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Kantara Vs Tumbbad: आनंद गांधी ने तुम्बाड वर्सेज कांतारा पर दी प्रतिक्रिया, कही ये बात

Kantara Vs Tumbbad सोशल मीडिया पर नॉर्थ वर्सेज साउथ की बहस के बाद अब तुम्बाड वर्सेज कांतारा की बहस छिड़ गई है और अब इस बहस पर तुम्बाड के क्रिएटिव डायरेक्टर आनंद गांधी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। साथ ही उन्होंने दोनों फिल्मों की कहानी के बारे में समझाया है।

By Jagran NewsEdited By: Nitin YadavUpdated: Sun, 04 Dec 2022 02:29 PM (IST)
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Anand Gandhi reacted on Tumbbad vs Kantara.

नई दिल्ली, जेएनएन। Kantara Vs Tumbbad: कन्नड अभिनेता ऋषभ शेट्टी की फिल्म कांतारा अपनी कहानी और बॉक्स ऑफिस पर रिकॉर्ड तोड़ कमाई करने के चलते अब भी चर्चा का केंद्र बनी हुई है। हाल ही में सोशल मीडिया पर दर्शकों के एक वर्ग ने कांतारा की तुलना तुम्बाड से की है, जिसमें कहा जा रहा है कि दोनों ही फिल्में लोककथा पर आधारित हैं और साथ में थोड़ी बहुत डरावनी भी हैं।

अब पूरी घटना क्रम पर अब तुम्बाड के क्रिएटिव डायरेक्टर आनंद गांधी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है और इस पूरी बहस को पूरी तरह से खारिज कर दिया है। डायरेक्टर ने दी प्रतिक्रिया तुम्बाड के डायरेक्टर आनंद गांधी इस बहस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए ट्विटर पर लिखा, कांतारा और तुम्बाड जैसी वजह जैसा कुछ भी नहीं है। तुम्बाड के पीछे मेरा विचार डरावनी कहानी और पारलौकिकता के रूपक के रूप में हॉरर का उपयोग करना था, जबकि कांतारा इन सभी का उत्सव हैं।

वहीं, कई फैंस इस पूरे मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। एक यूजर ने लिखा, तुम्बाड एक शिक्षा देने वाली कहानी थी कि जीवन में लालच न करें। मैंने अभी तक कांतारा नहीं देखी है, लेकिन मुझे लगता है कि कांतारा और दहन वेब सीरीज पर बात होने चाहिए। क्योंकि ये परंपरा वर्सेज विज्ञान पर आधारित थी। वहीं, एक अन्य यूजर ने लिखा, ये कांतारा वर्सेस तुम्बाड क्या चल रहा है? सभी जानते हैं कि कोला सबसे अच्छा है।  

लोककथा पर बेस्ड है कांतारा की कहानी

आपको बता दें, ऋषभ शेट्टी अभिनीत और निर्देशित कांतारा की कहानी कर्नाटक के काल्पनिक तटीय गांव में रहने वाले निवासियों की लोककथा पर बेस्ड है, जिसकी कहानी एक राजा के परिवार, दैव और गुलिका के इर्द-गिर्द घूमती है। जहां राजा अपनी मानसिक शांति के लिए अपनी जमीन को दान कर देता है, लेकिन बाद में राजा के वंशज उस जमीन को फिर से हासिल करने के लिए संघर्ष करते दिख रहे हैं। कांतारा में ऋषभ ने कंबाला चैंपियन शिवा का किरदार निभाया है। बता दें इस फिल्म का निर्माण केजीएफ जैसी बड़ी फिल्म बनाने वाले प्रोडक्शन हाउस होंबले फिल्म्स के बैनर तले किया गया है।

सामाजिक मैसेज देती है तुम्बाड की कहानी

वहीं, तुम्बाड की कहानी लोगों को लालच न करने की सीख देते हैं। इस फिल्म का कहानी एक गुफा में रहने वाली एक देवी पर आधारित है जोकि एक खजाने की सुरक्षा कर रही है, लेकिन एक लालची व्यक्ति वहां भूखी देवी को खाना खिलाकर खजाना पाने में सफल होता है, लेकिन जब वो लालची करता है तो अपनी जान गवा देता है।

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