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Ladakh Governor: चीन, पाकिस्तान से युद्धों में हिस्सा ले चुके ब्रिगेडियर बीडी मिश्रा संभालेंगे लद्दाख की कमान

रणनीतिक रूप से अहम लद्दाख में विकास के साथ क्षेत्र की सुरक्षा भी एक अहम मुद्दा है। ऐसे में चीन पाकिस्तान से युद्धों में हिस्सा ले चुके ब्रिगेडियर बीडी मिश्रा लद्दाख के उपराज्यपाल के रूप में और भी प्रभावी तरीके से काम कर पाएंगे।

By Jagran NewsEdited By: Swati SinghUpdated: Sun, 12 Feb 2023 12:51 PM (IST)
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चीन, पाकिस्तान से युद्धों में हिस्सा ले चुके ब्रिगेडियर बीडी मिश्रा संभालेंगे लद्दाख की कमान

जम्मू, जागरण संवाददाता। लद्दाख में छठे शेड्यूल को प्रभावी बनाने के मुद्दे पर प्रदर्शनों के बीच नए उपराज्यपाल की जिम्मेदारी संभालने जा रहे सेवानिवृत ब्रिगेडियर बीडी मिश्रा के समक्ष विकास को तेजी देने के साथ जन आक्रोश कम करना मुख्य चुनौती होगा।

रणनीतिक रूप से अहम, लद्दाख में विकास के साथ क्षेत्र की सुरक्षा भी एक अहम मुद्दा है। ऐसे में चीन, पाकिस्तान से युद्धों में हिस्सा ले चुके ब्रिगेडियर बीडी मिश्रा लद्दाख के उपराज्यपाल के रूप में और भी प्रभावी तरीके से काम कर पाएंगे। इस समय लद्दाख के सीमांत क्षेत्र में सेना को विश्वास में लेकर बार्डर टूरिज्म को बढ़ावा देने की दिशा में काम हो रहा है।

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वहीं भारतीय प्रशासनिक सेवा के सेवानिवृत्त अधिकारी माथुर अनुच्छेद 370 हटने के बाद पहले उपराज्यपाल के रूप में क्षेत्र में विकास को तेजी देने के सूत्रधार बने। लेकिन उनके उपराज्यपाल के कार्यकाल के दौरान लद्दाख में लगातार जन आक्रोश बढ़ा व लद्दाखी लेह, कारगिल, जम्मू के बाद अपने मुद्दों को लेकर 15 फरवरी को दिल्ली में जंतर मंतर में प्रदर्शन करने की तैयारी कर रहे हैं।

आरके माथुर ने किया लद्दाख के लिए काम

भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी आरके माथुर ने 31 अक्टूबर 2019 को केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के पहले उपराज्यपाल के रूप में जिम्मेदारी संभाली थी। उनके कार्यकाल में लद्दाख में विकास, पर्यटन व बुनियादी ढांचे को विकसित करने की दिशा में दिशा में तेजी से काम हुआ। उनके कार्यकाल में लद्दाख को कार्बन न्यूट्रल बनाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपने को साकार करने की दिशा में भी बहुत काम हुआ। इस समय लद्दाख में देश के सबसे बड़े मेगा सोलर प्रोजेक्ट बनाने के सपने को साकार करने की दिशा में काम हो रहा है। लद्दाख में वर्ष 2030 तक 500 गिगावाट सौर उर्जा पैदा करने का प्रोजेक्ट बनाना है। इसके साथ लद्दाख में अनुच्छेद 370 समाप्त होने के बाद क्षेत्र में 1006 नई औद्योगिक इकाइयां स्थापित हुई थी। इस दौरान उद्योग में 122.71 करोड़ रुपये का निवेश हुआ।

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वहीं विकास को तेजी देने की मुहिम के बीच लद्दाख में प्रशासनिक अव्यवस्था का मुद्दा भी लगातार उठा। इस दौरान लेह व कारगिल काउंसिल भी कई लद्दाखियों के हितों को नजर अंदाज करने के मुद्दे पर प्रदर्शन करने के लिए मैदान में उतरी। लद्दाख के मुद्दों को लेकर लद्दाख एपेक्स बाडी व कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस के गठन के बाद क्षेत्रीय मुद्दों को लेकर आंदोलन जोर पकड़ना लगा। इस समय लद्दाख को राज्य बनाना, क्षेत्र में छठे शेड्यूल को प्रभावी बना लोगों के हितों के संरक्षण, लद्दाख के लिए लोक सेवा आयोग के गठन व लेह व कारगिल को अलग अलग संसदीय क्षेत्र बनाने को लेकर बड़े पैमाने पर अभियान जारी है।

लद्दाख को बचाने की चुनौती

लद्दाख के शिक्षाविद्ध सोनम वांगचुक ने जनवरी माह में अंत में पांच दिन तक खुले में अनशन करने के साथ लद्दाख प्रशासन पर लोगों के हितों को नजरअंदाज कर मनमर्जी करने के आरोप लगाए थे। लद्दाख एपेक्स बाडी व कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस पहले से ही उपराज्यपाल प्रशासन के खिलाफ मैदान में हैं। ऐसे हालात में केंद्र सरकार ने लद्दाख के उपराज्यपाल को उस समय बदला है जब क्षेत्र में स्थानीय मुद्दों को लेकर सर्दी खत्म होते ही बड़े पैमाने पर आंदोलन चलाने की तैयारी हो रही है।

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