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मशरूम उत्पादकों के लिए खुशखबरी, हरियाणा में चीन के इस मशरूम की पैदावार

हरियाणा में भी चीन की ढींगरी मशरूम की पैदावार होगी। ये सब कुछ संभव होगा पराली के सदुपयोग से। इसके लिए उद्यान विभाग भी अनुदान देगा। अभी बटन मशरूम्‍ की हरियाणा में डिमांड है।

By Ravi DhawanEdited By: Updated: Sat, 05 Jan 2019 06:51 PM (IST)
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मशरूम उत्पादकों के लिए खुशखबरी, हरियाणा में चीन के इस मशरूम की पैदावार

यमुनानगर/पानीपत [संजीव कांबोज]। मशरूम की खेती करने वालों के लिए खुशखबरी है। बटन मशरूम के बाद अब चीन की प्रसिद्ध ढींगरी मशरूम आपको लखपति बना सकती है। ढींगरी मशरूम की खेती अब हरियाणा में भी हो सकेगी। विस्तृत खबर जानने के लिए पढ़ें ये खबर।

चीन में होने वाली ढींगरी मशरूम का उत्पादन अब हरियाणा में भी किया जा सकेगा। उद्यान विभाग इसके लिए उत्पादकों को अनुदान भी देगा। अभी तक प्रदेश के विभिन्न जिलों में केवल बटन मशरूम का उत्पादन हो रहा है। नए वित्तीय वर्ष में ढींगरी मशरूम उत्पादन के लिए भी बजट रखा जाएगा। 

ढींगरी मशरूम की खासियत
अन्य किस्म की मशरूम की तुलना में ढींगरी मशरूम को आसानी से उगाया जा सकता है। खास बात यह है कि इसके बीज यदि पराली पर यूं ही डाल दिए जाएं, तब भी यह उग जाती है। खाने में पौष्टिक और स्वादिष्ट होने के अलावा वसा और शर्करा कम होने से मोटापा, मधुमेह और रक्तचाप के मरीजों के लिए आदर्श आहार है। अन्य किस्म की मशरूम को बेहतर पैदावार के लिए 15 से 18 डिग्री सेल्सियस तापमान चाहिए होता है, जबकि ढींगरी मशरूम को 20 से 30 डिग्री सेल्सियस तापमान पर भी उगाया जा सकता है।

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आकर्षक रंगों में होती है ढींगरी
बटन मशरूम सफेद रंग की होती है जबकि ढींगरी मशरूम गुलाबी, पीले और क्रीम कलर की होती है। यह देखने में भी काफी आकर्षक लगती है, लेकिन हरियाणा के मशरूम उत्पादकों में इसके प्रति रूझान कम है। इसको शुष्क मौसम में भी उगाया जा सकता है।

बटन मशरूम उत्पादन में नंबर-1 हरियाणा
बटन मशरूम के उत्पादन में हरियाणा एक नंबर पर है। इसके उत्पादन में अब तक सोनीपत सबसे आगे था, लेकिन इस बार यमुनानगर ने 1200 मीट्रिक टन मशरूम का उत्पादन करके नंबर वन जिला बन गया है।

विशेषतौर पर चीन में होती है ढींगरी मशरूम की खेती
ढींगरी मशरूम विशेषतौर पर चीन में ही उगाई जाती है। हरियाणा में अभी इसका उत्पादन शुरू नहीं हुआ है, लेकिन अब उच्च स्तर पर प्रक्रिया चल रही है। राष्ट्रीय बागवानी मिशन के डायरेक्टर और अन्य अधिकारी चीन का दौरा कर चुके हैं। नए वित्तीय वर्ष में इसके लिए अलग से बजट रखा जाएगा और उत्पादकों को अनुदान भी दिया जाएगा।
डॉ. रमेश पाल सैनी, जिला उद्यान अधिकारी, यमुनानगर