नूंह हिंसा: 'प्याज की तरह फोड़ देंगे, उसे सबक सिखाएंगे', मामन खान के गले की फांस बना विवादित बयान
नूंह हिंसा में आरोपी कांग्रेस विधायक मामन खान के विरुद्ध उनके तीन विशेष समर्थक तौकीफ आलिम तथा एक अन्य समर्थक से हुई पूछताछ में सारे साक्ष्य सामने आए हैं। मामन पहले एसआइटी के नोटिस पर जांच में शामिल होने वाले थे लेकिन कांग्रेस के शीर्ष नेताओं के कहने पर वह शामिल नहीं हुए। हिंसा के अगले दिन कांग्रेस के विधायक मामन खान का नाम सामने आने लगा था।
By Jagran NewsEdited By: Nitin YadavUpdated: Sat, 16 Sep 2023 08:08 AM (IST)
नूंह/मेवात, सत्येंद्र सिंह। यह तो अदालत तय करेगी कांग्रेसी विधायक मामन खान पर लगे आरोप गलत या पर सही, पर 31 जुलाई को हुई हिंसा की जांच कर रही विशेष जांच दल (एसआइटी) का दावा है कि उनके पास कई अहम साक्ष्य हैं, जिनके आधार पर विधायक को आरोपित बना गिरफ्तार किया गया है।
विधायक के विरुद्ध उनके तीन विशेष समर्थक तौकीफ, आलिम तथा एक अन्य समर्थक से हुई पूछताछ में सारे साक्ष्य सामने आए हैं। मामन पहले एसआइटी के नोटिस पर जांच में शामिल होने वाले थे, लेकिन कांग्रेस के शीर्ष नेताओं के कहने पर वह शामिल नहीं हुए।
उन्हें उम्मीद थी कि पार्टी नेताओं की सलाह पर वह पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट जाने पर गिरफ्तारी से बच जाएंगे। हालांकि, कोर्ट ने भी उन्हें गिरफ्तारी से बचने के लिए निचली अदालत जाने को कहा। आगे की वह तैयारी कर ही रहे थे कि जयपुर तथा अजमेर के बीच बने फार्म हाउस से एसआइटी ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
हिंसा के अगले दिन कांग्रेस के विधायक मामन खान का नाम सामने आने लगा था। तीन दिन बाद मामन ने अपने गांव स्थित गुरुकुल में सफाई भी दी कि हिंसा से उनका लेना-देना नहीं है। जो दोषी है, उसे गिरफ्तार किया जाए। लेकिन, तौकीफ ने गिरफ्तारी के बाद जो उगला, उसके बाद मामन के विरुद्ध एसआइटी की जांच आगे बढ़ी तो उनकी हिंसा के पहले और हिंसा के दिन मोबाइल की लोकेशन उन्हीं क्षेत्र में मिली, जहां हिंसा हुई। हालांकि इसे मामन ने हाई कोर्ट में लगाई गई याचिका में गलत बताया है।
एसपी नरेंद्र बिजारणियां का दावा है कि लोकेशन उनकी बड़कली चौक के आसपास ही थी। आरोपित विधायक तौकीफ तथा हिंसा में शामिल अन्य आरोपितों से लगातार संपर्क में रहा है। यह बात भी सामने आ रही है कि नासिर और जुनैद की हत्या मामले को तूल देने में फंडिग भी की गई।
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हिंसा करने वालों के तार पाकिस्तान से भी जुड़े पाए गए हैं, जिसमें कई यूट्यूबर्स हैं जो विधायक से भी जुड़े रहे हैं। इन्हीं कई सवालों को लेकर रिमांड पर एसआइटी मामन से सवाल करेगी। देखना यह है कि वह सफाई में क्या बताते हैं। नूंह अदालत में पेशी के दौरान विधायक की ओर से दलील दी गई कि जनप्रतिनिधि होने के नाते वह लोगों से संपर्क में थे। इसके उत्तर में एसआइटी की ओर से कहा गया कि जिम्मेदार व्यक्ति के नाते वह हिंसा करने वालों को समझा भी सकते थे।
बता दें कि मामन को एसआइटी ने दो बार पूछताछ के लिए तलब किया, पर वह पेश नहीं हुए। इससे तीन दिन पहले नूंह पुलिस ने गोरक्षक मोनू मानेसर को गिरफ्तार किया था। इसके बाद से ही उनकी गिरफ्तारी की तैयारी चल रही थी। मामन खान को भी गिरफ्तारी का डर था। उनकी ओर से पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर कर मामले में उच्चस्तरीय एसआइटी गठित करने की मांग की गई थी। हालांकि, पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
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