Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Haryana News: अब पूरे देश के स्कूली छात्र पढ़ेंगे पौराणिक नदी 'सरस्वती' का पाठ, हड़प्पा सभ्यता की मिलेगी जानकारी

पौराणिक नदी सरस्वती के बारे में अब हरियाणा के बाद पूरे देश के स्कूली बच्चे जान सकेंगे। इसके लिए एनसीईआरटी ने छठी कक्षा की सामाजिक विज्ञान की नई पाठ्यपुस्तक में जारी किया है। एनसीईआरटी द्वारा छठी कक्षा में शामिल नए पाठ्यक्रम द बिगनिंग ऑफ इंडियन सिविलाइजेशन में सरस्वती नदी को घग्गर-हाकरा नदी का नाम दिया गया है। हरियाणा में इसको एससीईआरटी के तहत दसवीं में पढ़ाया जा रहा है।

By Sudhir Tanwar Edited By: Deepak Saxena Updated: Mon, 22 Jul 2024 08:01 PM (IST)
Hero Image
अब पूरे देश के स्कूली छात्र पढ़ेंगे पौराणिक नदी 'सरस्वती' का पाठ (सांकेतिक)।

सुधीर तंवर, चंडीगढ़। हरियाणा के बाद अब पूरे देश के स्कूली बच्चे पाठ्यक्रम में पौराणिक नदी सरस्वती का पाठ पढ़ेंगे। राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) ने छठी कक्षा के लिए सामाजिक विज्ञान की नई पाठ्यपुस्तक जारी की है, जिसमें हड़प्पा सभ्यता को ‘सरस्वती सिंधु सभ्यता’ के नाम से पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है। प्रदेश में राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) की दसवीं कक्षा की पुस्तक में सरस्वती सिंधु सभ्यता नाम से पूरा पाठ्यक्रम पहले से शामिल है।

एनसीईआरटी द्वारा छठी कक्षा में शामिल नए पाठ्यक्रम 'द बिगनिंग ऑफ इंडियन सिविलाइजेशन' में सरस्वती नदी को घग्गर-हाकरा नदी का नाम दिया गया है। भारत में इसे घग्गर एवं पाकिस्तान में हकरा कहकर संबोधित किया जाता है क्योंकि इसी क्षेत्र में सरस्वती बहती थी और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) द्वारा पैलियो चैनल इसी ट्रैक के लिए गए थे।

हरियाणा सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड ने दीं शुभकामनाएं

स्कूली बच्चे पाठ्यक्रम के माध्यम से सरस्वती नदी के इतिहास एवं वर्तमान में नदी के किनारे स्थित आर्कियोलाजिकल साइट्स के बारे में जान सकेंगे। सरस्वती नदी पर पनपी सभी सभ्यताएं, जिनका वर्णन विभिन्न धार्मिक ग्रंथों में आता है, उसकी तमाम जानकारी सिलेबस में शामिल की गई है जिससे सरस्वती नदी के इतिहास के बारे में बच्चों को पढ़ने को मिलेगा। हरियाणा सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड ने एनसीईआरटी को पत्र लिखकर इसके लिए शुभकामनाएं प्रेषित की है।

ये भी पढ़ें: Haryana News: खुशखबरी! HKRN दिलाएगा प्रदेश के युवाओं को विदेश में नौकरी, जल्द ही निगम करेगा 13500 कर्मचारियों की नियुक्ति

सामाजिक विज्ञान में शामिल किया गया सरस्वती नदी का पाठ

हरियाणा सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष धुमन सिंह किरमच ने बताया कि हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की किताबों में सरस्वती नदी के ऐतिहासिक, पौराणिक व वैज्ञानिक आधार पर सरस्वती बोर्ड द्वारा किए गए प्रयास और सरस्वती के किनारे पनपी सभ्यताएं यथा आदि बद्री से लेकर कुरुक्षेत्र, राखीगढ़ी, कालीबंगा, बनावली, हड़प्पा, मोहनजोदड़ो, राजस्थान में कालीबंगा व गुजरात में धोलावीरा एवं लोथल के बारे में पढ़ाया जाता है। अब एनसीईआरटी की छठी कक्षा की सामाजिक विज्ञान की पुस्तक में सरस्वती नदी को शामिल करना स्वागत योग्य कदम है।

टाउन प्लानिंग की मिलेगी जानकारी

एनसीईआरटी द्वारा शामिल पाठ्यक्रम में सरस्वती सिंधु घाटी सभ्यता की सभी स्थलों में टाउन प्लानिंग को दर्शाया गया है। जितनी भी आर्कियोलाजिकल साइट्स सरस्वती नदी के किनारे हैं, वह सभी इसमें दिखाई गई हैं। सरस्वती नदी का वर्णन विश्व के सबसे प्राचीन ग्रंथ ऋग्वेद में मिलता है। जितने भी ग्रंथ हैं, उन सभी में सरस्वती को देवी के रूप में माना गया है।

ये भी पढ़ें: Haryana News: प्रधानमंत्री से मिले BJP प्रदेशाध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली, चुनाव को लेकर अहम चर्चा, PM ने बूथ प्रबंधन के सिखाए गुर