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सच के साथी सीनियर्स: अहमदाबाद में वित्तीय धोखाधड़ी से बचने की दी गई ट्रेनिंग, 21 मार्च को वडोदरा में होगा अगला कार्यक्रम

जागरण न्यूज मीडिया की फैक्ट चेकिंग विंग विश्वास न्यूज ने 20 मार्च को अहमदाबाद के इस्कॉन मंदिर के पास सदविचार परिवार में कार्यशाला का आयोजन किया। सच के साथी-सीनियर्स अभियान के तहत आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने प्रतिभागियों से कहा कि सोशल मीडिया पर आने वाले लुभावने मैसेज के साथ फिशिंग लिंक्स के झांसे में आकर कई लोग वित्तीय धोखाधड़ी का शिकार हो जाते हैं। इससे सतर्क रहने की जरूरत है।

By Jagran News Edited By: Babli Kumari Updated: Wed, 20 Mar 2024 07:07 PM (IST)
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अहमदाबाद में आयोजित किया गया सच के साथी सीनियर्स कार्यक्रम (जागरण फोटो)

डिजिटल डेस्क, अहमदाबाद। गलत खानपान से हमारे शरीर को नुकसान पहुंचता है। जिस तरह सही खानपान से शरीर स्वस्थ रहता है, उसी तरह स्वस्थ सूचनाओं से मानसिक स्वास्थ्य दुरुस्त रहता है। गलत सूचनाएं मानसिक सेहत को प्रभावित करती हैं, इसलिए यह जरूरी है कि हम किसी भी संदिग्ध सूचना को बिना जांचें फॉरवर्ड न करें।

अहमदाबाद में आयोजित विश्वास न्यूज की कार्यशाला में जागरण न्‍यू मीडिया के एडिटर-इन-चीफ एवं सीनियर वाइस प्रेसिडेंट राजेश उपाध्‍याय ने प्रतिभागियों से यह बात कही।

साइबर ठगों से बचने के बताए उपाए 

जागरण न्यूज मीडिया की फैक्ट चेकिंग विंग विश्वास न्यूज ने 20 मार्च को अहमदाबाद के इस्कॉन मंदिर के पास सदविचार परिवार में कार्यशाला का आयोजन किया। 'सच के साथी-सीनियर्स' अभियान के तहत आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने प्रतिभागियों से कहा कि सोशल मीडिया पर आने वाले लुभावने मैसेज के साथ फिशिंग लिंक्स भेजे जाते हैं। जैसे- फ्री रिचार्ज या नौकरी के नाम से लोगों को निशाना बनाया जाता है। इनके झांसे में आकर कई लोग वित्तीय धोखाधड़ी का शिकार हो जाते हैं। इससे सतर्क रहने की जरूरत है। ऐसे लिंक्स पर क्लिक मत करें और कंपनी या विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर सूचना के बारे में जांच करें। इस तरह से आप साइबर ठगों से बच सकते हैं।

ऑनलाइन फैक्ट चेकिंग टूल्स की भी दी गई जानकारी

रोचक उदाहरणों के माध्यम से उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद लोगों को सच, राय और अफवाह में अंतर करना समझाया। उन्होंने कहा कि सच, राय और अफवाह में अंतर करने के बाद ही किसी मैसेज को फॉरवर्ड करना चाहिए। अगर वायरल मैसेज अफवाह या भ्रामक है, तो उसकी चेन को तोड़ना चाहिए। ऐसी संदिग्ध सूचनाओं की पड़ताल के लिए उन्होंने ऑनलाइन फैक्ट चेकिंग टूल्स के बारे में भी जानकारी दी।

कार्यक्रम में डीपफेक पर भी डाली गई रोशनी

कार्यक्रम में आजकल के ज्वलंत विषय डीपफेक पर भी रोशनी डाली गई। उन्होंने कहा कि आजकल एआई टूल्स की मदद से डीपफेक वीडियो बनाने आसान हो गए हैं। किसी का चेहरा या आवाज बदलकर लोगों को निजी तौर से नुकसान पहुंचाने के साथ ही वित्तीय नुकसान भी पहुंचाया जा रहा है। इसके लिए जरूरी है कि किसी भी सूचना को पहले जांचें और फिर फॉरवर्ड करें। कार्यक्रम के अंत में उन्होंने सभी से जागरूक मतदाता बनने की अपील की। आयोजन के दौरान गुजराती जागरण के एसोसिएट एडिटर जीवन कपूरिया और डिप्टी एडिटर राजेंद्र सिंह परमार भी मौजूद रहे।

21 को वडोदरा में कार्यक्रम

अहमदाबाद के 'सच के साथी सीनियर्स' अभियान के तहत 21 मार्च को वडोदरा में इस तरह की कार्यशाला का आयोजन होगा। वडोदरा के श्री जीवन संस्‍था में यह आयोजन सुबह 10:30 बजे होगा।

गुजरात के कुछ शहरों में पहले भी हो चुका है आयोजन

इससे पहले भी गुजरात के कुछ शहरों में इस तरह का आयोजन हो चुका है। इसके अलावा मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, दिल्ली, तेलंगाना, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और बिहार के अलग-अलग शहरों में भी इस तरह के कार्यक्रम का आयोजन किया जा चुका है। गूगल न्यूज इनिशिएटिव (जीएनआई) के सहयोग से संचालित हो रहे इस कार्यक्रम का अकादमिक भागीदार माइका (मुद्रा इंस्टीट्यूट ऑफ कम्युनिकेशंस, अहमदाबाद) है।

अभियान के बारे में

'सच के साथी सीनियर्स' भारत में तेजी से बढ़ रही फेक और भ्रामक सूचनाओं के मुद्दे को उठाने वाला मीडिया साक्षरता अभियान है। कार्यक्रम का उद्देश्य 15 राज्यों के 50 शहरों में सेमिनार और वेबिनार की श्रृंखला के माध्यम से स्रोतों का विश्लेषण करने, विश्वसनीय और अविश्वसनीय जानकारी के बीच अंतर करते हुए वरिष्ठ नागरिकों को तार्किक निर्णय लेने में मदद करना है। इसमें रजिस्ट्रेशन करने के लिए www.vishvasnews.com/sach-ke-sathi-seniors/ पर क्लिक करें।