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'जैसा बोओगे, वैसा काटोगे...', केजरीवाल की गिरफ्तारी पर मनोहर लाल बोले- दिल्ली CM की बातों पर चढ़ाए जा रहे फूल

Delhi CM Kejriwal Arrest केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली ही नहीं बल्कि देश की सियासत (Haryana Latest News) में जैसे भूचाल ही आ गया है। इसी क्रम में मनोहर लाल ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि जैसा कोई कर्म करेगा वैसा भुगतेगा। दिल्ली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को शराब घोटाले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया गया है

By Prince Sharma Edited By: Prince Sharma Updated: Tue, 26 Mar 2024 10:23 AM (IST)
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Haryana Politics: 'जैसा बोओगे, वैसा काटोगे...', केजरीवाल की गिरफ्तारी पर मनोहर लाल बोले-

पीटीआई, चंडीगढ़। (Haryana News) दिल्ली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी (Delhi CM Arvind Kejriwal) के बाद मानो दिल्ली की सियासत में जमकर उथल-पुथल मच गई है। केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर कई दिग्गज नेताओं ने प्रतिक्रिया दी है। इस बीच हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भी अरविंद केजीरवाल की गिरफ्तारी को लेकर बयान दिया है।

जैसा करोगे वैसा भुगतना पड़ रहा है

पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल (CM Manohar Lal) ने कहा कि उन्होंने जो किया उसका परिणाम भुगतना (जैसा बोओगे वैसा काटोगे) ही पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि उन्होंने (केजरीवाल) ने ही कहा था कि ये एजेंसिया भ्रष्ट लोगों के खिलाफ समय पर कार्रवाई नहीं करती हैं। सीएम ने कहा कि उन्हीं की बातों को फूल चढ़ाए जा रहे हैं।

अनिल विज ने भी दी थी प्रतिक्रिया

बीते दिनों हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज और वरिष्ठ नेता अनिल विज ने भी केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने कहा था कि जांच एजेंसियां कोर्ट के सामने सबूत रख रही हैं और अदालत कार्रवाई कर रही है। बता दें कि जब से नायब सिंह ने मुख्यमंत्री पद की गद्दी संभाली है। उसी दिन से अनिल विज की नाराजगी की अटकलें तेज हो गई हैं। बीते शुक्रवार मुख्यमंत्री विज ने सैनी से मुलाकात भी की।

सीएम केजरीवाल को क्यों किया गया गिरफ्तार

दिल्ली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को  शराब घोटाले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 (PMLA) के अंतर्हत अरेस्ट किया। बता दें कि PMLA में जमानत मिलना मुश्किल होता है। यह कानून 2002 में बनाया गया था और 1 जुलाई 2005 को लागू किया गया था।

इस कानून का मुख्य उद्देश्य मनी लॉन्ड्रिंग को रोकना है। इसके दायरे में बैंक, म्यूचुअल फंड और बीमा कंपनियां को भी 2012 में शामिल किया गया। इस एक्ट के अंतर्गत अपराधों की जांच की जिम्मेदारी प्रवर्तन निदेशालय के पास होती है।

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