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Loksabha Election 2019 : जेल में बंद कल्पनाथ ने कभी कांग्रेस को दिखाया था धरातल

घोसी में राजा नहुष की नगरी के मतदाताओं का मिजाज यूं तो समझ से परे है पर यहां के मतदाताओं ने विकास के रथ पर चढ़कर वर्ष 1996 में ऐसा इतिहास रचा कि तमाम कीर्तिमान स्थापित हुए।

By Abhishek SharmaEdited By: Updated: Fri, 03 May 2019 12:49 PM (IST)
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Loksabha Election 2019 : जेल में बंद कल्पनाथ ने कभी कांग्रेस को दिखाया था धरातल

मऊ [अरविंद राय]। घोसी में राजा नहुष की नगरी के मतदाताओं का मिजाज यूं तो समझ से परे है पर यहां के मतदाताओं ने विकास के रथ पर चढ़कर वर्ष 1996 में ऐसा इतिहास रचा कि तमाम कीर्तिमान स्थापित हुए। राजनीतिक पटल पर बाहुबली मुख्तार अंसारी का उदय हुआ। जेल मे बंद निर्दल प्रत्याशी कल्पनाथ राय ने जीत हासिल किया और प्रथम बार इस क्षेत्र में कांग्रेस की सर्वाधिक दुर्गति हुई।

बात 1995-96 की है। विकास पुरुष के रूप में ख्याति प्राप्त कर चुके कल्पनाथ राय एवं तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिंहा राव के बीच रिश्ते तल्ख हो चुके थे। चीनी घोटाला व देशद्रोह के आरोप में कांग्रेस सांसद कल्पनाथ राय जेल में थे। मार्च 96 में लोकसभा चुनाव की घोषणा हुई। जेल में बंद कल्पनाथ राय ने निर्दल प्रत्याशी के रूप में नामांकन किया। इस चुनाव में कुल 74 प्रत्याशियों ने नामांकन किया। एक दर्जन प्रत्याशियों ने नामांकन पत्र वापस ले लिया। औपचारिकता पूर्ण न होने के चलते आठ के नामांकन निरस्त हो गए।

मैदान में बचे 54 प्रत्याशियों की संख्या ने एक कीर्तिमान स्थापित किया। बीते दो चुनावों में तीसरे नंबर पर रही बहुजन समाज पार्टी ने इस चुनाव में बाहुबली मुख्तार अंसारी को प्रथम बार लोकसभा चुनाव मैदान में उतारा। उधर समाजवादी पार्टी ने मोहम्मद अजमल पर दांव लगाया। जेल में बंद कल्पनाथ राय की तस्वीर ही उनका पोस्टर बन गई। डा. सुधा राय के नेतृत्व में प्रचार प्रारंभ हुआ। चुनावी जंग दिनों दिन रोचक होने लगी। कल्पनाथ राय का प्रचार स्वस्फूर्त समर्थकों की टीम गांव-गांव और गली-गली घूमने लगी तो मोख्तार अंसारी की अनुशासित टीम और मोहम्मद अजमल का प्रचार कर रही समाजवादी टीम ने चुनाव को रोचक बना दिया। इस चुनाव में 'शेर पिजड़े में बंद है' जैसे तमाम नए नारे गढ़े गए और कुछ नए संज्ञा व सर्वनाम भी प्रचलित हुए। चुनाव बेहद नजदीकी होता प्रतीत दिखा पर उम्मीदवारों की लंबी फौज ने राजनीतिक विश्लेषकों को चकरा दिया। हालांकि कल्पनाथ राय के सिर पर ही पगड़ी बंधने की उम्मीद जताई जाने लगी।

इस चुनाव में कुल 12 लाख एक हजार 951 मतदाताओं में से छह लाख छह हजार 943 यानी 50.50 फीसदी मतदाताओं ने मतदान किया। कल्पनाथ राय को 32.62 फीसदी मत मिले और उन्होंने 14 हजार 452 मतों से जीत दर्ज किया। अप्रत्याशित यह कि बीते दो चुनावों में तीसरे स्थान पर रही बसपा मुख्तार अंसारी के सहारे 30.19 फीसदी मत (180237) पाकर दूसरे स्थान पर आ गई। प्रथम बार लोकसभा चुनाव के जरिए मुख्तार अंसारी ने जिले की राजनीति में अपना पदार्पण कर दम दिखाया। इस चुनाव में कुल 51 उम्मीदवार अपनी जमानत न बचा सके। कांग्रेस का हाल यह कि राजकुमार राय को महज 2.37 फीसदी मत मिले और प्रथम आम चुनाव से ही प्रमुख दल रहे कांग्रेस के दुर्दिन प्रारंभ हो गए। इस चुनाव में कांग्रेस से अधिक मत बीजेपी के रामकुंवर सिंह (10.76 फीसद) को मिले।