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कश्मीर में एक और नई पार्टी का जन्म, नेशनल कॉन्फ्रेंस से निष्कासित पूर्व MLA ने किया गठन; उमर अब्दुल्ला पर बरसे

Jammu Kashmir Politics उमर अब्दुल्ला को आड़े हाथ लेते हुए जब्बार ने कहा कि अब शेर-ए-कश्मीर के मिशन को आगे ले जाने की खोखली बातें कर रहे हैं। वह वर्ष 1998 में ही भाजपा की गोद में बैठक कर केंद्र में मंत्री बन गए थे। शेर-ए-कश्मीर का मिशन भाजपा से हाथ मिलाना नहीं था। उनके मिशन को कामयाब बनाने के लिए मेरे पिता जैसे लोगों ने काम किया था।

By Jagran NewsEdited By: Mohammad SameerUpdated: Mon, 28 Aug 2023 07:00 AM (IST)
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कश्मीर में एक और नई पार्टी का जन्म

राज्य ब्यूरो, जम्मू: जम्मू-कश्मीर में मुख्यधारा की राजनीति में एक और पार्टी अस्तित्व में आई है। विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच कश्मीर के गांदरबल से नेशनल कांन्फ्रेंस के विधायक रहे इश्फाक जब्बार ने जम्मू कश्मीर यूनाइटेड मूवमेंट पार्टी नाम के संगठन का गठन किया।

बता दें कि अप्रैल में नेशनल कॉन्फ्रेंस ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए जब्बार को छह साल के लिए पार्टी से बाहर निकाल दिया था। इश्फाक कश्मीर में आतंकवाद के दौर पर क्षेत्र के कुछ नेताओं पर खूब बरसे। उन्होंने आरोप लगाया कि निर्दोष लोगों के खून पर दुकानदारी की खानदानी राज कायम रखा।

1987 जम्मू कश्मीर का टर्निंग प्वाइंट था। चुनाव में धांधली होने के कारण ही जम्मू कश्मीर में आतंक का दौर शुरू हुआ था। हमारी पार्टी जल्द कश्मीर में मूवमेंट बनेगी। आने वाले सभी चुनाव में पार्टी अपने उम्मीदवारों को मैदान में उतारकर नया कश्मीर बनाने के अपने मिशन को कामयाब बनाने के लिए काम करेगी। पार्टी प्रदेश की राजनीति में लोगों के लिए बेहतर विकल्प होगी।

उमर अब्दुल्ला पर निशाना

हम नौजवानों के लिए एक पुल बनकर लोकतंत्र को आगे ले जाना चाहते हैं। नेकां के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला को आड़े हाथ लेते हुए जब्बार ने कहा कि अब शेर-ए-कश्मीर के मिशन को आगे ले जाने की खोखली बातें कर रहे हैं। वह वर्ष 1998 में ही भाजपा की गोद में बैठक कर केंद्र में मंत्री बन गए थे।

शेर-ए-कश्मीर का मिशन भाजपा से हाथ मिलाना नहीं था। उनके मिशन को कामयाब बनाने के लिए मेरे पिता जैसे लोगों ने काम किया था। आप इस मिशन को बहुत पहले से छोड़ चुके हैं।

आपने पश्चिमी संस्कृति को अपना लिया था, हम तो आम कश्मीरी हैं। पूर्व मंत्री शेख जब्बार के पुत्र इश्फाक वर्ष 2014 में नेशनल कॉन्फ्रेंस की टिकट पर चुनाव जीते थे। उन्होंने 2019 में जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाने के बाद नेशनल कॉन्फ्रेंस से दूरी बना ली थी। ऐसे में नेशनल कांफ्रेंस के नेता उनसे खफा थे।