महिलाओं के हाथ में सत्ता आई तो लोग भूल गए थाने का रास्ता
यमुनानगर के 19 गांवों की महिला सरपंचों ने जो रास्ता दिखाया उस पर 17 गांवों के पुरुष सरपंच भी चल दिए। 36 गांव में मामला थाने में नहीं जाता।
पानीपत/यमुनानगर, [पोपीन पंवार]। यकीन नहीं होता। लेकिन ऐसा है। एक, दो, तीन नहीं, 36 गांवों के 36 बिरादरी के लोगों में से कोई भी किसी विवाद पर थाने नहीं जाता। यमुनानगर के इन गांवों में 2015 से अब तक कोई भी अभियोग पुलिस में नहीं दर्ज हुआ है। इनमें 19 गांवों की सरपंच महिलाएं हैं। उन्होंने इस तरह की पहल की तो 17 अन्य गांवों के पुरुष सरपंच भी साथ आ गए।
अब तो दो लोगों में तकरार भी हो जाती है तो पंचायत दोनों से इकरार कर सुलह करा देती है और दोनों से सौहार्द बनाए रखने का इजहार करा लेती है। और इसके बाद वास्तव में 36 का आंकड़ा 63 में बदल जाता है। होता यह है कि विवाद होने पर गांव के बुजुर्ग मामले में हस्तक्षेप करते हैं। दोनों पक्षों को बैठाकर मामले को सुलझा लेते हैं। पंचायती तौर पर फैसला कर दिया जाता है, जिसको दोनों पक्ष स्वीकार करते हैं। यदि गांव में किसी को भी कोई परेशानी हो जाती है तो पूरा गांव उस व्यक्ति के साथ खड़ा हो जाता है। इसी वजह से गांव में विवाद ज्यादा देर तक टिक नहीं पाता।
सभी थानों के रिकॉर्ड करते हैं पुष्टि
यमुनानगर के एसपी कुलदीप सिंह बताते हैं कि सभी थानों के रिकॉर्ड इस की पुष्टि करते हैं। बीते तीन वर्षों में, कोई केस दर्ज नहीं हुआ। संबंधित थाना प्रभारियों व डीएसपी भी बताते हैं कि इन गांव के लोगों में एक दूसरे के प्रति सहयोग की भावना है। इसी वजह से इन गांवों के लोग मुकदमेबाजी से 36 कोस दूर हैं।
ये हैं गांव
छछरौली थाना एरिया में नगला माजरा, ताहरी, साबूदीनपुर, बच्चो व खानपुरी। रादौर थाना एरिया में धानूपुरा, पूर्णगढ़, हुडिया व कलेसरा। सदर यमुनानगर थाना एरिया में महमूदपुर व जामपुर। बिलासपुर थाना एरिया में सिघपुरा, नथनपुर व ताहरपुर। खिजराबाद थाना एरिया में मामलीवाला। सदर जगाधरी थाना एरिया में माधुवाला, पौंटी व मीरपुर साढौरा थाना एरिया में निजामपुर, नया गांव, कंडईवाला, गढ़ीबीरा, भोलीवाला, बना बहादुरपुर, उधमगढ़, तेवर, टुण्डे की टपरिया, टुण्डा बाग, टोडरपुर, सबड़ी, सालेहपुर, संगौली, मिल्क जुबालिया, नानड़ी, पीरवाला व ड्रमावाला।
सरपंच मीना देवी।
पंचायत स्तर पर निपटा लेते हैं झगड़ा : मीना देवी
भोलीवाला की सरपंच मीना देवी का कहना है कि उनके गांव में भाईचारा है। यहां मतभेद भले ही हों लेकिन मनभेद नहीं है। यदि आपस में कोई झगड़ा हो भी जाए तो पंचायत स्तर पर निपटा लिया जाता है। आपस में बैठकर ही गांव से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की जाती है।
शिक्षा की ओर है ध्यान : पिंकी देवी
धानुपुरा की सरपंच पिंकी देवी का कहना है कि ग्रामीणों का ध्यान शिक्षा व विकास की ओर है। इस कारण कोई झगड़ा होता ही नहीं। यदि छिटपुट झगड़ा हो भी जाए तो उसको आपस में बैठकर सुलझा लिया जाता है। सुख-दुख में भी ग्रामीण एक दूसरे का साथ देते हैं।