूराव अस्पताल में ई-संजीवनी के कार्यक्रम में कहा था कि वे निगम को पेपरलेस बनाने के लिए कार्य कर रहे हैं।
नई दिल्ली [निहाल सिंह]। मोटी-मोटी फाइलों के ढेर को खत्म करने के लिए दिल्ली नगर निगम को अब पेपरलेस करने की तैयारी चल रही है। इसके तहत नए काम की फाइल हो या फिर पुरानी फाइल पर कुछ कार्रवाई करनी हो। यह सभी काम अब ई-आफिस प्रणाली के माध्यम से होगा। इसमें फाइलों का कागजी काम पूरी तरह से डिजिटल कर दिया जाएगा, जिससे फाइलों का ढेर निगम के दफ्तरों में भी नहीं लगेगा।
साथ ही फाइलों की निगरानी भी हो सकेगी कि किस अधिकारी ने कितने समय में उस फाइल पर निर्णय लिया। पारदर्शिता के जरिये फाइलों की निगरानी होने से जिम्मेदारी भी तय हो सकेगी। दरअसल, दिल्ली सरकार से लेकर केंद्र सरकार और एनडीएमसी तक में ई-आफिस प्रणाली लागू है।
इसके लागू होने से अधिकारियों का कामकाज भी सरल हो जाता है और पारदर्शी व्यवस्था का निर्माण भी होता है। फाइलों के गुम होने का झंझट भी खत्म हो जाएगा। साथ ही कागजों को नष्ट भी नहीं किया जा सकेगा। उल्लेखनीय है कि निगम के विशेष अधिकारी अश्वनी कुमार ने हिंदूराव अस्पताल में ई-संजीवनी के कार्यक्रम में कहा था कि वे निगम को पेपरलेस बनाने के लिए कार्य कर रहे हैं।
पूर्व में निगम की सदन की बैठक को पेपरलेस करने के भी पहले प्रयास हुए थे। इसमें निगम की वेबसाइट पर अधिकारियों को बैठकों का एजेंडा उपलब्ध कराया जा रहा था। निगम में ई-आफिस प्रणाली लागू हो जाने से निगम को आर्थिक फायदा भी होगा।
इससे कागजों की खरीद का पैसा बचेगा, जबकि क्षेत्रीय कार्यालयों से मुख्यालय और अन्य निगम के दफ्तरों पर फाइलों को लाने-ले जाने पर खर्चा भी नहीं होगा। निगम के 27 विभाग और 12 क्षेत्रीय कार्यालय हैं। अब आगे क्या होगानिगम ई-आफिस प्रणाली लागू करने के लिए सबसे पहले पुरानी फाइलों को स्कैन करने की प्रक्रिया को पूरा करना होगा।
साथ ही यह सारा रिकार्ड ई-आफिस पोर्टल पर लागू करना होगा। इसके बाद जिन-जिन अधिकारियों को फाइलें बनाने से लेकर फाइलों पर हस्ताक्षर करने की अनुमति होती है सभी को ई-आफिस पोर्टल पर जोड़ा जाएगा। इसके लिए इन सभी अधिकारियों और कर्मचारियों के डिजिटल हस्ताक्षर भी बनाए जाएंगे। साथ ही निगम को बड़े पैमाने पर प्रत्येक अधिकारी के पास कंप्यूटर से लेकर कागजों को स्कैन करने की व्यवस्था करनी होगी।
यह सारी प्रक्रिया पूरी होने के बाद ई-आफिस प्रणाली लागू हो जाएगी। हालांकि इस पूरी प्रक्रिया में समय ज्यादा लगेगा, लेकिन निगम की कोशिश हैं कि चरणबद्ध तरीके से इसे लागू किया जाए, ताकि यह प्रणाली जल्द लागू हो।
क्या होती है ई-आफिस प्रणाली: कागजों की बचत के साथ सरकारी व्यवस्था को पारदर्शी करने के लिए केंद्र सरकार के राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआइसी)ने ई-आफिस प्रणाली की व्यवस्था दी थी। इसके तहत सारी फाइलें डिजिटली होती है। इसमें कागजों का कोई उपयोग नहीं होता, जिससे पर्यावरण को संरक्षित करने में भी मदद मिलती है।