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Water Issue: एसवाईएल के बाद अब हरियाणा गंगा-यमुना लिंक नहर के लिए बनाएगा दबाव, मांगा गंगा का पानी

Inter State Water Issue हरियाणा ने सतलुज यमुना संपर्क नहर के निर्माण लड़ाई लड़ने के साथ ही अब गंगा का पानी भी मांगा है। हरियाणा ने अब गंगा - यमुना नहर के निर्माण करने की मांग उठाई है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Updated: Sun, 13 Nov 2022 09:21 AM (IST)
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हरियाणा ने गंगा यमुना संपर्क नहर के निर्माण की मांग की है। (फाइल फोटो)

जेएनएन, चंडीगढ़। Inter State Water Issue: हरियाणा ने उत्‍तर प्रदेश से गंगा नदी का पानी मांगा है। इसके लिए हरियाणा सरकार ने गंगा यमुना संपर्क नहर बनाने की मुहिम छेड़ी है। हरियाणा का कहना है कि इस लिंक नहर के बनने से उसकी जल की समस्‍या हल हो सकेगी और उसे अतिरिक्‍त पानी मिल सकेगा।  

हरियाणा सरकार केंद्र व यूपी सरकार को पत्र लिखेगी

बता दें कि हरियाणा लंबे अरसे से पंजाब के साथ सतलुज-यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर की लड़ाई लड़ रहाहै। अब वह गंगा का पानी लेने की जुगत में लग गया है। हरियाणा सरकार की ओर से गंगा-यमुना लिंक नहर बनाने के लिए जल संसाधन मंत्रालय तथा उत्तर प्रदेश सरकार को पत्र लिखा जाएगा। इस लिंक नहर के बनने से हरियाणा को अतिरिक्त पानी मिल सकेगा।

सीएम मनोहर लाल ने उच्‍चस्‍तरीय बैठक में दिया निर्देश

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने शुक्रवार रात को हुई उच्च स्तरीय बैठक में निर्देश दिया कि गंगा नदी के पानी को हरियाणा में लाने की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएं। गुरुग्राम जिले में जल आपूर्ति में वृद्धि के लिए गुड़गांव वाटर सप्लाई चैनल (जीडब्ल्यूएस) की क्षमता में वृद्धि की जाएगी।

जीडब्ल्यूएस चैनल की क्षमता 1000 क्यूसिक की जाएगी

वर्तमान में चैनल की क्षमता 175 क्यूसिक है, जिसे वर्ष 2030 की जनसंख्या के अनुसार 1000 क्यूसिक तक बढ़ाया जाएगा। चैनल की मरम्मत और रिमाडलिंग पर लगभग 1600 करोड़ रुपये खर्च होंगे। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि पानी के उचित प्रबंधन को सुनिश्चित करने के लिए सभी शहर और कस्बों में उपचारित अपशिष्ट जल नीति को पूरी तरह से लागू करना होगा।

उपचारित पानी के लिए माइक्रो एसटीपी स्‍थापित किए जाएंगे

इसके तहत साफ पानी और उपचारित पानी के लिए अलग-अलग पाइप लाइन बिछाते हुए माइक्रो एसटीपी स्थापित किए जाएंगे। फरीदाबाद में पानी की आवश्यकता को पूरा करने के लिए रैनीवेल परियोजना के माध्यम से जल संचयन पर जोर दिया जाएगा। एक एक्सपर्ट कमेटी बनेगी जो यमुना नदी में अंडरग्राउंड फ्लो से संबंधित अध्ययन करेगी। साथ ही आकलन करेगी कि दक्षिण हरियाणा में पानी की कितनी जरूरत है और वर्तमान में कितनी आपूर्ति हो रही है।

गुरुग्राम वाटर सप्‍लाई  चैनल की लाइनिंग हुई खराब

बैठक में बताया गया कि गुरुग्राम वाटर सप्लाई चैनल की लंबाई 69 किलोमीटर है जो काकरोई हेड से दिल्ली ब्रांच के आरडी नंबर-227800 से निकलती है और बसई वाटर ट्रीटमेंट प्लांट पर खत्म होती है। इस चैनल का निर्माण वर्ष 1995 में किया गया था। इस चैनल से 28 वाटर वर्क्स की पानी की जरूरतें पूरी होती हैं।

27 सालों से लगातार पानी के प्रवाह के कारण चैनल की लाइनिंग खराब हो गई है। कुछ जगह चैनल में दरारें भी आ चुकी हैं और गाद भरने की वजह से पानी की क्षमता में कमी आई है। इस चैनल की क्षमता 100 क्यूसिक तक पहुंच चुकी है जिससे मरम्मत की सख्त आवश्यकता है।

रिमाडलिंग का प्रोजेक्ट तैयार

वर्ष 2040 तक गुरुग्राम शहर व कस्बों में पीने के पानी की आवश्यकता लगभग 475 क्यूसिक तक पहुंच जाएगी। इस मांग को पूरा करने और पानी की बर्बादी से बचाने के लिए क्यूसिक क्षमता बढ़ाने के साथ ही जीडब्ल्यूएस चैनल की रिमाडलिंग का प्रोजेक्ट तैयार किया गया है।

खुरबू और काकरोई के बीच पानी की आपूर्ति की क्षमता 750 क्यूसिक है।वर्तमान में 1050 क्यूसिक पानी दिल्ली को, 400 क्यूसिक पानी गुरुग्राम को दिया जा रहा है तथा शेष पानी का उपयोग सिंचाई के लिए किया जा रहा है। इन चैनलों की मरम्मत, रिमाडलिंग होने से कुल क्षमता 2300 क्यूसिक हो जाएगी जो वर्ष 2030 तक पानी की उपलब्धता को पूरा कर सकेगी।

वर्ष 2050 तक गुरुग्राम में पड़ेगी 1504 क्यूसिक पानी की आवश्यकता

वर्ष 2030 तक गुरुग्राम में 1068 क्यूसिक, वर्ष 2040 तक 1269 क्यूसिक तथा वर्ष 2050 तक 1504 क्यूसिक पानी की आवश्यकता होगी। यमुना नदी पर रेणुका, किशाऊ और लखवाड़ बांध बनाए जाने प्रस्तावित हैं। इनका कार्य 2031 तक पूरा होना संभावित है। इन बांधों के बनने से हरियाणा को अपने हिस्से का 1150 क्यूसिक पानी मिलेगा।