Telangana Polls: तेलंगाना में पिछड़े समुदायों के लिए कांग्रेस ने खोला वादों का पिटारा, 20 हजार करोड़ रुपये वार्षिक कल्याण की घोषणा
तेलंगाना में कांग्रेस ने सत्ता में आने पर पिछड़े समुदायों (बीसी) के कल्याण के लिए सालाना 20000 करोड़ रुपये खर्च करने का वादा किया जो पांच साल में एक लाख करोड़ रुपये है। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने शुक्रवार को बीसी समुदाय के लिए कल्याणकारी योजनाओं के लिए बीसी घोषणा का अनावरण किया। ये राशि अगले पांच साल में एक लाख करोड़ रुपये हो जाएगी।
पीटीआई, हैदराबाद। तेलंगाना विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस ने शुक्रवार को पिछड़े समुदायों (बीसी) के कल्याण को लेकर लुभावने वादे किए। कांग्रेस ने कहा कि अगर हमारी सरकार बनी तो हम पिछड़े समुदायों के कल्याण के लिए 20,000 करोड़ रुपये खर्च करेंगे। कांग्रेस ने कहा कि ये राशि अगले पांच साल में एक लाख करोड़ रुपये हो जाएगी।
कर्नाटक के सीएम ने की घोषणा
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने कामारेड्डी में बीसी समुदाय के लिए कल्याणकारी योजनाओं की घोषणा की। उन्होंने पिछड़े समुदायों के लिए 'बीसी घोषणा' का अनावरण किया। साथ ही कांग्रेस ने तेलंगाना में जातिगत जनगणना कराने का वादा किया। उन्होंने कहा कि सत्ता में आने के छह महीने के भीतर जाति जनगणना और बीसी आयोग की रिपोर्ट के आधार पर बीसी आरक्षण बढ़ाया जाएगा।
तेलंगाना में आरक्षण कोटा बढ़ाने का वादा
कांग्रेस ने अपनी घोषणा में तेलंगाना में बीसी कोटा को बढाने का वादा किया। पार्टी ने कहा कि मौजूदा 23 प्रतिशत कोटा को बढ़ाकर 42 प्रतिशत कर दिया जाएगा, ताकि इस समुदाय के लोगों को राजनीति में अधिक महत्व मिलें। साथ ही अन्य क्षेत्र में भी 42 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा।
कांग्रेस की सरकार में गुरुकुलम की होगी स्थापना
कांग्रेस ने अपनी घोषणा में नवोदय विद्यालय की तर्ज पर पिछड़े समुदाय के लिए प्रत्येक मंडल में 'गुरुकुलम' की स्थापना करने का वादा किया। इसके अलावा पार्टी ने सभी जिलों में एक नया डिग्री कॉलेज स्थापित करने का वादा किया।
पिछड़े समुदाय के छात्रों का फीस माफ
कांग्रेस ने कहा कि पिछड़े समुदाय के जिन बच्चों की आय तीन लाख से कम होगी, उसकी पूरी फीस माफ की जाएगी। साथ ही नाई, बढ़ई, धोबी और सुनार जैसे कारीगर समुदायों को दुकान के लिए फ्री में स्थान दी जाएगी। साथ ही सभी मंडल में शॉपिंग कॉम्प्लेक्स बनाने का वादा किया।
इससे पहले कांग्रेस ने गुरुवार को अल्पसंख्यक घोषणापत्र जारी किया। इसमें छह महीने के अंदर जातिगत जनगणना कराने और अल्पसंख्यक कल्याण के लिए सालाना बजट को 4000 करोड़ रुपये तक बढ़ाने का वादा किया। साथ ही पिछड़े वर्गों को नौकरी, शिक्षा और सरकारी योजनाओं में आरक्षण देने का एलान किया।