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Al Qaeda Network: भिवाड़ी में एक हफ्ते से छिपे थे आतंकी, किराये पर रूम लेकर हथियार चलाने की ले रहे थे ट्रेनिंग

Terrorist Training Camp राजस्थान से पाकिस्तानी आतंकी संगठन अलकायदा से जुड़े आतंकी गिरफ्तार किए जाने को लेकर नया खुलासा हुआ है। आतंकी भिवाड़ी में किराये पर कमरा लेकर एक हफ्ते से रह रहे थे। वह यहां हथियार चलाने की ट्रेनिंग ले रहे थे। केयर टेकर ने पैसों के लालच में उनके पते का सत्यापन कराए बिना कमरा किराये पर दे दिया था।

By Jagran News Edited By: Abhishek Tiwari Updated: Sun, 25 Aug 2024 08:29 AM (IST)
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चौपानकी में किराए पर कमरा लेकर सात दिन से रह रहे थे आतंकी। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

जागरण संवाददाता, भिवाड़ी। कस्बे चौपानकी से सटी अरावली पहाड़ी में हथियार चलाने का प्रशिक्षण लेने वाले अलकायदा से जुड़े आतंकियों ने पथरेड़ी औद्योगिक क्षेत्र की एक कॉलोनी में किराये पर कमरा लिया था। पकड़े जाने से पहले छह आतंकी दो कमरे लेकर सात दिन से रह रहे थे।

मकान के केयर टेकर को सभी ने एक कंपनी में नौकरी करने की बात बताकर कमरा लिया था। पैसों के लालच में केयर टेकर ने कमरा तो दे दिया, लेकिन उनके पते का सत्यापन नहीं कराया था। इनके यहां रहने की भनक पुलिस को भी नहीं मिली थी। जबकि जिस कॉलोनी में यह मकान है, वहां से एक किलोमीटर दूर ही चौपानकी पुलिस थाना है।

तीन मंजिल के मकान में हैं 120 कमरे

एक छोटी कॉलोनी की तरह बने तीन मंजिल के मकान में 120 कमरे हैं और आतंकियों ने दूसरी मंजिल पर 83 व 84 नंबर कमरा तीन हजार रुपये किराये पर लिया था और कमरे का गेट अधिकतर बंद रखते थे। आसपास के लोगों से बातचीत भी नहीं करते थे।

दिल्ली पुलिस की स्पेशल टीम जब कमरे पर पहुंची तो वहां से कुछ आपत्तिजनक सामान साथ ले गई, जबकि कमरे में एक जोड़ी जूता-चप्पल, पानी की खाली बोतलें, प्लेट, गद्दे व तकिया के अलावा बाथरूम में एक बाल्टी व मग रखा मिला है।

पुलिस ने नहीं किया था दोनों कमरों को सील

बृहस्पतिवार को आई दिल्ली पुलिस ने दोनों कमरों को सील नहीं किया था। मकान के अन्य कमरों में अधिकतर श्रमिक वर्ग के लोग रह रहे हैं। छह आतंकियों को दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल ने बृहस्पतिवार सुबह अरावली पहाड़ी से पकड़ा था। जो पहाड़ी में हथियार चलाने का प्रशिक्षण ले रहे थे।

लोगों को जब इन लोगों के आतंकी संगठन से जुड़े होने की जानकारी मीडिया से मिली तो वह अचंभित हो गए। मकान के पास ही शाहिद हुसैन की किराने की दुकान हैं और किराये पर कमरा देते हैं। मकान के केयर टेकर वही हैं।

तीन हजार रुपये एडवांस देकर चले गए

शाहिद हुसैन ने बताया कि गत 10 अगस्त को दो लोग किराये पर कमरा लेने आए थे और तीन हजार रुपये एडवांस देकर चले गए। उन्होंने कहा था कि जब वे लोग रहने आएंगे तो आईडी जमा करा देंगे। उसके बाद इन लोगों ने आकर कुछ सामान रख दिया और उन्हें पता नहीं चल पाया।

इसके बाद दिल्ली पुलिस इन लोगों को पकड़कर ले गई तो उन्हें इनके आतंकी संगठन से जुड़े होने की जानकारी मिली। उन्होंने कहा कि किरायेदारों से पहचान पत्र लेकर ही कमरा किराये पर दिया जाता है। जब उनसे पूछा गया कि पुलिस सत्यापन क्यों नहीं कराते, तो वह चुप्पी साध गए।

पुलिस सत्यापन के बिना रह रहे हैं किरायेदार

भिवाड़ी की अन्य कॉलोनियों की तरह यहां भी बिना पुलिस सत्यापन के किराये पर कमरा दे दिया जाता है। इससे अपराधियों के लिए यहां पर छिपना आसान हो जाता है। इसके अलावा कॉलोनी में सीसीटीवी कैमरा और अग्निशमन यंत्र भी नहीं लगाए गए हैं। पुलिस भी कॉलोनी मालिकों पर किरायेदारों के सत्यापन के बारे में कड़ा रुख नहीं अपना रही है, जिससे श्रमिक कॉलोनी अपराधियों की पनाहगाह बन रही है।