Dharamshala News: मौसम बना बाधा... लापता पोलैंड पायलट की लोकेशन मिलने के बावजूद नहीं पहुंच पाया बचाव दल
कुछ दिन पहले बैजनाथ की बिलिंग घाटी से फ्री फ्लायर के तौर पर उड़ाव भरने के बाद पोलैंड के 70 वर्षीय पायलट लापता हो गए थे। इसके बाद सेना द्वारा रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है। रविवार को सेना के कुछ जवान उनकी लोकेशन तक तो पहुंच गए लेकिन उनतक पहुंचना संभव नहीं हो पाया।
जागरण संवाददाता, धर्मशाला। बैजनाथ की बिलिंग घाटी से फ्री फ्लायर के तौर पर उड़ान भरने के बाद लापता हुए पोलैंड के 70 वर्षीय पायलट (Polish Paraglider Pilot) आंद्रेज कुलाविक का अभी तक सुराग नहीं लगा है। बचाव दल को पायलट की लोकेशन तीन दिन पहले मिल चुकी है, लेकिन जिस स्थान पर ग्लाइडर दिखा है। वहां पर ढलान होने के कारण बचाव दल का पहुंचना मुश्किल हो रहा है।
ऐसे में अतिरिक्त बचाव दल की जरुरत है। इससे एनडीआरएफ और सेना के बचाव दल को मौसम का साथ न मिलने के कारण अपने बेस कैंप में लौटना पड़ा।
रविवार को सेना के हेलीकाप्टर ने ग्लाइडर दिखने वाले स्थान पर बचाव दल के कुछ सदस्यों को उतारा, एनडीआरएफ दल लोकेशन के पास भी पहुंचा, लेकिन मौसम का साथ न मिलने के कारण बचाव दल को लौटना पड़ा। अब सोमवार को फिर से यहां पर बचाव दल जाएगा। पायलट का ग्लाइडर खड़ोता से ऊपर पहाड़ी मूल पीक पर देखा गया है। बचाव दल की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक. यह स्थान ग्लेशियर का अंतिम छोर है। यहां 90 डिग्री की ढलान के साथ नाला भी है।
पायलट की लोकेशन पर पहुंचे कुछ जवान
ऐसे में वहां कम जवानों के साथ पहुंचना संभव नहीं है। पायलट को ढूंढने के लिए अतिरिक्त जवानों की मदद से चेन बनाकर ही निकाला जा सकता है। पोलैंड के इस पायलट ने गत सोमवार बिलिंग से धर्मशाला के लिए उड़ान भरी थी और दो दिन के बाद पायलट की लोकेशन मिल गई थी।
उसके बाद से रोजाना पायलट तक पहुंचने का प्रयास किया जा रहा है लेकिन सफलता हासिल नहीं हो सकी है। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कांगड़ा वीर बहादुर ने बताया कि जहां पर पायलट की लोकेशन दिखी है वह खतरनाक स्थान है। इसके अलावा मौसम का साथ न मिलने से भी बचाव दल का काम रुक गया। बचाव दल अभी बेस कैंप में चला गया है, सोमवार को फिर से बचाव कार्य शुरू किया जाएगा।