राजधानी के दो हजार घरों का क्या होगा? दिल्ली-अमृतसर हाईस्पीड रेल कॉरिडोर की जद में आ रहे ये दो गांव
दिल्ली और अमृतसर के बीच की दूरी कम से कम समय में हो इस उद्देश्य से प्रस्तावित हाई स्पीड रेलवे लाइन की लंबाई करीब 453 किलोमीटर निर्धारित की गई है। इस पूरी परियोजना का क्रियान्वयन नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा किया जाना है लेकिन दिल्ली-अमृतसर हाई स्पीड रेल लाइन की जद में द्वारका के धूलसिरस व बामनौली गांव के दो हजार घर आ रहे हैं।
गौतम कुमार मिश्रा, पश्चिमी दिल्ली। द्वारका स्थित धूलसिरस व बामनौली गांव में दिल्ली से अमृतसर के बीच प्रस्तावित हाई स्पीड रेल का स्टेशन बनना है। प्रस्तावित स्टेशन को जिस नक्शे में दिखाया गया है, उसकी जद में दोनों गांव के लाल डोरे में शामिल कई घर आ रहे हैं। नक्शे में जो क्षेत्र दिखाया गया है, उसके अनुसार दोनों गांव के करीब दो हजार घर इसकी जद में आएंगे।
जब यह बात गांव वालों को पता चली तो उन्होंने इस परियोजना से जुड़े तमाम अधिकारियों का दरवाजा खटखटाया। अच्छी बात यह है कि अब यहां प्रस्तावित स्टेशन के लिए नई जगह की तलाश हो रही है। कोशिश इस बात की हो रही है कि स्टेशन की जद में गांव का कोई घर नहीं आए।
रेलवे लाइन की लंबाई करीब 453 किमी निर्धारित
दिल्ली और अमृतसर के बीच की दूरी कम से कम समय में हो, इस उद्देश्य से प्रस्तावित हाई स्पीड रेलवे लाइन की लंबाई करीब 453 किलोमीटर निर्धारित की गई है। इस पूरी परियोजना का क्रियान्वयन नेशनल हाई स्पीड रेल कार्पोरेशन लिमिटेड द्वारा किया जाना है।
फिलहाल इस योजना विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार की जा रही है। इसमें पर्यावरण प्रभाव आकलन भी शामिल है। परियोजना पर स्थानीय हितधारकों व जनता से भी परामर्श लिया जा रहा है।
उपायुक्त कार्यालय ने लिया संज्ञान
हाई स्पीड रेलवे के तहत दिल्ली से अमृतसर के बीच 10 स्टेशन बनेंगे। दिल्ली में एकमात्र स्टेशन यशोभूमि के पास बनना है। प्रारंभिक सर्वे में जिस जगह को इसके लिए चुना गया, वह बामनौली व धूलसिरस गांव के लाल डोर में पड़ा। दोनों गांव के कई घर इसकी जद में आ गए।
दिल्ली देहात किसान संघर्ष समिति, धूलसिरस वेलफेयर एसोसिएशन, बामनौली ग्राम विकास समिति, शहीद भगत सिंह ब्रिगेड जैसे संगठनों ने इस समस्या को अपने स्तर से जिला प्रशासन, उपराज्यपाल व नेशनल हाई स्पीड रेल कार्पोरेशन लिमिटेड के अधिकारियों के समक्ष उठाया। दिल्ली देहात किसान संघर्ष समिति के महासचिव कृष्ण गोदारा बताते हैं कि हमलोगों ने इस मसले को उपराज्यपाल के समक्ष उठाया।
हाई स्पीड रेल लाइन के लिए नए सिरे से हो एलाइंमेंट
उन्होंने अपनी ओर से आश्वासन दिया कि वे कुछ करेंगे। हमलोगों ने दक्षिण पश्चिमी जिला के अधिकारियों के समक्ष भी यह बात उठाई। बाद में हमारी पूरी बात समझने के बाद दक्षिण पश्चिमी जिला उपायुक्त कार्यालय ने नेशनल हाई स्पीड रेल कार्पोरेशन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक को पत्र भेजकर कहा कि गांव वालों की आपत्ति को देखते हुए प्रस्तावित हाई स्पीड रेल लाइन के स्टेशन के लिए नए सिरे से एलाइंमेंट करें ताकि घरों को ढहने से बचाया जा सके।
अब नए सिरे से हो रही एलाइंमेंट
ग्रामीणों की आपत्ति व प्रशासन के आग्रह के बाद नेशनल हाई स्पीड रेल कार्पोरेशन लिमिटेड के अधिकारी प्रस्तावित स्टेशन के लिए अब नए सिरे से सर्वे कर रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि नया प्रस्तावित स्टेशन जो बनेगा, उसमें कोशिश की जा रही है कि दोनों गांव के लाल डोरे की जमीन इसमें नहीं आए। नए नक्शा तैयार होने के बाद इसे मंत्रालय के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।
250 से 350 किलोमीटर प्रति घंटे की रहेगी दूरी
प्रस्तावित हाई स्पीड रेल लाइन पर ट्रेन अधिकतम 350 किलोमीटर की रफ्तार से दौड़ेगी। तीन राज्यों से गुजरने वाली दिल्ली अमृतसर रूट पर कुल 10 स्टेशन बनेंगे। इसमें दिल्ली, सोनीपत, पानीपत, करनाल, अंबाला, चंडीगढ़, लुधियाना, जालंधर, ब्यास व अमृतसर शामिल है। प्रस्तावित रेलवे लाइन अंडरग्राउंड, टनल व एलिवेटेड तीनों से गुजरेगी।