रंग-बिरंगी लाइट और फूलों से सजा मां चिंतपूर्णी का दरबार, पास से होंगे दर्शन, विदेशों से भी पहुंचते हैं श्रद्धालु
चिंतपूर्णी में शारदीय नवरात्र मेले की धूम 3 अक्टूबर से 12 अक्टूबर तक चलेगा मेला। मंदिर के कपाट सुबह 4 बजे खुलेंगे दर्शन पर्ची से ही होंगे मां के दर्शन। देश-विदेश से डेढ़ से दो लाख श्रद्धालुओं के आने की संभावना। मंदिर को दुल्हन की तरह सजाया गया है। श्रद्धालुओं के लिए लंगर की भी व्यवस्था की गई है। व्रत का भी खाना मिलेगा।
जागरण टीम, चिंतपूर्णी। उत्तर भारत के प्रसिद्ध तीर्थस्थल चिंतपूर्णी में शारदीय नवरात्र मेले का आयोजन वीरवार से हो रहा है। यह नवरात्र मेला 3 अक्टूबर से से 12 अक्टूबर तक आयोजित होगा। 11 अक्टूबर को श्री दुर्गाष्टमी का त्योहार मां के दरबार में मनाया जाएगा।
प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुविधाओं के लिए बेहतर प्रबंधों का दावा किया है। मेले में देश-विदेश के डेढ़ से दो लाख श्रद्धालुओं के आने की संभावना जताई जा रही है। नवरात्र की पूर्व संध्या पर मां के मंदिर को दुल्हन की भांति सजा दिया गया है।
फूलों और लाइटों की सजावट श्रद्धालुओं के सहयोग से मंदिर प्रशासन ने की है। मंदिर में नवरात्र से पहले धार्मिक संस्थाओं के प्रबंधकों का पहुंचना शुरू हाे गया है। श्रद्धालुओं के लिए लंगर की व्यवस्था करेंगे। इन लंगरों में व्रत का खाना भी परोसा जाएगा।
दो स्थानों पर मिलेगी दर्शन पर्ची
शारदीय नवरात्र मेले को आयोजन को लेकर मंदिर प्रशासन ने प्रंबधों को अंतिम रूप दे दिया है। बुधवार शाम को मेला प्रबंधों की बैठक में मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए खोलने का निर्णय लिया गया है। हालांंकि, नवरात्र के पहले दिन वीरवार को मंदिर सुबह चार बजे खुलेगा।
इसके अलावा श्रद्धालुओं की संख्या को ध्यान में रखते हुए मंदिर के खोलने व बंद करने के लिए मंदिर न्यास ही अंतिम निर्णय लेगा।
वहीं, मेले के दौरान धारा 163 बीएनएसएस लागू रहेगी। इस दौरान कानून व व्यवस्था में तैनात जवानों को छोड़कर किसी भी व्यक्ति को शस्त्र लेकर चलने पर पूर्ण पाबंदी रहेगी। ढोल-नगाढ़े व चिमटा आदि बजाने पर भी रोक रहेगी। चिंतपूर्णी मंदिर में बिना दर्शनपर्ची के माता जी के दर्शन नहीं होंगे।
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दर्शन पर्ची दो स्थानों पर निशुल्क उपलब्ध करवाई जाएगी। यह पर्ची श्रद्धालुओं को मंदिर परिसर के गेट नंबर एक व दो में मिलेगी। यदि भीड़ बढ़ती है तो मंदिर न्यास एमआरसी पार्किंग परिसर व शंभू बाइपास पर भी दर्शन पर्ची के अतिरिक्त काउंटर खोल सकता है।
इसके अलावा सुगम दर्शन प्रणाली से भी भक्त मां के दरबार में शीश नवा सकेंगे। मेले के दौरान पुजारी वर्ग द्वारा जनकल्याण के लिए हवन की आहुतियां भी रोजाना मंदिर में डाली जाएंगी। वहीं नवरात्रों के दौरान दुर्गाष्टमी के दिन विशेष पूजा व कन्या पूजन किया जाएगा।यह भी पढ़ें- Himachal News: पहचान छिपाकर फास्ट फूड बेच रहे आलिम की दुकान बंद, कड़ाही में थूकने का आरोप, हिंदू नाम से दर्जी का काम
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