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Gujarat: गिफ्ट सिटी में शराब पीने की छूट पर भड़कीं कांग्रेस व आप, पूर्व CM वाघेला ने सरकार के फैसले का किया स्वागत

गांधीनगर स्थित गुजरात फाइनेंस टेक सिटी (गिफ्ट) सिटी में निवेश व्‍यापार व वित्तीय लेन देन को गति देने के लिए गुजरात सरकार ने नियमों के तहत शराब सेवन की छूट दी है उसको लेकर कांग्रेस व आम आदमी पार्टी ने सरकार की नीयत पर सवाल उठाते हुए इस निर्णय को दुर्भाग्‍यपूर्ण बताया है जबकि पूर्व मुख्‍यमंत्री एवं दिग्‍गज नेता शंकरसिंह वाघेला ने इसका समर्थन किया है।

By Jagran News Edited By: Devshanker Chovdhary Updated: Sat, 23 Dec 2023 11:04 PM (IST)
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गुजरात सरकार ने नियमों के तहत शराब सेवन की छूट दी। (फाइल फोटो)

राज्य ब्यूरो, अहमदाबाद। गांधीनगर स्थित गुजरात फाइनेंस टेक सिटी (गिफ्ट) सिटी में निवेश, व्‍यापार व वित्तीय लेन देन को गति देने के लिए गुजरात सरकार ने नियमों के तहत शराब सेवन की छूट दी है उसको लेकर कांग्रेस व आम आदमी पार्टी ने सरकार की नीयत पर सवाल उठाते हुए इस निर्णय को दुर्भाग्‍यपूर्ण बताया है, जबकि पूर्व मुख्‍यमंत्री एवं दिग्‍गज नेता शंकरसिंह वाघेला ने इसे सरकार का हिम्‍मत भरा कदम व नववर्ष पर सरकार का उपहार बताया है।

आबकारी विभाग ने जारी किया आदेश

गुजरात के नशाबंदी एवं आबकारी विभाग की ओर से शुक्रवार को जारी एक परिपत्र में गांधीनगर स्थित गिफ्ट सिटी में विदेश व अन्‍य राज्‍यों के उध्‍यमी तथा मेहमानों को वाइन एंड डाइन फेसिलिटी की घोषणा की थी। सरकार ने शराब सेवन के परमिट जारी करने के आबकारी कानून के प्रावधान के अनुसार फोरेन लिकर नीति के तहत यह छूट दी है।

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आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने किया हमला

प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस व आम आदमी पार्टी को शराबबंदी में छूट के बहाने सरकार को घेरने का मौका मिल गया। गुजरात कांग्रेस अध्‍यक्ष शक्तिसिंह गोहिल ने सरकार के इस निर्णय को दुर्भाग्‍यपूर्ण बताते हुए आरोप लगाया है कि सरकार पिछले दरवाजे से शराबबंदी को समाप्‍त करने का काम कर रही है। राज्‍य में कानून एवं व्‍यवस्‍था बेहतर है उसका प्रमुख कारण शराबबंदी है इसलिए सरकार को अपना फैसला वापस लेना चाहिए।

गढ़वी ने बताया महात्मा गांधी का अपमान

उधर, आप के गुजरात अध्‍यक्ष ईसुदान गढवी ने इस छूट को महात्‍मा गांधी एवं गुजरात का अपमान बताया है। उन्‍होंने कहा कि इस छूट से सरकार की मंशा स्‍पष्‍ट हो गई है कि सरकार राज्‍य से शराबबंदी समाप्‍त करना चाहती है। कांग्रेस विधायक गेनीबेन ठाकोर ने इसे महिलाओं की गरिमा के खिलाफ निर्णय बताया वहीं आप विधायक उमेश मकवाणा ने मुख्‍ययमंत्री को पत्र ‍लिखकर इस निर्णय को वापस लेने की मांग की है।

पूर्व मुख्‍यमंत्री शंकरसिंह वाघेला ने अनूठे अंदाज में सरकार का समर्थन करते हुए इसे हिम्‍मत भरा कदम बताया है, उनका कहना है कि नववर्ष पर यह सरकार का उपहार है। उनका कहना है कि दीव, दमण, सेलवास, उदयपुर व माउंट आबू में जब शराब की खुलेआम बिक्री हो रही है तो गुजरात में शराबबंदी एक दंभ से अधिक कुछ नहीं है।

पूर्व सीएम वाघेला ने फैसले का किया समर्थन

वाघेला का कहना है कि महात्मा गांधी व सरदार पटेल के नाम पर शराबबंदी में ढील का विरोध होगा, लेकिन सरकार को व्‍यवहारिक नीति अपनाते हुए गांधीनगर के महात्‍मा मंदिर, सासण गीर जंगल व अन्‍य पर्यटक स्‍थलों पर भी शराब की छूट देनी चाहिए। वाघेला का दावा है कि वे खुद शराब का सेवन नहीं करते और परिवार में भी कोई सेवन नहीं करता है, लेकिन उनका यह तर्क है कि शराब बंदी के कारण राज्‍य का युवा मादक पदार्थ आदि का सेवन करने लगा है उससे दूर रखने के लिए शराब के सेवन की छूट देनी चाहिए।

उनका आहवान है कि वैज्ञानिक सोच, गांधीवादी विचार के लोगों को बुलाकर गांधीनगर, पोरबंदर, करमसद, वडनगर समेत राज्‍य में शराब में छूट पर एक आम सहमति बनानी चाहिए ताकि राजय को शराब बिक्री से 50 हजार करोड रु तक की आय भी हो। वाघेला ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व केंद्रीय ग्रहमंत्री अमित शाह से अपील की है कि इसे उच्‍च वर्ग तक सीमित ना रखें, गरीब व श्रमिक वर्ग के युवा देशी व जहरीली शराब पीकर अकाल मौत के शिकार हो जाते हैं उनहें इससे बचाने के लिए चरणबद्ध तरीके से राज्‍य के अन्‍य शहर व गांवों में भी शराबबंदी में ढील दिलाएं।

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राज्‍य सरकार के प्रवक्‍ता एवं केबिनेट मंत्री ऋषीकेश पटेल का कहना है कि सरकार ने नियमों के तहत विदेशी उध्‍यमी, मेहमान, अन्‍य राज्‍यों से आने वाले उध्‍यमी व मेहमानों के लिए छूट रखी है। उनका कहना है कि विदेश व अन्‍य प्रदेशों से आने वाले उध्‍यमियों की अपनी एक जीवन शैली होती है यहां आकर उनको अपनी लाइफ स्‍टाइल में बदलाव नहीं करना पडे इसलिए यह निर्णय किया है। सरकार निवेश व व्‍यापार को बढाने के इरादे से ही गिफट सिटी में शराबबंदी में नियमों के तहत ढील दी है।