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Action Against Corruption: भ्रष्टाचार पर और सख्त हुई हरियाणा सरकार, चार कंपनियां डाली काली सूची में, अब नहीं मिलेंगे टेंडर

Action against Corruption हरियाणा की मनोहर लाल सरकार ने भ्रष्‍टाचार के खिलाफ कड़ा रुख दिखाया है। राज्‍य सरकार ने भ्रष्‍टाचार के खिलाफ एक्‍शन लेते हुए चार कंपनियों को काली सूची में डाल दिया है। अब इन कंपनियोंं काे स्‍थानीय निकायों में टेंडर नहीं मिलेंगे।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Updated: Thu, 08 Sep 2022 07:15 PM (IST)
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हरियाणा सरकार ने राज्‍य में चार कंपनियों को काली सूची में डाल दिया है। (सांकेतिक फोटो)

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। Action Against Corruption: हरियाणा की मनोहर लाल सरकार ने भ्रष्‍टाचार के खिलाफ और कड़ा रुख दिखाया है। नगर निगमों, पालिकाओं और परिषदों में गोलमाल के लगातार सामने आ रहे मामलों को लेकर प्रदेश सरकार सख्त हो गई है। भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने की कड़ी में अब चार कंपनियों को काली सूची में डाला गया है।

स्‍थानीय निकायों को इन कंपनियों को कोई टेंडर नहीं देने का निर्देश 

हरियाणा सरकार ने स्‍थानीय निकायों को  ब्लैक लिस्ट कंपनियों को कोई टेंडर अलाट न करने का निर्देश दिया है। सरकार ने चेतावनी दी गई है कि अगर चारों कंपनियों में से किसी को भी कोई टेंडर दिया गया तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

चारों कंपनियों पर कार्यों में अनयिमितता बरतने का आरोप

शहरी स्थानीय निकाय विभाग के निदेशक की ओर से इस संबंध में सभी जिला नगर आयुक्तों, नगर निगम आयुक्तों, कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, नगर परिषदों के कार्यकारी अधिकारियों और नगर पालिकाओं के सचिव को निर्देश जारी किए गए हैं। ब्लैक लिस्ट की गई कंपनियों में मैसर्ज मुकेश कुमार कांट्रेक्टर, दी स्वच्छ हरियाणा कोआपरेटिव सोसायटी, दी रोहनी कोआपरेटिव सोसायटी और संदीप बंसल कांट्रेक्टर शामिल हैं। चारों कंपनियों पर विभिन्न कार्यों में अनियमितताओं के आरोप हैं।

इन कंंपनियों को किया गया ब्‍लैकलिस्‍ट - 

  • - मैसर्ज मुकेश कुमार कांट्रेक्टर।
  • - दि स्वच्छ हरियाणा कोआपरेटिव सोसायटी।
  • - दि रोहनी कोआपरेटिव सोसायटी।
  • - संदीप बंसल कांट्रेक्टर। 

नगर निगमों, पालिकाओं और परिषदों में लगातार सामने आ रही वित्तीय अनियमितताएं

उल्लेखनीय है कि अंबाला, पंचकूला, फरीदाबाद, गुरुग्राम, करनाल नगर निगम सहित विभिन्न स्थानीय निकायों में करोड़ों रुपये के घोटाले हुए हैं जिनकी जांच राज्य चौकसी ब्यूरो व अन्य जांच एजेंसियां कर रही हैं। फरीदाबाद नगर निगम में अधिकारियों द्वारा बिना काम किए करोड़ों रुपये का भुगतान कर दिया गया तो अंबाला नगर निगम में खेल स्टेडियम के निर्माण में मोटा गोलमाल हुआ है।

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पंचकूला नगर निगम में स्वच्छता के नाम पर घोटाला हुआ है। इसी तरह नगर परिषदों और पालिकाओं में भी भारी वित्तीय अनियमितताएं पकड़ी गई हैं। यही वजह है कि प्रदेश सरकार ने परिषद और पालिका प्रधानों से डीडी पावर वापस लेने की तैयारी कर ली है।