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रंग-बिरंगी लाइट और फूलों से सजा मां चिंतपूर्णी का दरबार, पास से होंगे दर्शन, विदेशों से भी पहुंचते हैं श्रद्धालु

चिंतपूर्णी में शारदीय नवरात्र मेले की धूम 3 अक्टूबर से 12 अक्टूबर तक चलेगा मेला। मंदिर के कपाट सुबह 4 बजे खुलेंगे दर्शन पर्ची से ही होंगे मां के दर्शन। देश-विदेश से डेढ़ से दो लाख श्रद्धालुओं के आने की संभावना। मंदिर को दुल्हन की तरह सजाया गया है। श्रद्धालुओं के लिए लंगर की भी व्यवस्था की गई है। व्रत का भी खाना मिलेगा।

By Neeraj Kumari Edited By: Sushil Kumar Updated: Thu, 03 Oct 2024 01:55 PM (IST)
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Navratra 2024: रंग-बिरंगी लाइट और फूलों से सजा मां चिंतपूर्णी का दरबार।
जागरण टीम, चिंतपूर्णी। उत्तर भारत के प्रसिद्ध तीर्थस्थल चिंतपूर्णी में शारदीय नवरात्र मेले का आयोजन वीरवार से हो रहा है। यह नवरात्र मेला 3 अक्टूबर से से 12 अक्टूबर तक आयोजित होगा। 11 अक्टूबर को श्री दुर्गाष्टमी का त्योहार मां के दरबार में मनाया जाएगा।

प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुविधाओं के लिए बेहतर प्रबंधों का दावा किया है। मेले में देश-विदेश के डेढ़ से दो लाख श्रद्धालुओं के आने की संभावना जताई जा रही है। नवरात्र की पूर्व संध्या पर मां के मंदिर को दुल्हन की भांति सजा दिया गया है।

फूलों और लाइटों की सजावट श्रद्धालुओं के सहयोग से मंदिर प्रशासन ने की है। मंदिर में नवरात्र से पहले धार्मिक संस्थाओं के प्रबंधकों का पहुंचना शुरू हाे गया है। श्रद्धालुओं के लिए लंगर की व्यवस्था करेंगे। इन लंगरों में व्रत का खाना भी परोसा जाएगा।

दो स्थानों पर मिलेगी दर्शन पर्ची

शारदीय नवरात्र मेले को आयोजन को लेकर मंदिर प्रशासन ने प्रंबधों को अंतिम रूप दे दिया है। बुधवार शाम को मेला प्रबंधों की बैठक में मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए खोलने का निर्णय लिया गया है। हालांंकि, नवरात्र के पहले दिन वीरवार को मंदिर सुबह चार बजे खुलेगा।

इसके अलावा श्रद्धालुओं की संख्या को ध्यान में रखते हुए मंदिर के खोलने व बंद करने के लिए मंदिर न्यास ही अंतिम निर्णय लेगा।

वहीं, मेले के दौरान धारा 163 बीएनएसएस लागू रहेगी। इस दौरान कानून व व्यवस्था में तैनात जवानों को छोड़कर किसी भी व्यक्ति को शस्त्र लेकर चलने पर पूर्ण पाबंदी रहेगी। ढोल-नगाढ़े व चिमटा आदि बजाने पर भी रोक रहेगी। चिंतपूर्णी मंदिर में बिना दर्शनपर्ची के माता जी के दर्शन नहीं होंगे।

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दर्शन पर्ची दो स्थानों पर निशुल्क उपलब्ध करवाई जाएगी। यह पर्ची श्रद्धालुओं को मंदिर परिसर के गेट नंबर एक व दो में मिलेगी। यदि भीड़ बढ़ती है तो मंदिर न्यास एमआरसी पार्किंग परिसर व शंभू बाइपास पर भी दर्शन पर्ची के अतिरिक्त काउंटर खोल सकता है।

इसके अलावा सुगम दर्शन प्रणाली से भी भक्त मां के दरबार में शीश नवा सकेंगे। मेले के दौरान पुजारी वर्ग द्वारा जनकल्याण के लिए हवन की आहुतियां भी रोजाना मंदिर में डाली जाएंगी। वहीं नवरात्रों के दौरान दुर्गाष्टमी के दिन विशेष पूजा व कन्या पूजन किया जाएगा।

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स्वास्थ्य व आयुर्वेद विभाग स्थापित करेगा दो मेडिकल पोस्ट

शारदीय नवरात्र मेले के दौरान मां के भक्तों को आपातकालीन चिकित्सा सुविधा सुनिश्चित करने के लिए चिंतपूर्णी अस्पताल 24 घंटे सेवाएं प्रदान करेगा। इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग और आयुर्वेद विभाग की ओर से एक-एक मेडिकल पोस्ट स्थापित की जाएगी। जहां श्रद्धालुओं को आवश्यकता के अनुसार उपचार प्रदान किया जाएगा।

एलेापेथी का बूथ बाबा माइदास सदन चिंतपूर्णी में और आयुर्वेद विभाग का कैंप पुराने बस अड्डे में स्थापित किया जाएगा। दो रोगी वाहन भी मेला क्षेत्र में उपलब्ध रहेंगे। श्रद्धालुओं को स्वच्छ एवं साफ-सुथरा पानी मुहैया करवाने की जिम्मेदारी जल शक्ति विभाग की होगी।

मेले के दौरान भिक्षावृत्ति पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। इसे रोकने के लिए पुलिस, होमगार्ड के जवान कड़ी नजर रखेंगे। आग की घटनाओं की रोकथाम के लिए अग्निशमन विभाग को मेले के दौरान अपनी सेवाएं देगा।

चार सेक्टरों में बांटा मेला क्षेत्र

मेले के दौरान कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए मेला क्षेत्र को चार सेक्टर में बांटा गया है। सेक्टर एक मंदिर प्रवेश द्वार दर्शन स्थल, मुंडन स्थल, लिफ्ट, लक्कड़ बाजार से शंभू बैरियर तक तक, सेक्टर दो मुख्य बाजार, पुराना बस अड्डे से मंदिर के वापसी द्वार तक होगा। तीसरा सेक्टर तलवाड़ा बाईपास से मिरगू तक होगा जबकि चौथा सेक्टर बाबा माईदास सदन से लेकर शिव मंदिर, भरवाईं तक होगा। इसमें ढलियारा रोड़ में जिला की सीमा तक का क्षेत्र होगा।

शारदीय नवरात्र को लेकर प्रबंध पूरे

मंदिर अधिकारी अजय मंडयाल ने बताया कि मंदिर प्रशासन द्वारा शारदीय नवरात्र को लेकर प्रबंध पूरे कर लिए गए हैं। मां के दर्शनों को आने वाले श्रद्धालुओं को मंदिर न्यास द्वारा अधिक से अधिक सुविधाएं देने का प्रयास किया जाएगा।

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