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ओपीडी के बाहर खड़े रहे मरीज, चिकित्सक पहुंचे नहीं

संवाद सहयोगी, बिलासपुर : हाल ही में राज्य के स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार द्वारा निरीक्षण के दौ

By JagranEdited By: Updated: Sat, 30 Jun 2018 02:57 AM (IST)
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ओपीडी के बाहर खड़े रहे मरीज, चिकित्सक पहुंचे नहीं

संवाद सहयोगी, बिलासपुर : हाल ही में राज्य के स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार द्वारा निरीक्षण के दौरान क्षेत्रीय अस्पताल बिलासपुर में व्यवस्था को सुधारने के किए दावे शुक्रवार को पिटते नजर आए। आलम यह रहा कि दूरदराज से आए सैकड़ों मरीज तो अस्पताल पहुंच गए लेकिन घंटों इंतजार के बाद भी चिकित्सक ओपीडी में नहीं पहुंचे। स्टाफ में किसी को भी यह जानकारी नहीं थी कि चिकित्सक कब ओपीडी में आएंगे। इस अव्यवस्था से बेहाल मरीज सरकार व अस्पताल प्रशासन को कोसते नजर आए।

पिछले लंबे समय से चिकित्सकों की कमी से जूझ रहे जिला मुख्यालय पर स्थित क्षेत्रीय अस्पताल मरीजों का दर्द कम नहीं कर पा रहा है। रोजाना सैकड़ों मरीज जिला के दूरदराज क्षेत्रों से अस्पताल में उपचार के लिए पहुंचते हैं लेकिन उनकी सही समय पर नब्ज नहीं टटोली जाती है। वर्तमान में स्थिति यह है कि चिकित्सक समय पर ओपीडी में नहीं पहुंच रहे हैं। शुक्रवार के दिन भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला। सुबह करीब नौ बजे से दोपहर डेढ़ बजे तक दर्जनों मरीज सर्जन और एमडी की ओपीडी के बाहर उनके आने का इंतजार करते रहे। घंटों इंतजार करने के बाद भी चिकित्सक ओपीडी में नहीं पहुंचे। लंबे समय तक इंतजार करने के बाद मरीजों के सब्र का बांध उस समय टूट गया, जब उन्हें पता चला कि चिकित्सक वार्ड में मरीजों को देख रहे हैं। कुछ मरीजों ने जब वार्ड में जाकर देखा तो वहां पर चिकित्सक मौजूद नहीं मिले। गुस्साए मरीज एसएमओ डॉ. सतीश शर्मा के पास पहुंचे और उन्हें पूरी स्थिति से अवगत करवाया।

नगर सुधार समिति के प्रधान दिनेश कुमार ने कहा कि अस्पताल प्रशासन चिकित्सकों के ओपीडी में लेट पहुंचने के बारे में मरीजों को सूचना देने के लिए बाहर नोटिस बोर्ड लगाए जाए या फिर किसी कर्मचारी की तैनाती की जाए।

दर्द से कराहते रहे मरीज.

गेहड़वीं के जगन्नाथ, ज्योरीपतन की कश्मीरा देवी, पंजगाई के बेलीराम भारद्वाज, घुमारवीं की सुनीता, हरलोग के संजीव चंदेल, बरोटा के गोपाल व ज्योपतन की आशा देवी सहित अन्य उपचार के लिए आए मरीज दर्द से कहराते रहे। उन्होंने बताया कि वे सुबह नौ बजे से ओपीडी के बाहर चिकित्सक का इंतजार कर रहे हैं लेकिन डेढ़ बजे कोई नहीं आया। जबली की 90 वर्षीय तीर्थी देवी ने बताया कि वह सुबह साढ़े सात बजे अस्पताल के लिए निकली थी। साढ़े चार घंटे इंतजार करने के बाद भी डॉक्टर ओपीडी में नहीं पहुंचे। बल्ह चुराणी के 45 वर्षीय सुभाष भी सुबह से अपनी पर्ची व रिपोर्ट लेकर इधर-उधर भटकते रहे।

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चिकित्सकों के समय पर ओपीडी में न पहुंचने की शिकायत मिली है। जानकारी लेने पर पता चला कि चिकित्सक वार्ड में राउंड करने के बाद एमरजेंसी केस को देखने चले गए थे। सिक्योरिटी इंचार्ज को निर्देश दिए गए हैं कि जब तक चिकित्सक ओपीडी में नहीं पहुंचते तब वे वहां मौजूद रहे।

-डॉ. सतीश शर्मा, एसएमओ बिलासपुर अस्पताल।

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अस्पताल में चिकित्सकों की कमी से कई बार समस्या आती है। अस्पताल में जो चिकित्सक तैनात हैं, वे वार्ड राउंड पर जाने के साथ ओपीडी भी देखते हैं। साथ ही उन्हें एमरजेंसी केस आने पर भी जाना पड़ता है।

--डॉ. राजेश आहलूवालिया, चिकित्सा अधीक्षक बिलासपुर अस्पताल।

----------------- इस बारे में अस्पताल प्रशासन से बात की जाएगी ताकि व्यवस्था में सुधार हो सके।

--सुभाष ठाकुर, सदर विधायक।